scorecardresearch
Sunday, 8 December, 2024
होमएजुकेशनपढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों के लिए बिहार सरकार शुरू करेगी 'मिशन दक्ष'

पढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों के लिए बिहार सरकार शुरू करेगी ‘मिशन दक्ष’

बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पिछले एक वर्ष से कड़े कदम उठा रही है.

Text Size:

पटना: बिहार सरकार ने पढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों के शिक्षण स्तर में सुधार के लिए एक दिसंबर से ‘मिशन दक्ष’ शुरू करने का निर्णय लिया है.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि ‘मिशन दक्ष’ के तहत राज्य शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को कहा है कि वह अधिकतम पांच छात्रों का समूह बनाएंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे. शिक्षकों को ‘‘चेतावनी’’ भी दी गई है कि लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 21 नवंबर को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा और उन्हें एक दिसंबर से दैनिक आधार पर अपने क्षेत्रों में कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी करने का अनुरोध किया है.

पत्र में कहा गया कि ‘मिशन दक्ष’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलावार निगरानी समितियां बनायी जाएंगी.

पत्र के अनुसार जिलाधिकारियों ने जुलाई में नियमित निरीक्षण और निगरानी शुरू की और यह पाया कि लगभग सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने-लिखने में कमजोर छात्रों की संख्या काफी अधिक है. इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में एक दिसंबर से ‘मिशन दक्ष’ शुरू करने का फैसला किया है ताकि ऐसे छात्रों के शिक्षण स्तर में सुधार हो सके.

पत्र में कहा गया, ‘‘ पढ़ने-लिखने में कमजोर छात्र स्कूलों में अपने अन्य साथियों से बहुत पीछे हैं. उनमें से कुछ उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पहुंचने के बावजूद हिंदी के सरल शब्दों को ठीक से पढ़ने में असमर्थ हैं.’’

पाठक ने निर्देश दिया कि ऐसे छात्रों की पहचान प्राथमिकता के आधार पर की जाए.

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ इसके बाद प्रधानाध्यापक शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाएं लेने के लिए कहेंगे (मध्याह्न भोजन के बाद). एक वक्त में पांच से ज्यादा छात्र नहीं होने चाहिए. ऐसे छात्रों को कठिन अवधारणाओं को समझने और सीखने की खाई को पाटने के लिए व्यक्तिगत रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी 25 लाख (लगभग) ऐसे कमजोर छात्र अप्रैल 2024 में अंतिम परीक्षाओं में शामिल होंगे. यदि ये छात्र परीक्षाओं में फेल होते हैं तो शिक्षा विभाग उनके संबंधित हेडमास्टर, शिक्षक और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.’’

बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पिछले एक वर्ष से कड़े कदम उठा रही है.

सितंबर में पाठक ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को उन छात्रों के माता -पिता के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया था जिनकी उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है, और इसमें सुधार के लिए उपाय करने को कहा था.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ें: UPSC कोचिंग संस्थानों के लिए आएगी एडवाइजरी, सरकार ने LBSNAA को लिखा पत्र


 

share & View comments