scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमएजुकेशनAAP सरकार ने पंजाबी विश्वविद्यालय के अनुदान को कम किया, VC ने 'सभी पंजाबियों' से संस्थान को 'बचाने' का आह्वान किया

AAP सरकार ने पंजाबी विश्वविद्यालय के अनुदान को कम किया, VC ने ‘सभी पंजाबियों’ से संस्थान को ‘बचाने’ का आह्वान किया

वीडियो बयान में, अरविंद कुमार बताते हैं कि भगवंत मान सरकार ने विश्वविद्यालय द्वारा मांगे गए 360 करोड़ रुपए की जगह 164 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.

Text Size:

चंडीगढ़: पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने वार्षिक बजट में पंजाबी विश्वविद्यालय के लिए 164 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा करने के कुछ घंटों बाद, विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद कुमार ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से इस कदम का विरोध किया और ‘सभी पंजाबियों’ से आह्वान किया कि अनुदान बढ़ाने और संस्थान को बंद होने से ‘बचाने’ के लिए सरकार पर दबाव बनाएं.

विश्वविद्यालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर जारी एक वीडियो में कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय द्वारा मांगे गए 360 करोड़ रुपए के मुकाबले केवल 164 करोड़ रुपए आवंटित करके ‘क्रूर मजाक’ किया है.

शुद्ध पंजाबी में बोलते हुए, कुलपति ने अपने पांच मिनट के संदेश में कहा कि कम आवंटन के साथ विश्वविद्यालय चलाना असंभव है. उन्होंने कहा कि अगर फंड की कमी के कारण विश्वविद्यालय बंद हो जाता है तो ‘यह पंजाब और पंजाबी की मौत की घंटी बज जाएगी.’

एक प्रसिद्ध क्वांटम फिजिस्ट, जिन्होंने पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर), मोहाली के डीन के रूप में काम किया था, कुमार को अप्रैल 2021 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान तीन साल के लिए पंजाबी विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था. उस समय राज्य का नेतृत्व कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे हैं.

कुमार के पूर्ववर्ती, प्रोफेसर बी.एस. घुमन लोक प्रशासन के एक अनुभवी अकादमिक विशेषज्ञ ने विश्वविद्यालय में एक बड़े वित्तीय संकट को लेकर नवंबर 2020 में इस्तीफा दे दिया था.

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने शुक्रवार को विधानसभा में 1.96 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले साल फरवरी में सत्ता में आने के बाद से राज्य में आम आदमी पार्टी सरकार का पहला पूर्ण बजट है. कुल मिलाकर, इस वर्ष के बजट में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए 17,072 करोड़ रुपए के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है.


यह भी पढ़ेंः UP सरकार में मंत्री राकेश सचान को 10 साल पहले मिले थे 72 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स; न फीस भरी, न ही लीज ली


वीसी का आह्वान

अपने बयान में, कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का वार्षिक वेतन बिल 468 करोड़ रुपए था, जो प्रति माह 39 करोड़ रुपये में अनुवादित हुआ था. ‘अगर हम पानी, बिजली बिल आदि के लिए और 100 करोड़ रुपए जोड़ते हैं, तो विश्वविद्यालय का कुल बजट लगभग 575 करोड़ रुपये है. इसमें से यूनिवर्सिटी फीस और संबद्धता के जरिए 200 करोड़ रुपए जुटाने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को स्पष्ट कर दिया था कि 360 करोड़ रुपए के अनुदान के बिना, ‘हमारे लिए विश्वविद्यालय चलाना असंभव होगा.’

राज्य सरकार की वित्तीय मजबूरियों को स्वीकार करते हुए कुमार ने कहा कि यह समझ में आता है कि विश्वविद्यालय द्वारा मांगी गई बजटीय सहायता में मामूली कटौती की गई थी.

उन्होंने कहा, ‘यह सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अपनी चिंता का बखान करती रही है. 29 मार्च (पिछले साल) को मुख्यमंत्री (भगवंत मान) ने यहां कहा था कि उन्हें पता चला है कि शिक्षा पर कर्ज हो गया है और वह इसे सुधार लेंगे. लेकिन अब इस अनुदान के साथ, (गुरुवार के बजट के हिस्से के रूप में घोषित), शिक्षा न केवल कर्ज में है, बल्कि यह बनी रहेगी.’

पंजाबी भाषा, साहित्य और कला को आगे बढ़ाने के लिए 1962 में पंजाबी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। वीसी ने पंजाब सरकार से अनुदान बढ़ाकर 360 करोड़ रुपए करने की अपील करते हुए कहा, ‘हमारा 60 साल पुराना विश्वविद्यालय है… और हम यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि यह बंद न हो.’

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पंजाब में मालवा क्षेत्र के गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग दो लाख छात्रों को बहुत कम फीस पर उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह अनुदान प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है, हम इसके लिए भीख नहीं मांग रहे हैं.’

उन्होंने पंजाबी भाषा से जुड़े सभी लोगों से अनुदान के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ेंः पुलिस के मुखिया को पद से हटाए जाने के 9 महीने बाद भी क्यों एक अस्थायी DGP के भरोसे है UP पुलिस?


 

share & View comments