जम्मू/नई दिल्ली: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि देश के पास ऐसी प्रणालियां मौजूद हैं जो सौ किलोमीटर के दायरे तक मौजूद हथियारों को निशाना बना सकती हैं.
चौहान ने कहा इन्हें लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा गया है बल्कि इन्हें ‘‘अभियान के दौरान‘‘ इस्तेमाल किया जाएगा.
सीडीएस जनरल सोमवार को जम्मू में नॉर्थ टेक सिम्पोजियम में बोल रहे थे. सीडीएस ने अनिल चौहान ने कहा, “हमने कुछ साल पहले ही यह ‘आत्मनिर्भरता’ व्यवसाय शुरू किया था. परिणाम हम सभी के सामने हैं.अगर हम इस विशेष रास्ते पर चलते हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब हम प्रमुख रक्षा उत्पादकों में से एक होंगे.”
सीडीएस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आप इस प्रदर्शनी को और करीब से देखें. आपको यहां ऐसी प्रणालियां मिलेंगी जो सौ किलोमीटर के दायरे में मौजूद गोला-बारूद को निशाना बना सकती हैं. अगर आप उनसे पूछें, तो लोगों ने इसे खरीदा है. लोगों ने इसे लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा है बल्कि उन्हें अभियान के दौरान उपयोग किया जाना है. इसमें से कुछ एक विशेष समय पर हमारे भंडार का हिस्सा होंगी.’’
सीडीएस ने सोमवार को यहां शुरू हुए ‘नॉर्थ टेक सिम्पोजियम’ में स्वदेशी रूप से निर्मित रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए लगाए गए स्टाल का दौरा किया.
एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका की तरह ड्रोन का उपयोग कर सकता है, सीडीएस ने नयी दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के आसपास हालिया सुरक्षा व्यवस्था का उल्लेख किया और कहा कि थलसेना, वायु सेना और नौसेना ने सम्मेलन परिसर के आस-पास और हवाई-अड्डे पर बड़ी संख्या में ड्रोन रोधी प्रणालियां लगाई थीं.
सीडीएस ने कहा कि सशस्त्र बल ड्रोन समस्या से अवगत है और उसने आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त मात्रा में ये उपकरण खरीदे हैं.
अनिल चौहान ने यह भी कहा कि प्रदर्शनी में प्रदर्शित गोला-बारूद न केवल लक्ष्य अभ्यास के लिए खरीदा गया है, बल्कि परिचालन में भी इस्तेमाल किया जाएगा.
सीडीएस ने कहा कि “मैं चाहता हूं कि आप इस विशेष प्रदर्शनी को और करीब से देखें. आपको ऐसे गोला-बारूद मिलेंगे जिनकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर है. हमलोगों ने इसे खरीदा है और इसका मकसद केवल इसे लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा है बल्कि इन्हें परिचालन में उपयोग किया जाना है.
इससे पहले अगस्त में, जनरल अनिल चौहान ने मैरीटाइम थिएटर कमांड की बारीकियों और समुद्री क्षेत्र में संबंधित मुद्दों के बारे में तीनों सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया था.
जनरल चौहान ने कहा कि भारत दुनिया के प्रमुख रक्षा उत्पादकों में से एक बनकर उभरेगा क्योंकि देश ‘‘आत्मनिर्भरता’’ की राह पर आगे बढ़ रहा है, जिसका आह्वान कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.
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