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Monday, 23 December, 2024
होमडिफेंसक्या वो ब्रह्मोस था? पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के दावे की जांच कर रहा है भारत

क्या वो ब्रह्मोस था? पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के दावे की जांच कर रहा है भारत

पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके हवाई क्षेत्र में भारत से बिना वारहेड (बारूद) वाली मिसाइल आई है. मिसाइल का विवरण ब्रह्मोस से मेल खाता है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कोई भी मिसाइल पाकिस्तान को लक्ष्य करके नहीं दागा गया था.

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नई दिल्ली: भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान पाकिस्तानी सेना के गुरुवार की रात को किए गए उस दावे की छानबीन कर रहा है जिसमें उसने भारत पर आरोप लगाया कि बुधवार को उसके हवाई क्षेत्र में बिना वारहेड की जो मिसाइल आई थी वह भारत की है. पाकिस्तान ने दावा किया है कि मिसाइल हरियाणा में सिरसा के पास से आई थी और राजस्थान में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की ओर जा रही थी लेकिन पश्चिम की ओर मुड़कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गई.

इसको लेकर भारत की ओर से शुक्रवार को बयान जारी हो सकता है.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े कई सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है, हालांकि, उन्होंने इस विषय पर कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने इस बात का संकेत दिया है कि शाम तक इस मामले में बयान जारी हो सकता है.

मिसाइल के बारे में पाकिस्तान की ओर से दी गई जानकारी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से मेल खाती है. भारत में इस मिसाइल का इस्तेमाल कई सालों से हो रहा है और यह अपनी बेहतरीन सटीकता के लिए जानी जाती है.

इस मिसाइल की रेंज अब बढ़कर 400 किलोमीटर हो गई है. यह भारतीय सैन्य बेड़े में सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल है. सूत्रों ने कहा कि वे पाकिस्तानी सेना के दावे की छानबीन कर रहे हैं लेकिन सच यही है कि ऐसी कोई भी मिसाइल पाकिस्तान की ओर लक्ष्य नहीं की गई है.

पाकिस्तान ने मामले में शुक्रवार सुबह भारत के चार्ज डी अफेयर्स के पास यह कहते हुए विरोध दर्ज करवाया है कि भारतीय मूल के ‘सुपर-सोनिक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट’ से उसके हवाई क्षेत्र का बेवजह उल्लंघन हुआ है.


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क्या है पाकिस्तान का दावा?

गुरुवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, ‘नौ मार्च की शाम 6 बजकर 43 मिनट पर भारतीय क्षेत्र से कोई चीज तेज गति से उड़ी, इसने अपना लक्ष्य बदल लिया और पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गई और पाकिस्तानी जमीन पर गिरी, जिसकी वजह से सिविलियन इंस्टॉलेशन को कुछ नुकसान पहुंचा लेकिन इससे किसी की जान जाने की कोई जानकारी नहीं है.’

उन्होंने कहा कि बुधवार की रात को पंजाब (पाकिस्तान के) के खानेवाल जिला के मियां चन्नू में यह मिसाइल गिरी.

एक सवाल के जवाब में इफ्तिखार ने कहा कि यह बिना हथियारों के साथ, जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल लग रही थी लेकिन इसकी सही प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

उन्होंने यह भी दावा कि मिसाइल 40,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी और इसकी वजह से पाकिस्तान के वायु क्षेत्र में उस समय उड़ान भर रहे हवाई जहाज खतरे में आ गए. उन्होंने कहा कि मिसाइल ने गिरने से पहले 207 किलोमीटर की दूरी तय की थी.


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ब्रह्मोस से मिलता-जुलता विवरण

सूत्रों के मुताबिक, विवरण ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से मेल खाने वाला है और वारहेड के बिना होने का मतलब है कि परीक्षण के तौर पर यह फायरिंग की गई थी.

हालांकि, उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि यह वाकई ब्रह्मोस था या नहीं.

भारतीय सेना और वायुसेना दोनों के पास ब्रह्मोस मिसाइल है. भारतीय वायुसेना के पास आसमान से लॉन्च होने वाला ब्रह्मोस भी है जिसे Su 30 MKI के जरिए दागा जाता है. इसके अलावा, जमीन से जमीन पर मार करने वाला मिसाइल भी है.

सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस किस तरह से उड़ान भरेगा यह उसके तय लक्ष्य पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, अगर इसे जहाज पर रखकर लॉन्च किया जाता है, तो यह पहले ऊपर जाएगा और फिर यह समुद्र के ऊपर से उड़ान भरेगा.

सूत्रों ने कहा कि जमीन से जमीन पर मार करने वाले वर्जन में मिसाइल पहले कई फीट ऊपर की ओर जाती है. यह इस पर निर्भर करता है कि लक्ष्य कितनी दूर है. इसके बाद, यह अलग-अलग ऊंचाई पर उड़ान भरता है.

गौरतलब है कि सिरसा में ब्रह्मोस का बेस नहीं है. मिसाइल सिस्टम को खास तरह के ट्रकों पर रखकर चलाया जाता है और इसे एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाया जा सकता है. इस तरह की मिसाइलों का परीक्षण आमतौर पर भारत के पूर्वी तट पर और अंडमान और निकोबार कमांड की ओर से किए जाते हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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