नई दिल्ली: 2018 में तेलंगाना के डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी (एएफए) में पासिंग आउट परेड से कुछ दिन पहले फ्लाइंग कैडेट योगेश यादव के किरण ट्रेनर विमान में खराबी आ गई और उन्हें पैराशूट का सहारा लेकर कूदना पड़ा.
विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान यादव, जो उस समय राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक होने के बाद एएफए में प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे, पैराशूट के सहारे कूदकर वहां से लगभग 200 मीटर की दूरी पर उतरे. इस दौरान उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया और अन्य चोटें भी आईं.
इसके साथ ही वायु सेना पायलट बनने का उनका सपना भी टूट गया, क्योंकि उनकी चोटें गंभीर थीं और उन्हें कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मार गया था.
वायुसेना के एक सूत्र ने दिप्रिट को बताया, ‘लेकिन यादव हार मानने वालों में से नहीं थे. वह अपना प्रशिक्षण पूरा करने और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल होने के लिए एकदम दृढ़ थे.’
यादव ने शनिवार को अकादमी से सफलतापूर्वक स्नातक पूरा किया और एकाउंट ब्रांच में एक फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गए.
इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने उन्हें बधाई दी.
सूत्रों ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में यादव को चिकित्सा आधार पर बाहर (सेवा से छुट्टी) कर दिया गया होता. लेकिन वह अपने दृढ़ निश्चय से पीछे नहीं हटे और भारतीय वायुसेना से अपील की कि उन्हें बल में सेवाएं देना जारी रखने की अनुमति दी जाए.
हालांकि, उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए लगभग दो साल तक पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना पड़ा.
Very Heartening news…
Flt Cdt Yogesh Yadav suffered ejection injury 10 days short of PoP, became paraplegic.
An epitome of grit he's now going back to AFA to resume training.
Grateful to @rajnathsingh ACM Bhadauria Sr Offrs of IAF & MoD for considering his case favorably! pic.twitter.com/ztgyFZS3f0— Ankur Chaturvedi?? (@ChatyTheCheetah) December 12, 2020
यह भी पढ़े: पंजाब में पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर दिखा था ड्रोन, BSF ने मार गिराया
वायुसेना ने उनके बुलंद इरादों को देखा और उन्हें इसकी अनुमति देने का फैसला किया. लेकिन इसके लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत थी.
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल योगेश यादव को सेवा में बने रहने की मंजूरी दे दी थी.
ये दृढ़ प्रतिज्ञ कैडेट इस साल के शुरू में एएफए में वापस आ गया और एकाउंट ब्रांच के लिए ऑर्डर ऑफ मेरिट में पहले स्थान पर रहा.
सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के एक अधिकारी के तौर पर यादव वायु सेना के नियमों से बंधे रहेंगे. लेकिन, चूंकि वह लकवाग्रस्त है इसलिए उसके लिए कुछ नियमों में ढील दी जाएगी.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़े: 1971 के युद्ध के 50 साल—कैसे सेना, इंटेल और नेताओं ने मिलकर भारत को दिलाई थी बेहतरीन जीत