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Wednesday, 20 November, 2024
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रूसी समाचार एजेंसी TASS ने कहा कि पिछले साल जून में गलवान में 45 चीनी सैनिक मारे गए थे

एक लेख में तास ने कहा कि मई और जून 2020 में, उस इलाक़े में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कम से कम 20 भारतीय, और 45 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी.

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नई दिल्ली: रूसी समाचार एजेंसी तास ने बुद्धवार को दावा किया, कि पिछले साल जून में, पूर्वी लद्दाख़ की गलवान घाटी में हुई झड़पों के दौरान, ‘कम से कम 20 भारतीय और 45 चीनी सैनिक मारे गए थे’.

एक लेख में, जिसमें पैंगॉन्ग त्सो झील के पास की सरहद से, चीन और भारत के सैनिकों की वापसी के बारे में, चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान का विस्तार से हवाला दिया गया है, तास ने कहा, ‘मई और जून 2020 में, उस इलाक़े में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कम से कम 20 भारतीय और 45 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी’.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि सैन्य कमांडरों के स्तर पर, नौवें दौर की बातचीत के बाद ही, दोनों सेनाओं के एक साथ पीछे हटने को लेकर, समझौते पर पहुंचा जा सका, जिसकी संख्या बढ़कर दोनों ओर 50,000 पहुंच गई थी.

जून 2020 में, चीन ने पूर्वी लद्दाख़ में हुई झड़प में, 40 से अधिक चीनी सैनिकों के मारे जाने की ख़बरों को, ‘फेक न्यूज़’ क़रार दिया था.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झ़ाओ लिजियान ने कहा था, ‘जहां तक आपके मीडिया में देखने का सवाल है, मसलन कुछ लोगों ने आरोप लगाया, कि चीन की ओर से मरने वालों की संख्या 40 थी, तो मैं यक़ीन के साथ आपसे कह सकता हूं, कि ये फेक न्यूज़ है’.


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चीन का मृतकों की संख्या बताने से इनकार

गलवान घाटी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने अपने मृतकों की संख्या नहीं बताई. जब एक वेबिनार में पूछा गया, कि अमेरिकी इंटेलिजेंस की ख़बरों के मुताबिक़, चीन की पीपुल्स आर्मी के 34 सैनिक मारे गए थे, तो भारत में बीजिंग के राजदूत सन वीडॉन्ग ने सवाल का जवाब नहीं दिया, और कहा कि इससे स्थिति को सुधारने में मदद नहीं मिलेगी.

15 जून को गलवान घाटी में झड़प के बाद से, चीन अपने मृतकों की संख्या पर, टिप्पणी करने से इनकार करता रहा है. लेकिन ख़बरों में कहा गया था, कि मारे जाने वालों में, चीनी सेना का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था.

कुछ ख़बरों में, चीन की ओर से मारे गए सैनिकों की संख्या भी बताई गई थी. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने, जिनपर दिल्ली दंगों से पहले भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया गया है, झूठा दावा किया कि 100 चीनी सैनिक मारे गए थे. जबकि एक अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका न्यूज़ वीक ने दावा किया, कि भारत के साथ झड़प में, 60 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे.

चीन, रूस और भारत सभी, अर्थव्यवस्थाओं के एक उभरते समूह का हिस्सा हैं, जिसे ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका) कहा जाता है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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