नई दिल्ली: पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत और अफगान तालिबान के खिलाफ रुख तेज़ कर दिया है और दोनों पर ‘मिलिटेंट प्रॉक्सी’ के जरिए पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप लगाया है.
अब्बोटाबाद के काकुल में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में शनिवार को बोलते हुए मुनीर ने कहा कि अगर ‘प्रॉक्सी’ सीमा पार से सक्रिय रहे तो पाकिस्तान जबरदस्त जवाब देगा.
उन्होंने कहा, “हम कभी भी आपकी बयानबाज़ी से भयभीत या दबाए नहीं जाएंगे और किसी भी छोटी उकसावे पर भी निहतार होकर नहीं — परिप्रेक्ष्य से परे निर्णायक जवाब देंगे, बिना किसी हिचकिचाहट के. हमारे प्रतिद्वंद्वी का Fitna al-Hind और Fitna al-Khawarij को भाड़े के जवानों की तरह इस्तेमाल करना उसकी पाखंडी और भयावह शक्ल को दुनिया के सामने उजागर करता है और उतना ही चिंताजनक है कि अफगान धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए हो रहा है.”
पाकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को Fitna al-Khawarij कहता है और जुलाई में उसने बलोचिस्तान में सक्रिय सभी उग्रवादी समूहों को आधिकारिक तौर पर ‘Fitna al-Hindustan’ करार दिया था. इस्लामाबाद का आरोप है कि भारत टीटीपी और बलोचिस्तान में उग्रवाद को प्रायोजित कर रहा है.
मुनीर ने शनिवार को कहा, “अफगान तालिबान शासन को उन प्रॉक्सियों को काबू में करना चाहिए जिनके लिए अफगानिस्तान में पनाहगार हैं. सब्र रखिए, जैसे पारंपरिक क्षेत्र में हमारी जीत हुई थी, हमारे पड़ोसी के हर स्टेट प्रॉक्सी को, इजाज़ा हो तो, मिटा दिया जाएगा, अल्लाह की मर्ज़ी से, हम गुमराह आतंकवादियों के आगे झुकेंगे नहीं जिनकी इस्लाम की विकृत व्याख्या है.”
ये टिप्पणी पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस आरोप के कुछ ही दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ “भारत का प्रॉक्सी युद्ध” लड़ रहा है और इसके लिए अफगानिस्तान में पनाहगारों से लड़ रहा है.
इसके बाद मुनीर ने भारत को धमकी भी दी, कहकर कि पाकिस्तान “किसी भी छोटी उकसावे पर योजना से परे माकूल जवाब देगा.”
उन्होंने कहा, “मैं भारत की सैन्य नेतृत्व को सलाह देता और सख्ती से चेतावनी देता हूं कि परमाणु-युक्त माहौल में जंग के लिए कोई जगह नहीं है. बढ़ती तनातनी की जिम्मेदारी, जिसके विनाशकारी परिणाम पूरे क्षेत्र के लिए हो सकते हैं, सरीखे तौर पर भारत के ऊपर रहेगी.”
पाकिस्तान सेना प्रमुख ने कहा, “युद्ध-कठोर सेना ने उप-पारंपरिक और पारंपरिक दोनों क्षेत्रों में अपनी ताकत सफलतापूर्वक दिखाई है. पाकिस्तान का किसी भी भविष्य के आक्रमण पर जवाब “आगे की शुरुआत करने वालों की अपेक्षाओं से कहीं ज़्यादा सैन्य और आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा. संघर्ष और संचार क्षेत्रों के बीच घटती सीमाओं के साथ, हमारे हथियार प्रणालियों की पहुंच और घातकता भारत के भौगोलिक युद्धक्षेत्र की सही-गलत सुरक्षा भावना को चूर कर देगी, जो गहरी प्रतिकारात्मक सैन्य और आर्थिक क्षति पहुंचाई जाएगी, वह उन उपद्रव और अस्थिरता फैलाने वालों की कल्पना और हिसाब से कहीं आगे होगी.”
मुनीर का ट्रंप, दुर्लभ खनिज और मुस्लिम दुनिया पर बयान
पाकिस्तान की मौजूदा कूटनीतिक लाइन को आगे बढ़ाते हुए फील्ड मार्शल असिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “दुनिया के कई संघर्षग्रस्त इलाकों में शांति लाने के लिए की गई व्यक्तिगत कोशिशों और रणनीतिक नेतृत्व” की तारीफ की. उन्होंने पाकिस्तान को एक “नेट रीजनल स्टेबलाइज़र” बताया, जिसकी चीन, सऊदी अरब और अमेरिका के साथ “फिर से ऊर्जा से भरी” साझेदारी गहराती जा रही है.
हर तरफ संतुलन साधने की कोशिश में, उन्होंने चीन-पाकिस्तान सहयोग को “हर मौसम की रणनीतिक साझेदारी” बताया और फिर पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों की ओर इशारा किया.
उन्होंने कहा, “हमारी ज़मीन के नीचे दशकों से छिपे खज़ाने अब उजागर होने लगे हैं, जो हमारे उज्जवल भविष्य की उम्मीद की किरण हैं. हमारी प्रतिभाशाली और ऊर्जावान युवा पीढ़ी कई क्षेत्रों में कमाल कर रही है.”
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने हाल ही में बलूचिस्तान के खनिज संपदा से भरपूर प्रांत में स्थित पसनी बंदरगाह को अमेरिका को देने का प्रस्ताव किया है, ताकि ट्रंप प्रशासन से नज़दीकियां बढ़ाई जा सकें. फाइनेंशियल टाइम्स ने इस महीने की शुरुआत में यह जानकारी दी थी.
दुर्लभ खनिजों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच ट्रंप प्रशासन वैश्विक सप्लाई चेन सुरक्षित करने को प्राथमिकता दे रहा है. इसी क्रम में पाकिस्तान ने अमेरिका की मिसौरी स्थित कंपनी यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (USSM) के साथ 500 मिलियन डॉलर का समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया. मुनीर इस हस्ताक्षर समारोह में मौजूद थे.
इसके बाद मुनीर ने दावा किया कि इस्लामाबाद ने “ईरान के साथ शांति वार्ताओं को दिशा देने में विनम्र योगदान” दिया है और कहा कि मुस्लिम देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध “तेज़ी से बढ़ रहे हैं”.
फील्ड मार्शल मुनीर ने कहा, “याद रखिए, हमारे दुश्मन अपने निहित स्वार्थों के लिए जनता और सेना के बीच दरार डालने की साज़िश में जुटे हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि जनता और सेना के बीच का रिश्ता अटूट है.”
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