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Monday, 6 May, 2024
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अरब सागर में हाईजैक जहाज की भारतीय नौसेना कर रही है निगरानी- मदद के लिए भेजे विमान और युद्धपोत

एमवी रूएन ने गुरुवार को संकट संकेत भेजा था जिसमें कहा गया था कि छह घुसपैठियों ने जहाज पर कब्जा कर लिया है. नौसेना ने एक बयान में कहा, यह अब सोमालिया की ओर बढ़ रहा है.

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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने शनिवार को कहा कि वह अरब सागर में हाइजैकेड माल्टा ध्वज वाले जहाज पर करीब से नजर रख रही है और स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के लिए उसने अपने विमान और युद्धपोत भेजे हैं.

जहाज, एमवी रुएन, जिसमें 18 चालक दल के सदस्य थे, ने गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) पोर्टल पर एक संकट संकेत भेजा था, जिसमें कहा गया था कि छह घुसपैठियों ने जहाज पर कब्जा कर लिया है.

नौसेना का समुद्री गश्ती विमान, जो क्षेत्र में निगरानी कर रहा था, को संकट कॉल प्राप्त होने के बाद एमवी रुएन का पता लगाने और सहायता करने के लिए तैनात किया गया था.

नौसेना ने अपने बयान में कहा कि नौसेना का विमान शुक्रवार तड़के हाइजैक जहाज के ऊपर से गुजरा और लगातार जहाज की गतिविधियों पर नजर रख रहा है, जो अब सोमालिया की ओर बढ़ रहा है.

नौसेना के युद्धपोत, जो अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती विरोधी गश्त पर थे, ने भी शनिवार तड़के हाइजैक जहाज को रोक लिया.

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नौसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में अन्य एजेंसियों और बहु-राष्ट्रीय बल (एमएनएफ) के साथ समन्वय में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है.

बयान में कहा गया है, “भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में पहली प्रतिक्रियाकर्ता बनने और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों और मित्रवत विदेशी देशों के साथ व्यापारी शिपिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

यह घटना कथित तौर पर 1 जनवरी को हिंद महासागर पर उच्च जोखिम क्षेत्र (एचआरए) चेतावनी हटाए जाने के बाद हुई. एचआरए की स्थापना 2010 में हिंद महासागर में की गई थी, जब समुद्री हितों और सुरक्षा की रक्षा के लिए सोमाली समुद्री डकैती अपने चरम पर थी.

हिंद महासागर क्षेत्र भारत के आर्थिक और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है, और देश अदन की खाड़ी और पूर्वी अरब सागर में समुद्री डकैती विरोधी अभियानों में भाग लेता रहा है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नौसेना ने अक्टूबर 2008 में अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त शुरू की और तब से लगातार उपस्थिति बनाए रखी है.

रिपोर्टों के अनुसार, भारत का लगभग 13 प्रतिशत व्यापार अदन की खाड़ी मार्ग पर निर्भर करता है, और हजारों भारतीय नाविक हर दिन हिंद महासागर को पार करने वाले सैकड़ों विदेशी जहाजों पर काम करते हैं.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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