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Thursday, 25 April, 2024
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भारत में अपनी तरह के पहले सम्मेलन में जुटे दर्जनों देशों के खुफिया प्रमुख और उपप्रमुख

ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, आसियान सहित कई देशों के खुफिया संगठनों के प्रतिनिधियों ने रविवार को ‘अनौपचारिक’ बैठक में हिस्सा लिया. इसका उद्देश्य कार्यप्रणाली में एक निकटता कायम करना है.

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नई दिल्ली: ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका, आसियान और कई मध्य एशियाई देशों के अंतरराष्ट्रीय खुफिया संगठनों के प्रमुख और उपप्रमुख रविवार को भारत में आयोजित अपनी तरह के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में थे.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि ये कॉन्क्लेव तीन दर्जन से अधिक देशों से जुड़ी खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों या अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों का एक ‘अनौपचारिक’ जमावड़ा था.

सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान सुरक्षा से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई और इस बैठक का उद्देश्य एजेंसियों की कार्यप्रणाली के बीच निकटता बढ़ाना है.

हालांकि, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) की पहल पर हुई इस कॉन्क्लेव में शामिल प्रतिनिधियों की पहचान को लेकर सूत्रों ने चुप्पी साध रखी लेकिन यह जानकारी सामने आई है कि सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने व्यक्तिगत कारणों से अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.

सूत्रों ने बताया कि हालांकि, सीआईए का एक वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद था और ब्रिटेन की एक्सटर्नल स्पाई एजेंसी एमआई6 के प्रमुख भी इसमें मौजूद थे.

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एक सूत्र के मुताबिक, इजरायल, आसियान और मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें हिस्सा लिया.

सूत्रों ने बताया कि यद्यपि अंतरराष्ट्रीय खुफिया प्रमुख अक्सर भारत आते रहते हैं लेकिन यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी बैठक आयोजित की गई.

सूत्रों ने बताया कि अनौपचारिक सम्मेलन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने संबोधित किया, जिन्होंने वहां मौजूद कई प्रतिनिधियों के साथ अलग से भी बैठकें कीं.

यह भी पता चला है कि कॉन्क्लेव के लिए आए कई लोग विदेश मंत्रालय के वार्षिक कार्यक्रम रायसीना डायलॉग में भी शामिल होंगे, जो सोमवार शाम को होना है.

सूत्रों ने बताया कि कॉन्क्लेव के बाद कुछ और संवाद प्रस्तावित हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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