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Friday, 22 November, 2024
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ब्रह्मोस मिसाइल का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर- भारत और फिलीपींस अगले हफ्ते करेंगे समझौते पर हस्ताक्षर

भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस चीनी आक्रामकता के खिलाफ फिलीपींस की रक्षा को मजबूत करेगा. ये समझौता एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के तट-आधारित वेरिएंट के लिए है, जिसकी रेंज 290 किमी. है.

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नई दिल्ली: भारत और फिलीपींस अगले हफ्ते 37.49 करोड़ के एक समझौते पर दस्तखत कर सकते हैं, जिसके तहत चीन के साथ अपने इलाकाई टकराव में मनीला के अपनी रक्षा को मजबूत करने की योजना के तहत ब्रह्मोस के तट-आधारित सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम्स सप्लाई किए जाएंगे.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि समझौते में मिसाइल्स और लॉन्चर्स की एक अनिर्दिष्ट संख्या, स्पेयर पार्ट्स, भुगतान अनुसूची और डिलीवरी तथा ट्रेनिंग शेड्यूल आदि शामिल होंगे.

फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने गुरूवार को 31 दिसंबर की तारीख का एक ‘नोटिस ऑफ अवॉर्ड’ प्रकाशित किया, जिसमें भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस को समझौते पर दस्तखत करने के लिए कहा गया था.

सूत्रों ने समझाया कि इसका मतलब है, कि फिलीपींस ने भारतीय प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और अब वो समझौते पर दस्तखत करना चाहता है. उन्होंने कहा कि भारत से एक प्रतिनिधि मंडल अगले सप्ताह समझौते पर दस्तखत करने के लिए मनीला जा रहा है- ब्रह्मोस मिसाइल का पहला ऑर्डर जिसकी रेंज 290 किलोमीटर है.

उन्होंने ये भी समझाया कि समझौता एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम के तट-आधारित वेरिएंट के लिए है और ये चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच फिलीपींस की रक्षा क्षमता को सहारा देगा.


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नवंबर में चीनी तटरक्षक जहाजों ने फिलीपींस की दो सप्लाई बोट्स को रोककर उनपर पानी की तोपें चलाईं थीं. वो बोट्स साउथ चाइना सी में फिलीपीनो मरीन्स के कब्जे वाली एक विवादित उथली जगह की ओर जा रहीं थीं.

इसके नतीजे में फिलीपींस सरकार की ओर से एक चेतावनी जारी की गई कि उसकी कश्तियां अमेरिका के साथ एक पारस्परिक रक्षा समझौते के अंतर्गत आती हैं.

दिसंबर में, फिलीपींस के बजट विभाग ने दो विशेष अलॉटमेंट रिलीज ऑर्डर्स (एसएआरओ) जारी किए- जो 1.3 बिलियन पेसो (190 करोड़ रुपए), और 1.535 बिलियन पेसो (224 करोड़ रुपए) के लिए थे.

एसएआरओ देश के राष्ट्रीय रक्षा विभाग को सैन्य साज़ो-सामान के लिए समझौतों को अंतिम रूप देने की अनुमति देता है.

भारत और ब्रह्मोस के बीच पिछले कुछ वर्षों से ब्रह्मोस को लेकर सौदेबाजी चल रही थी. लेकिन दिसंबर 2020 में इसमें गतिरोध आ गया था. जब मनीला ने कोविड-19 महामारी के कारण बजटीय सीमाओं का हवाला दिया था.

मार्च 2021 में, भारत ने फिलीपीन्स के साथ सक्षम करने वाले एक प्रमुख समझौते पर दस्तखत किए जिसने ब्रह्मोस समेत रक्षा उपकरणों पर सरकार से सरकार के बीच सौदों का रास्ता साफ कर दिया.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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