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Sunday, 17 November, 2024
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रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को किया भंग, कर्मचारी और संपत्ति 7 PSU के हवाले

'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज के तहत, केंद्र सरकार ने पिछले साल 16 मई को घोषणा की थी कि वह ओएफबी के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार करेगी.

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नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने एक अक्टूबर से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को भंग कर दिया है और उसकी संपत्ति, कर्मचारियों और प्रबंधन को सात सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) के हवाले कर दिया है.

‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज के तहत, केंद्र सरकार ने पिछले साल 16 मई को घोषणा की थी कि वह ओएफबी के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार करेगी.

रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर के एक आदेश में कहा, ‘भारत सरकार ने एक अक्टूबर, 2021 से प्रभाव के साथ इन 41 उत्पादन इकाइयों और पहचाने गए गैर-उत्पादन इकाइयों का प्रबंधन, नियंत्रण, कामकाज और रखरखाव सात सरकारी कंपनियां (पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व वाली) को सौंपने का फैसला किया है.’

आदेश के अनुसार इन सात रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (जिन्हें डीपीएसयू भी कहा जाता है) में म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड, एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड शामिल हैं.

ओएफबी वर्तमान में एक रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ इकाई है और तीन सशस्त्र बलों एवं अर्धसैन्य बलों को महत्वपूर्ण हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करती है.


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