नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सशस्त्र बलों ने चीनी सेना का ‘पूरी बहादुरी’ के साथ सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया.
उद्योग चैंबर ‘फिक्की’ की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘ उन्होंने पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) का पूरी बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया. हमारे बल ने इस साल जो हासिल किया, उस पर देश की आने वाली पीढ़ियों को गर्व होगा.’
सिंह ने बिना विस्तृत जानकारी दिए कहा कि भारतीय सेना ने चुनौतियों का सामना करने में अनुकरणीय साहस और उल्लेखनीय धैर्य दिखाया.
सिंह ने कहा, ‘ हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है, केवल हिमालय में ही नहीं बल्कि हिंद-प्रशांत में भी आक्रामता दिखायी जा रही है.’
उन्होंने कहा, ‘ और इस पृष्ठभूमि में क्षेत्र और दुनिया का भविष्य कितना अनिश्चित हो सकता है. जैसा कि आपको पता है कि लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर सशस्त्र बल की भारी तैनाती है.’
‘किसान का सर्वोच्च हित’
किसान आंदोलन का परोक्ष जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ‘हमारे कृषि क्षेत्र के प्रतिकूल कदम उठाने’ का कोई सवाल ही नहीं उठता.
सिंह ने कहा, ‘हाल ही में किए सुधार किसानों के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखकर किए गए हैं. हालांकि, हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बातें सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमियों को दूर करते हैं….’
उन्होंने कृषि को मातृ क्षेत्र बताते हुए कहा कि सरकार मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा और बातचीत के लिए हमेशा तैयार है.
सिंह ने कहा, ‘ कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से बचने में सक्षम रहा. हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं. कभी भी हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.’
‘कोई वायरस हमारे सशस्त्र बलों को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि जब दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही थी, तब भारतीय सशस्त्र बल हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा कर रहे थे.
सिंह ने कहा कि कोई वायरस हमारे सशस्त्र बलों को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता.
हिमालय की सीमाओं पर अक्रामकता की स्थिति पर उन्होंने कहा , ‘‘हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है.’’
वहीं लद्दाख में बल के साहस की उन्होंने सराहना की और कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सशस्त्र बलों की भारी तैनाती है और इन परीक्षा की घड़ियों में हमारी सेनाओं ने अनुकरणीय साहस दिखाया है .
सिंह ने कहा, ‘ हमारे सशस्त्र बलों ने उनका (चीनी सेना) बेहद बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस जाने को मजबूर किया .’
सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘ हम सीमापार आतंकवाद के शिकार रहे हैं, इस संकट से हम उस समय भी अकेले लड़ते रहे जब हमारा समर्थन करने वाला कोई नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर के देशों को यह समझ आ गया है कि हम इस बारे में सही थे कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बन रहा है.’
देश में जारी किसान आंदोलन के बीच सिंह ने कहा, ‘ हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से बचने में सक्षम रहा.’
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