scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमडिफेंसCDS बिपिन रावत का उत्तराधिकारी ‘जल्द नियुक्त किए जाने की संभावना नहीं’

CDS बिपिन रावत का उत्तराधिकारी ‘जल्द नियुक्त किए जाने की संभावना नहीं’

पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को कार्यभार संभाला था. पिछले महीने हुए एक हेलिकॉप्टर हादसे में 13 अन्य लोगों के साथ उनकी भी मौत हो गई.

Text Size:

नई दिल्ली: अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के चयन की प्रक्रिया में अभी कुछ ‘और समय’ लग सकता है और स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के जल्द नियुक्त किए जाने की संभावना नहीं है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

जहां रक्षा प्रतिष्ठान में दबे स्वरों में इस शीर्ष पद के लिए तीन रिटायर्ड अधिकारियों के नामों पर गौर किए जाने की बात हो रही है, वहीं सरकारी सूत्रों का कहना है कि ‘इस समय’ सेवारत अधिकारी प्रतिस्पर्धा में हैं.

भारत के तीन सेवा प्रमुख तीन वर्ष के कार्यकाल या 62 वर्ष की आयु पर रिटायर होते हैं. सीडीएस के लिए रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष है.

पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को कार्यभार संभाला था. पिछले महीने हुए एक हेलिकॉप्टर हादसे में 13 अन्य लोगों के साथ उनकी भी मौत हो गई.

सूत्रों ने समझाया कि सीडीएस की कोई परिचालन भूमिका नहीं होती और जनरल रावत की मौत के बाद चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के नाते सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे पहले ही ट्राई-सर्विस मामलात को देख रहे हैं.

सूत्रों ने आगे कहा कि सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के सचिव पद से जुड़े विषयों को विभाग के अतिरिक्त सचिव, रक्षा सचिव के साथ समन्वय करके देख रहे हैं.

सरकार ने रावत की मौत के तुरंत बाद नए सीडीएस के चयन के लिए विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन ये नियुक्ति परिचालन के रूप से अत्यावश्यक जरूरत नहीं है क्योंकि सेवाओं के लिए कार्यकारी शक्तियां, फिलहाल उनके संबंधित प्रमुखों और कमांडरों के पास हैं.

सीडीएस के चयन के लिए कोई लिखित नियम नहीं हैं और सिर्फ रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष तय की गई है. इसका अर्थ है कि सीडीएस की नियुक्ति एक ऐसा चयन है, जो सरकार द्वारा किया जाएगा.


यह भी पढ़ें: दिल्ली में अभी नहीं लगेगा लॉकडाउन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सबसे जरूरी: केजरीवाल


वरिष्ठता के अनुसार

अगर वरिष्ठता का ध्यान रखा जाए, जैसा कि जनरल रावत के साथ किया गया (जो उस, समय तीन सेवा प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ थे), तो इस पद की दौड़ में थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे सबसे आगे होंगे. इन्होंने 31 दिसंबर 2019 को जनरल रावत से सेना प्रमुख का कार्यभार लिया था.

लेकिन इससे सेना में स्वाभाविक उत्तराधिकार योजना प्रभावित हो जाएगी, क्योंकि जनरल नरवाणे इस साल अप्रैल में रिटायर होने जा रहे हैं. उत्तराधिकार के इस क्रम में पूर्वी सेना कमांडर ज. जन. मनोज पाण्डेय, अप्रैल में उनकी जगह लेने के लिए सबसे वरिष्ठ होंगे.

अगर इस समय किसी नए आर्मी चीफ की नियुक्ति की जाती है, तो वरिष्ठता के आधार पर तीन और अधिकारी भी मुकाबले में आ जाएंगे, जिनमें से दो- उप-सेना प्रमुख ले. जन. सीपी मोहंती और उत्तरी सेना कमांडर ले. जन. वीके जोशी- इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि सीडीएस पद के लिए रिटायर्ड अधिकारियों पर भी गौर किया जा सकता है लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि सीडीएस के साथ सचिव डीएमए का पद भी जुड़ा हुआ है, इसलिए ज्यादा संभावना किसी सेवारत अधिकारी की लगती है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल किसी भी संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ‘अब समझ में आवत.. केतनी बुरी बेमारी बा’- कोरोना काल में ग्रामीण भारत की सच्चाई बयां करती ‘पुद्दन कथा’


 

share & View comments