नई दिल्ली: यूक्रेन पर गुरुवार को रूस की तरफ से शुरू किए गए जबर्दस्त हमलों में मुख्य तौर पर उसके रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस दौरान उसके हवाई रक्षा ढांचे, रनवे और एयरपोर्ट पर कई तरह के रॉकेट, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं.
सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो से यूक्रेन के विभिन्न स्थानों पर मिसाइल दागे जाने और गोले बरामद होने की खबरें सामने आई हैं.
Russia already shooting entirely unguided missiles at Ukrainian cities. https://t.co/hyBDVf8p1O
— Nathan Ruser (@Nrg8000) February 24, 2022
यद्यपि रूस ने दावा किया है कि वह सटीक हमले करके रक्षा ठिकानों को निशाना बना रहा था, जबकि जमीनी रिपोर्टों में कहा गया है कि नागरिक क्षेत्रों पर भी हमला किया गया है.
नागरिक क्षेत्रों में मिले रॉकेटों के अवशेषों से पता चलता है कि रूसी सेना ने स्मर्च नामक एक शक्तिशाली मल्टीपल रॉकेट-लॉन्चर सिस्टम दागा है, जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना भी करती है.
स्मर्च की हर यूनिट, जो कि गाइडेड नहीं होती है, को ट्रकों पर लगाकर इस्तेमाल किया जा सकता है और 38 सेकंड में लगभग 12 राउंड फायर किए जा सकते हैं.
भारतीय वैरिएंट की रेंज लगभग 90 किलोमीटर है, और माना जाता है कि रूसियों के पास इससे ज्यादा क्षमता वाला वैरिएंट है.
ऐसा भी माना जा रहा है कि रूसी सेना ने अर्गन मल्टी-रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का इस्तेमाल किया है, जिसकी हर एक यूनिट में 16 ट्यूब होते हैं. लेकिन इसकी रेंज स्मर्च से केवल आधी ही है.
ताजा हालात पर बारीकी से नजर रख रहे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि रूसी कई तरह की मिसाइलों का उपयोग कर रहे हैं और इसमें पनडुब्बी और जहाज से लॉन्च की जाने वाली कैलिब्र क्रूज मिसाइलें और इस्कंदर सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या रूसी भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, सूत्रों ने कहा कि मॉस्को के पास ये हैं ही नहीं.
उन्होंने कहा कि रूसियों के पास ब्रह्मोस का एंटी-शिप वैरिएंट का अपना संस्करण है, लेकिन जमीनी हमले में इस्तेमाल होने वाली मिसाइल नहीं है.
सूत्रों ने कहा कि कैलिब्र उनकी पसंदीदा क्रूज मिसाइल लगती है और 2015 में सीरिया के खिलाफ भी इसका इस्तेमाल किया गया था.
उनके मुताबिक, इस मिसाइल की मारक क्षमता ज्यादा है और इसे 2,500 किलोमीटर दूर तक लक्षित करके दागा जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि रूसी सेना इस्कंदर का इस्तेमाल भी कर रही है और इस विशेष सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 300 से 400 किलोमीटर है.
मिसाइल को रूसी रडार सिस्टम के नवीनतम सुइट से जोड़ा गया है और इसे दुश्मन डिफेंस सिस्टम ध्वस्त करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है जिसे प्रक्षेपित किए जाने के बाद भी इसकी दिशा बदली जा सकती है.
यूक्रेन के अधिकारियों ने मई में कहा था कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर मध्यम दूरी की 36 इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली तैनात की है.
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या रूस भी अपने लड़ाकू विमानों का उपयोग किसी भी प्रकार की मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए कर रहा है, लेकिन यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों से मल्टीपल अटैक हेलीकॉप्टर के कई वीडियो सामने आए हैं.
सूत्रों ने यह भी कहा कि जिस व्यापक स्तर पर हमला किया गया, उससे पता चलता है कि रूस किसी एक खास दिशा को निशाना बनाकर आक्रमण नहीं कर रहा.
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