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Friday, 22 November, 2024
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P305 और नौका वरप्रदा पर मौजूद सभी 274 कर्मियों का पता चला: भारतीय नौसेना

नौसेना के खोजी पोत आईएनएस मकर ने शनिवार को पी305 के मलबे का पता लगाया था. नौसेना ने खोज एवं बचाव अभियान में तेजी के लिए विशेष गोताखोरों का एक दल (एसएआर) भी नियुक्त किया था.

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मुंबई: महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से 16 और शवों के मिलने के साथ ही समुद्र में हादसे के शिकार हुए बजरा पी305 और खींचने वाली एक नौका के सभी 274 कर्मियों का पता चल गया है. नौसेना ने सोमवार को इस बारे में बताया.

चक्रवात ताउते के प्रभाव से बजरा पी305 समुद्र में डूब गया था और नौका वरप्रदा तट से दूर चली गयी थी.

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, ‘17 मई को कुल 274 (बजरा पी305 से 261 और नौका वरप्रदा से 13) कर्मियों के लापता होने की सूचना मिली थी. पी305 से 186 और वरप्रदा से दो लोगों को समुद्र से सुरक्षित निकाल लिया गया जबकि भारतीय नौसेना और तटरक्षक के जहाजों ने 70 शवों को समुद्र से बाहर निकाला.’

उन्होंने बताया, ‘महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में तट से आठ शव मिले और अन्य आठ शव गुजरात में वलसाड के निकट तट पर मिले.’

प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह से सभी 274 (बजरा पी305 से 261 कर्मी और नौका वरप्रदा से 13 कर्मी) लोगों का पता चल गया है. उन्होंने कहा कि शवों की पहचान होने के बाद अंतिम पुष्टि की जायेगी.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बचावकर्मियों ने रविवार तक जो 70 शव बरामद किये, समझा जाता है कि वे पी305 के कर्मी हैं. तटों पर बहकर आये 16 शवों के मिलने से हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 हो सकती है. लेकिन अब तक आधिकारिक मृतक संख्या 70 ही है.

नौसेना के खोजी पोत आईएनएस मकर ने शनिवार को पी305 के मलबे का पता लगाया था. नौसेना ने खोज एवं बचाव अभियान में तेजी के लिए विशेष गोताखोरों का एक दल (एसएआर) भी नियुक्त किया था.

प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि एसएआर टीम को अब तक वापस नहीं बुलाया गया है.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के रिश्तेदार शवों के साथ मिली चीजों या प्रतीकों जैसे कि कपड़े, पहचान पत्र, कोई चोट का निशान, जन्म का निशान और टैटू की मदद से उनकी शिनाख्त करने का प्रयास कर रहे हैं. अगर शवों की पहचान नहीं हो पाती तो उनकी डीएनए जांच की जायेगी.

बजरा गेल कंस्ट्रक्टर और सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) तथा ड्रिल शिप सागर भूषण पर मौजूद सभी 440 लोगों को हाल ही में सफलतापूर्वक सुरक्षित तट पर ले आया गया.


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