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Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंसकई मामलों में हितधारकों की अलग राय होने से अब एक्सपर्ट पैनल मिलिट्री थिएटराइजेशन को करेगा दुरुस्त

कई मामलों में हितधारकों की अलग राय होने से अब एक्सपर्ट पैनल मिलिट्री थिएटराइजेशन को करेगा दुरुस्त

सरकार ने पिछले सप्ताह सभी संबंधित हितधारकों से कहा था कि वे एक साथ बैठकर मुद्दों पर आगे चर्चा करें ताकि सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों या अलग-अलग विचारों पर सहमति बन सके.

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नई दिल्ली: सेना के थिएटराइजेशन पर आगे का रास्ता तय करने के लिए गृह और वित्त मंत्रालयों के अलावा तीनों सेनाओं के भीतर विचार-विमर्श करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है.

समिति, जिसमें तीनों सेनाओं के उपाध्यक्ष, चेयरमैन की एकीकृत रक्षा स्टाफ के अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) शामिल हैं, ने पिछले सप्ताह हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद यह दिखाया था कि सभी हितधारकों की राय एक नहीं हैं.

एक सूत्र ने कहा, ‘इस सप्ताह के शुरू में एक समिति बनाई गई है जो गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय सहित सभी हितधारकों से बात करेगी.’

दिप्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रिव्यू मीटिंग में कई तरह के मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें थिएटर के स्ट्रक्चर से लेकर कमांडर किसको रिपोर्ट करेंगे, इन सभी बातों पर चर्चा हुई.

संयोगवश, प्रस्तावित परिवर्तनों में वर्तमान अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार भी हो सकता है जो थिएटर कमांडर बन सकते हैं. इससे कुछ अधिकारियों की वरिष्ठता पर फर्क पड़ सकता है.

हालांकि समिति के लिए एक समयसीमा तय नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि वह तुरंत काम शुरू करेगी और चर्चाओं बढ़ाएगी.

पांच थिएटर कमांड

सरकार और सशस्त्र बलों के सामने बड़ी दुविधा यह है कि क्या थिएटर की कमान, जो संयुक्त युद्ध रणनीति का हिस्सा है, वह स्थान-आधारित होनी चाहिए या चुनौतियों पर आधारित होनी चाहिए.

सरकार ने पिछले सप्ताह सभी संबंधित हितधारकों से कहा था कि वे एक साथ बैठकर मुद्दों पर आगे चर्चा करें ताकि सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों या अलग-अलग विचारों का निपटारा हो सके और हर कोई समान धरातल पर आ सके.

सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में, रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत को संयुक्त/थिएटर कमानों की स्थापना सहित संचालन में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए सैन्य कमानों के पुनर्गठन की सुविधा का काम सौंपा गया है.

योजना पहले दो थिएटर बनाने की है- मैरीटाइम थिएटर कमांड और एयर डिफेंस कमांड. कुल मिलाकर, वर्तमान योजना पांच थिएटर कमांड रखने की है .

आज की तारीख में लगभग 17 लाख मजबूत भारतीय सशस्त्र बलों की 19 कमान हैं. इसमें से केवल दो ही ट्राई सर्विस कमांड हैं-अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड, जो परमाणु परिसंपत्तियों की देखभाल करते हैं .

विचार यह है कि इन विभिन्न सर्विस कमांड को पांच थिएटर्स और लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण जैसे फंक्शनल कमांड में परिवर्तित करने की है.

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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