नई दिल्ली: अरे ओ सांभा कितने आदमी थे…दो सरदार…. ये दो सरदार कहने वाले डाकू कालिया याद तो ज़रूर होंगे आपको…जी फिल्म शोले में डाकू गब्बर सिंह के खास सहयोगी ‘कालिया’ का किरदार निभाने वाले विजू खोटे. खोटे ने सोमवार सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया. अपने पांच दशक के करियर में खोटे ने करीब 300 फिल्मों में काम किया था. इसमें ‘फिर हेरा फेरी’, ‘अंदाज़ अपना अपना’ जैसी फिल्में शामिल हैं. उन्होंने कई टेलीविज़न सीरियल और टीवी विज्ञापनों में भी काम किया था.
मराठी व हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता विजू 78 साल के थे और वह अपनी अभिनेत्री बहन शुभा खोटे के साथ रह रहे थे.
खोटे की भतीजी भावना बलसावर ने बताया कि उन्होंने आज सुबह अपने घर पर आखिरी सांस ली. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. भावना ने मीडिया को बताया कि वह नहीं चाहते थे कि उनकी मौत अस्पताल में हो इसलिए उन्हें कुछ दिन पहले घर ले आए थे.
खोटे की निधन की खबर के बाद से ही बॉलीवुड में शोक की लहर है. क्या नए क्या पुराने सभी अभिनेता और अभिनेत्री उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
शोले–कालिया–और विजू
वैसे तो शोले अपने आपमें आइकॉनिक फिल्म है..और इस फिल्म में जिसने भी काम किया वह भी आइकॉनिक ही कहलाया..चाहें वो डाकू गब्बर सिंह हो या फिर जय-वीरू की जोड़ी या फिर बात करें ठाकुर की..हर किरदार की अपनी ही छाप थी..उसी में से एक कैरेक्टर था डाकू कालिया…काले कपड़े..बड़ी मूंछे. कालिया के किरदार ने लोगों के दिलों पर इतनी गहरी छाप छोड़ी कि आज भी विजू को कालिया के कैरेक्टर के लिए याद किया जाता है. इस किरदार के लिए उन्हें 2500 रुपये मिले थे.
विजू खोटे साल 1964 से फिल्मी दुनिया से जुड़े थे. 50 साल से अधिक के अपने करियर में उन्होंने कई मराठी, हिंदी फिल्मों के साथ साथ टेलीविज़न धारावाहिकों में और थियेटर में भी काम किया. शोले फिल्म के अलावा उन्हें अंदाज़ अपना- अपना में उनका रॉबर्ट का कैरेक्टर भी यादगार रहा है.
मराठी फिल्मों में भी उनकी अलग ही पहचान रही है इसमें आशी ही बनवा बनवी काफी प्रसिद्ध रहा था. जबकि टीवी सीरियल में उनका जबान संभाल के में निभाया गया किरदार यादगार रहा है.
विजू खोटे की आखिरी फिल्म जाने क्यों डे यारों थी, जो कि साल 2018 में रिलीज हुई थी. खोटे की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में कयामत से कयामत तक, वेंटिलेटर थी.