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Sunday, 22 December, 2024
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दूध में मिलावट नहीं, फिनायल बनाने की तरकीब है यह वीडियो

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इस वायरल वीडियो को कई बड़े फेसबुक पेजों ने भी शेयर किया और इसे अब तक लगभग 24 लाख लोग देख चुके हैं.

नई दिल्ली: भारत में दूध में मिलावट करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. जिसे वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन या डब्ल्यूएचओ के तथ्यों के साथ तोड़ मरोड़ कर भेजा जा रहा है.

फेसबुक पर किसी रोहित बोराणा नाम के एक अकाउंट ने इस वीडियो को शनिवार को पोस्ट किया.


वीडियो में डब्ल्यूएचओ के वे तथ्य शामिल हैं जो कहते हैं की भारत 14 करोड़ लीटर दूध बना पाता है. जबकि इसकी खपत 50 करोड़ लीटर की है. वीडियो ने यह भी दावा किया कि भारतीय दूध के नाम पर ज़हर पी रहे हैं और आगे आने वाले समय में 87 प्रतिशत भारतीय कैंसरग्रस्त होंगे.


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इस वीडियो को 85,000 से भी ज़्यादा लोगों ने शेयर किया और अब तक लगभग 24 लाख लोग इसे फेसबुक पर देख चुके हैं. लोगों ने तो इसको शेयर किया ही कुछ बड़े फेसबुक पेज जैसे फेकू एक्सप्रेस और बेंगलुरु में स्थित फैशन डिज़ाइनर सुजीत मैहर के वेरिफ़िएड अकाउंट ने भी इसको शेयर करने से न चूके.

एक फेसबुक सर्च करने पर ही इस वीडियो को कई लोगों द्वारा अपने ही अकाउंट से पोस्ट करने की पुष्टि भी हो जाती है.

हालाँकि, वीडियो में दर्शाया गया तरल पदार्थ मिलावटी दूध बिलकुल भी नहीं है.

दरअसल यह वीडियो घर पर ही सफ़ेद फिनाइल बनाने की तरकीब है. वीडियो में दिखाया गया तरल पदार्थ एक फिनाइल कंसन्ट्रेट है जिसे यदि पानी में मिलाएं तो वह दूध जैसा दिखने वाला सफ़ेद फिनाइल बन जाता है.

SM Hoaxslayer ने एक इसके जैसा ही वीडियो यूट्यूब पर डाला जिसमे उस कंसन्ट्रेट से फिनाइल बनाने की विधि दिखाई गयी थी. यूट्यूब पर ऐसे ही घर पर खुद से फिनाइल बनाने वाले वीडियो की एक लम्बी लिस्ट है.

खैर इस गलत वीडियो के साथ शेयर किये गए दूध की खपत और प्रोडक्शन को लेकर तथ्य कुछ हद तक तो सही हैं.

सितम्बर में एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में यहाँ पाया गया कि भारत में 68.4 प्रतिशत दूध मिलावटी है और यह एफ़एसएसएआई के मानकों का उल्लंघन भी करता है.

डब्ल्यूएचओ ने भारत को पहले भी चेताया था कि यदि इस मिलावट को जल्द ही नहीं रोका गया तो 2025 तक 87 प्रतिशत भारतीय कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का शिकार हो जाएंगे.

SM Hoaxslayer के सहयोग के साथ


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