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Monday, 4 November, 2024
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27 सितंबर से होगा वैली ऑफ वर्ड्स ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन 2024’ का आयोजन

इसी कड़ी में ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन-2024’ 27, 28 और 29 सितंबर को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सहयोग से देहरादून में आयोजित होगा. इस शब्दोत्सव में हिंदी साहित्य जगत की कई प्रमुख हस्तियां शिरकत करेंगी.

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नई दिल्ली: 2024 में वैली ऑफ वर्ड्स इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट्स फेस्टिवल के आठवें संस्करण का आयोजन देश के विभिन्न शहरों में किया जा रहा है.

इसी कड़ी में ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन-2024’ 27, 28 और 29 सितंबर को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सहयोग से देहरादून में आयोजित होगा. इस शब्दोत्सव में हिंदी साहित्य जगत की कई प्रमुख हस्तियां शिरकत करेंगी.

वैली ऑफ वर्ड्स के प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान ‘VoW बुक अवार्ड्स’ के लिए हर साल सैकड़ों किताबें नामांकित होती हैं.

‘VoW बुक अवार्ड्स 2024’ के लिए सभी आठ श्रेणियों (हिंदी और अंग्रेज़ी में फिक्शन और नॉन-फिक्शन, भारतीय भाषाओं से हिंदी और अंग्रेज़ी में अनुवाद, राइटिंग फॉर यंग ऐडल्ट्स और राइटिंग फॉर चिल्ड्रन्स) में 50 से अधिक प्रकाशकों द्वारा कुल 500 से अधिक किताबों को नामित किया गया.

इसके बाद प्रत्येक श्रेणी की 10 बेहतरनी किताबों की ‘लॉन्गलिस्ट’ जारी की गई. वैली ऑफ वर्ड्स की जूरी ने इनमें से प्रत्येक श्रेणी की पांच सबसे बेहतरीन किताबों को ‘शॉर्टलिस्ट’ किया जिन्हें वैली ऑफ वर्ड्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाईट (www.valleyofwords.org) पर सार्वजनिक किया गया.

‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन 2024’ में हिंदी फिक्शन, हिंदी नॉन-फिक्शन और भारतीय भाषाओं से हिंदी अनुवाद की श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट की गई किताबों के लेखकों/लेखिकाओं/अनुवादकों के साथ उनकी किताबों पर चर्चा की जाएगी. तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें देवस्थली, उत्तरायणी नृत्य, नंदाज़ समूह द्वारा लोक गीत गायन, टीम आईना द्वारा नाटक, बांसुरी वादक सरजू कुमार की प्रस्तुति तथा टीम नटरंग द्वारा शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति शामिल है.

27 सितंबर को आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह में प्रवीन शुक्ला मुख्य अतिथि होंगे. इसके अलावा वैली ऑफ वर्ड्स के संस्थापक निदेशक, आईएएस रि. डॉ. संजीव चोपड़ा की भारत की आंतरिक सीमाओं के सीमांकन पर सचिन चौहान द्वारा अनूदित बहुचर्चित किताब ‘हम भारत के राज्यों के लोग: भारत की आंतरिक सीमाओं का निर्माण एवं पुनर्निर्माण’ का विमोचन भारत के महासर्वेक्षक हितेश कुमार एस. मकवाना द्वारा किया जाएगा.

सम्मेलन में शामिल होने वाले रचनाकारों में उपासना की दरिया बंदर कोट, जोराम यालाम नाबाम की गाय गेका की औरतें, प्रभात सिंह की धीमी वाली फास्ट पैसेंजर, रमिता गुरव की मन्नत और अन्य कहानियां तथा सुभाष नीरव की अम्बर परियां सरीखी महत्वपूर्ण किताबों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही वरिष्ठ साहित्यकार सुधा रानी पाण्डेय की कृति अमरत्व की ओर पर भी चर्चा होगी.

देहरादून-मसूरी से विशेष तौर पर सम्बद्ध साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन के जीवन, यायावरी, उनकी रचनाओं तथा उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए एक महत्वपूर्ण सत्र में वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर बाजपाई तथा दिव्यांशु पटेल, IAS और अंजुम शर्मा शिरकत करेंगे. इसके अलावा ‘उत्तराखंड की संस्कृति’ तथा ‘सृजनशीलता का स्त्री विमर्श’ विषयों पर चर्चा की जाएगी.

हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में हिंदी के साथ ही हर साल एक क्षेत्रीय भाषा के साहित्य का भी जश्न मनाया जाएगा. इस साल पंजाबी भाषा के रचनाकारों और उनकी रचनाओं पर बात होगी, जो क्षेत्रीय भाषा के साहित्य को अधिक लोगों तक पहुंचाने की दिशा में VoW शब्दावली की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है.

इसी उद्देश्य से 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जन्म तिथि के अवसर पर ‘विचारों के शिल्पी: भगत सिंह का बौद्धिक योगदान’ पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें भगत सिंह के लिखे पत्रों, निबंधों, विचारों पर बात होगी और उनके ‘विचारक’ पक्ष का उत्सव मनाया जाएगा. साथ ही अमरदीप सिंह द्वारा ‘अखंडता के प्रतीक: गुरु नानक’ पर एक विस्तृत ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति भी पेश की जाएगी.

युवा पाठकों, विद्यार्थियों में साहित्यिक रुचि बढ़ाने की दृष्टि से साहित्य से संबंधित प्रश्नोत्तर भी इस सम्मेलन का हिस्सा होंगे, जिसमें प्रत्येक सही उत्तर देने वाले पाठक-श्रोता को तत्काल कुछ इनाम प्राप्त होगा.

किताबों पर चर्चा सत्रों के अतिरिक्त युवा और वरिष्ठ कवियों के कवि सम्मेलन भी इस शब्दोत्सव में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें लक्ष्मी शंकर बाजपाई, नीलेश रघुवंशी, अंजुम शर्मा, ममता किरण, बुद्धिनाथ मिश्र जैसे प्रसिद्ध कवि भाग लेंगे. इसके अलावा साहित्य से संबंधित उत्तराखंड राज्य के कई साहित्यकार, कवि, वक्ता, प्रशासनिक अधिकारी और पाठक इस साहित्यिक संगम में शामिल होंगे.

इन साहित्यिक सत्रों के साथ ही इस सम्मेलन में फोटोग्राफी, पेंटिंग, डिजिटल आर्ट्स और पुस्तक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न विधाओं और रचनाकारों की कलाकृतियों को सहृदय प्रशंसकों के समक्ष प्रदर्शित किया जाएगा. 29 सितंबर को समापन समारोह के दौरान वरिष्ठ कवि पद्म लीलाधार जगुड़ी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित होंगे.

वैली ऑफ वर्ड्स के संस्थापक डॉ. संजीव चोपड़ा और ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति संजय जसोला ने इस शब्दोत्सव को देवभूमि उत्तराखंड में साहित्य को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

साहित्य प्रेमियों के लिए यह अपने पसंदीदा रचनाकारों से मिलने और उन्हें सुनने का स्वर्णिम अवसर है. वैली ऑफ वर्ड्स और ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी आपको इसमें शरीक होने के लिए आमंत्रित करते हैं. अधिक जानकारी के लिए VoW और ग्राफिक एरा के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जुड़े रहें. संपर्क के लिए shabdavali@valleyofwords.org पर ई-मेल किया जा सकता है.

(वैली ऑफ वर्ड्स बुक अवार्ड्स 2024 के लिए दिप्रिंट डिजिटल मीडिया पार्टनर है.)

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