scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमसमाज-संस्कृति'जली', 'तेरे बाप की', 'लंका लगा देंगे' आदिपुरुष आज की रामायण है, इसमें मर्यादा को ढूंढने की गलती मत कीजिएगा

‘जली’, ‘तेरे बाप की’, ‘लंका लगा देंगे’ आदिपुरुष आज की रामायण है, इसमें मर्यादा को ढूंढने की गलती मत कीजिएगा

पिछले 8-10 वर्षों से कार के पीछे हनुमान का लगाया गया स्टीकर भी गुस्सैल चेहरे वाला है फिर ऐसे में मर्यादा पुरुषोत्तम का किरदार निभा रहे प्रभास से सहजता की और हनुमान से जलेगी तेरे बाप की सुन कर मुस्कुराना तो बनता है.

Text Size:

प्रभास की आदिपुरुष रामायण आज की रामायण है..जिसमें रामानंद सागर की रामायण के किरदार को ढूंढना बेमानी है. यहां तुलसी और वाल्मीकि की लाइन तलाशने की कोशिश करना बेवकूफी है. हालांकि जब आप सिनेमा हॉल पहुंचेंगे तो बजरंग बली के लिए कुर्सी जरूर खाली रखी गई है..उनके लिए थ्रीडी ग्लास और गुलाब के फूल भी रखे गए हैं..यही नहीं दर्शक दीर्घा भी भगवान राम और मैया सीता की भावना से लबरेज तो जरूर बैठी है और जोर-शोर से फिल्म के शुरू होने से पहले ही ‘जय श्री राम’ का नारा भी लगाती है.

हालांकि, जिन्होंने भी 90 के दशक में रामानंद सागर की रामायण देखी है जिसे कोविड काल में भी दूरदर्शन से लेकर निजी चैनलों पर दिखाया गया उन्हें एकबार फिर अरुण गोविल में भगवान राम की झलक पाई, लेकिन प्रभास को देख कर आपको राम वाली फीलिंग बिल्कुल नहीं आएगी.

टी-सीरीज और ओम राउत की ये फिल्म शुरुआत में बोली गई प्रस्तावना की ये रामायण का रूपांतरण है..तो मैं बताना चाहती हूं ये एक मुंबईया फिल्म से ज्यादा कुछ नहीं है. मेकर्स ने नई जेनरेशन में बढ़ रहे गुस्सैल रवैये का जमकर फायदा उठाया है. श्रीलंका में कहीं से भी आदि को खोजना बेवकूफी होगी. लेकिन VFX इफेक्ट इसे मजेदार बनाता है और आपको फिल्म देखने को मजबूर करता है.

First teaser, poster of Prabhas starrer 'Adipurush' unveiled, deets inside
‘आदिपुरुष’ का एक दृश्य (क्रेडिट: YouTube)

हालांकि सुग्रीव, अंगद, नल-नील का मेकअप बहुत ही शानदार है. हनुमान के रूप में देवदत्त भी अच्छा काम कर ले गए हैं..बीच बीच में उनकी चंचलता आपको हंसाएगी लेकिन जब बात डायलॉग की आती है तो मर्यादा पुरुषोत्तम की टीम से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

चूंकि रामायण में क्या है ये सभी को पता है इसलिए यहां बात सिर्फ आदिपुरुष की हो रही है. हनुमान को जब जामवंत उनकी ताकत याद दिलाते हैं और वो बिना किसी बाधा के लंका पहुंच जाते हैं. बंदर यानि हनुमान की पूंछ में आग लगाई जाती है और फिर इंद्रजीत कहता है कि, “बिना पूंछ वाला बंदर कैसा लगेगा.

और वो पूंछ में आग लगाता है
तो बंदर यानि हनुमान के मुंह से दर्द की आह निकलती है..
इंद्रजीत कहता है-जली कैसा लगा
तो दर्द से कराहता हनुमान कहता है…
“कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. और जलेगी भी तेरे बाप की.”
फिर वो आगे कहता है जिसकी जलती है वही जानता है.

‘आदिपुरुष’ का एक दृश्य (क्रेडिट: YouTube)

तो अगर आप ये सोच रहे हैं कि इस फिल्म में सब खराब है या फिर चलताऊ है, तो नहीं..सैफ अली खान भले ही काले कपड़े वाले रावण बनाए गए हैं और वो चमगादड़ की सवारी करते है लेकिन एक्सप्रेशन गजब के हैं..लेकिन जब आप फिल्म देखेंगे तो समझ नहीं पाएंगे ये रावण हंक की तरह क्यों चल रहा है..

अब तक आप समझ गए होंगे कि ये फिल्म है या मजाक तो इतिहास में लिखा गया काफी कुछ बदला जा रहा है. पिछले 8-10 वर्षों से कार के पीछे हनुमान का लगाया गया स्टीकर भी गुस्सैल वाला है फिर ऐसे में मर्यादा पुरुषोत्तम का किरदार निभा रहे प्रभास से सहजता की उम्मीद करना सिर्फ बेवकूफी है.

मैं यहां सिर्फ सीन की बात कर रही हूं जो सिनेमा हॉल से निकलते हुए जेहन में रह जाते हैं और जिनपर हॉल में तालियां बजती हैं..

अब लंका जलाने के बाद हनुमान जानकी के पास पहुंचते हैं और कहते हैं मां चलो वापस चलें तो सीता कहती हैं- राघव को रावण का घमंड तोड़ना होगा और मैं तब जाऊंगी जब राघव आएंगे..

अब हनुमान लंका जलाकर वापस लौटते हैं तो राघव पूछते हैं क्या हुआ वहां?

तो हनुमान कहते हैं- “बोल दिया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा, हम उनकी लंका लगा देंगे.”

अब आप उस रामायण को याद करने मत बैठ जाइएगा क्योंकि मैंने पहले ही कह दिया है कि ये आज की रामायण है..यहां मर्यादा पुरुषोत्तम हैं लेकिन बोलचाल आज की तरह ही बोली जा रही है जैसा इनदिनों दो लोग एक दूसरे से बोलते हैं.

Prabhas, Kriti Sanon's 'Adipurush' trailer out
‘आदिपुरुष’ का एक दृश्य (क्रेडिट: YouTube)

राघव जहां विजय वहां

गुस्से और आम बोलचाल से भरी इस फिल्म में राघव जहां विजय वहां का डायलॉग बहुत जल्दी लोगों की जुबान पर चढ़ेगा. लेकिन मध्यांतर के बाद फिल्म जब युद्ध की तरफ मुड़ती है और सैफ अपने हंक वाले रूप में आते हैं तो स्क्रीन पर छा जाते हैं. सैफ उतने ही बुरे लगे हैं जैसा आज का बुरा किरदार होता है.

लेकिन एक दो डायलॉग ऐसे हैं जो आपको आज से जुड़ते हुए महसूस होते हैं…जब सुग्रीव और बाली के बीच मल युद्ध हो रहा होता है तो बाली सुग्रीव पर पीछे से वार करता है..तब सुग्रीव वानरों को बचाने के लिए एक बड़ा पहाड़ पकड़े हुए होता है..उस समय राघव कहते हैं, “धर्म-अधर्म के युद्ध में जो निष्पक्ष रहता है तो उससे बड़ा अपराधी कोई नहीं है.” और तीर चला कर बाली की हत्या कर देते हैं. एक जगह राम जब अपनी सेना में जोश भर रहे होते हैं तो वो अपनी सेना से कहते हैं…आज के लिए हमें कल के लिए लड़ना है..भविष्य के लिए लड़ना है..और यह याद रखना कि जब कोई हमारी बहन की तरफ आंख उठाने का दुस्साहस करे तो वो आज का दिन याद करके थर्रा जाए. और ये लड़ाई मेरे लिए नहीं अपने लिए लड़ना..

तो ये ठीक ऐसा है कि फिल्म में भगवान राम को ढूंढना और समझदारी की बातें ढूंढना हो तो आपको पता है क्या करना है..लेकिन रावण के रूप में सैफ आकर्षित करेंगे..बिल्कुल हंक.

(फिल्म का निर्देशन: ओम राउत, लेखक-मनोज मुंतशिर शुक्ला, ओम राउत.)

(कलाकार: कृति सेनन, प्रभास, देवदत्त नाग, सन्नी सिंह.)


यह भी पढ़ें: आंखें नम करती, दिल पिघलाती, इंसान बने रहने की सीख देती है फिल्म ‘2018’


share & View comments