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Friday, 22 November, 2024
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2022 में हाशिये पर पड़ी रहीं वह फिल्में जिन्हें सिनेमाघरों में हिट जाना चाहिए था

साल 2022 में रिलीज हुई वह फिल्में जिनकी कहानी दमदार है, लेकिन बड़े पर्दे पर जगह नहीं मिलने की वजह से वह हाशिये पर ही रहीं.

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साल 2022 अब अपने मुहाने पर है. इस साल आईं ढेरों हिंदी फिल्मों में से कई फिल्मों ने जम कर कमाई की तो कई औंधे मुंह भी गिरीं. इस भीड़ और हो-हल्ले में बहुत सारी फिल्में ऐसी भी आईं जिन्हें देखा जाना चाहिए था, लेकिन किसी न किसी कारण या कमी के चलते वे एक दायरे में ही सिमट कर रह गईं. आइए, ऐसी फिल्मों पर एक नज़र डाल लें और हो सके तो उन्हें तलाश कर देख भी लें.

इस फेहरिस्त में सबसे पहले नेटफ्लिक्स पर आई तापसी पन्नू वाली कॉमेडी थ्रिलर ‘लूप लपेटा’ को गिना जाना चाहिए जो 1998 में आई जर्मन फिल्म ‘रन लोला रन’ का ऑफिशियल हिंदी रीमेक है. नेटफ्लिक्स पर ही आलिया भट्ट, शेफाली शाह, विजय वर्मा की ‘डार्लिंग्स’ आई जिसने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में घरेलू हिंसा की बात की. न देखी हो तो इसे जरूर देखें. इसी साल के अंत में ऑवर दि टॉप प्लेटफॉर्म (ओटीटी) पर आई अन्विता दत्त की तृप्ति डिमरी, स्वास्तिका मुखर्जी अभिनीत फिल्म ‘कला’ भी सिने-प्रेमियों को देखनी चाहिए जिसने प्रबुद्ध दर्शक-वर्ग के बीच खासी चर्चा पाई. इसके बाद डिज़्नी हॉटस्टार पर आई श्रेयस तलपड़े की ‘कौन प्रवीण तांबे’ ने भी यहां जगह बनाई है, जो उस भारतीय क्रिकेटर प्रवीण तांबे के जीवन पर आधारित है जिन्होंने 41 साल की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट खेलना शुरू किया था.

देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई पंकज त्रिपाठी, नीरज कबी अभिनीत और श्रीजित मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘शेरदिल’ को कायदे के शो ही नहीं मिले वरना इस फिल्म को काफी पसंद किया जाता. हालांकि, अब यह नेटफ्लिक्स पर मौजूद है. इस सूची में राजकुमार राव और सान्या मल्होत्रा की एक्शन-सस्पैंस थ्रिलर फिल्म ‘हिट-द फर्स्ट केस’ दो बरस पहले आई तेलुगू की इसी नाम वाली फिल्म का रीमेक है. एक अलग मिजाज़ के रोमांच के लिए इसे देखा जाना चाहिए था. हालांकि, फिल्म को सिनेमाघरों में कम ही देखा गया लेकिन यह भी अब नेटफ्लिक्स पर मौजूद है. प्रकाश झा के अद्भुत अभिनय से सजी एम. गनी निर्देशित फिल्म ‘मट्टो की साइकिल’ को ज्यादा थिएटर शो नहीं मिले और इसी के चलते यह अधिक दर्शकों तक नहीं पहुंच सकी. तेज़ी से दौड़ रहे देश में अपने हिस्से के विकास का इंतज़ार कर रहे आम आदमी की दिल छू लेने वाली कहानी है यह जिसे देख कर कहा जा सकता है कि किस तरह से एक आम, हाशिये पर बैठा इंसान हाशिये पर ही रह जाता है.

इस सूची में शुमार निर्देशक श्रीराम डालटन ने अपनी फिल्म ‘स्प्रिंग थंडर’ को 2022 की जनवरी में सीधे यू-ट्यूब पर रिलीज कर दिया और इसे जिसने भी देखा, तारीफ ही की. झारखंड के डालटनगंज कस्बे में भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के बीच पिसते आम लोगों की कहानी को बयां करती यह एक जरूरी फिल्म है जो यू-ट्यूब पर मुफ्त में देखी जा सकती है. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी-5 पर रिलीज हुई प्रकाश राज निर्देशित ‘तड़का’ में नाना पाटेकर के शानदार अभिनय से सजी धीमी आंच पर पकती एक हल्की-फुल्की रोमांटिक कहानी देखी जा सकती है.

रजत कपूर के निर्देशन में बनी उन्हीं के डबल रोल वाली ‘आरके/आरके’ को अलग मिजाज़ की फिल्में पसंद करने वाले दर्शकों को देखना चाहिए. ‘समझदार सिनेमा’ की मिसाल है यह फिल्म. अनुराग कश्यप की तापसी पन्नू वाली मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म ‘दोबारा’ भी ज्यादा नहीं देखी गई. यह साईंस फिक्शन स्पेनिश फिल्म ‘मिराज’ का ऑफिशियल हिंदी रीमेक है. नीलांजन रीता दत्ता के निर्देशन में बनी ‘शैडो असैसिन्स’ ने असम राज्य में बरसो पहले हुई सीक्रेट किलिंग्स पर बहुत ही सार्थक ढंग से अपनी बात रखी. निर्माताओं की सुस्ती के चलते यह फिल्म सब जगह रिलीज ही न हो सकी.

इन फिल्मों के अलावा संजय मिश्रा वाली ‘होली काऊ’, राजकुमार राव की ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’, कार्तिक आर्यन अभिनीत ‘फ्रेडी’, रेवती निर्देशित काजोल की फिल्म ‘सलाम वैंकी’, अजय बहल निर्देशित तापसी पन्नू की हॉरर-थ्रिलर ‘ब्लर’ और संजय मिश्रा-नीना गुप्ता वाली ‘वध’ जैसी फिल्मों को भी देखा जाना चाहिए. दरअसल, ये वे फिल्में हैं जिन्हें कभी बड़े सितारों की कमी मार जाती है तो कभी मसालों का हल्कापन जबकि सच यही है कि सिनेमा को समृद्ध करने में इन्हीं फिल्मों का बड़ा हाथ रहता है.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)


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