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Thursday, 19 December, 2024
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मधुबनी टी सेट्स और बहुत कुछ- दिल्ली में बिहार सरकार का यह स्टोर कोविड से उबरने में कारीगरों की करेगा मदद

बिहार सरकार की एक पहल ‘बिहारिका, बिहार की कला देहरी’, एक प्रदर्शनी स्टोर है जिसका शुक्रवार को बिहार निवास में उदघाटन किया गया.

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नई दिल्ली: मधुबनी टी सेट्स से लेकर टिकूली काम के कोस्टर्स तक- नई दिल्ली में बिहार निवास के एक नए स्टोर में, राज्य की कुछ सबसे अदभुत कलाकृतियों को आपके घरों तक लाने और साथ ही कारीगरों को महामारी की मार से उबरने में सहायता करने की कोशिश की गई है.

बिहार सरकार की एक पहल ‘बिहारिका, बिहार की कला देहरी’ एक प्रदर्शनी स्टोर है, जिसका शुक्रवार को बिहार निवास में उदघाटन किया गया. इच्छुक ख़रीदार स्टोर से चीज़ें ख़रीद सकते हैं (अगर स्टॉक है) या उन्हें स्टोर से बुक कर सकते हैं, और भुगतान बैंक को कर सकते हैं, या उन वस्तुओं को बनाने वाले कारीगरों के, यूपीआई खातों में भेज सकते हैं.

भुगतान को डिजिटाइज़ कर दिया गया है और स्टोर से वस्तुओं तक कोई अतिरिक्त लागत- जीएसटी या मुनाफा नहीं है.

पेश की गई चीज़ें हैं कोस्टर्स, बैग, बूटेदार साड़ियां, टी-सेट्स, मास्क, वॉल- हैंगिंग्स वग़ैरह. इन्हें कलाकृतियों की शैली में डिज़ाइन किया गया है, जैसे मंजूषा, मधुबनी, सिक्की, टिकूली, सुजानी, बावन बूटी, और ओबरा.

फिलहाल, 20 से अधिक कलाकार इस पहल से जुड़े हैं, और वो ख़ुद अपनी वस्तुओं के दाम तय करते हैं.

Statue of lord Ganesha at Biharika | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
बिहारिका में भगवान गणेश की मूर्ति । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट
Paper mesi elephant by Prafull Kumar Lal | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
कागज़, गोंद मिट्टी इत्यादि के बूरे से बना हाथी | फोटोः मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The store has been opened during the festive season in hope of getting more business |Photo: Manisha Mondal | ThePrint
बेहतर बिज़नेस की उम्मीद में स्टोर को त्यौहारी सीज़न में शुरू किया गया है | फोटो: मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
There are painted teapot set at the store | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
मधुबनी टी सेट । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट
Anyone can place an order at the store, and will be directly connected to the artist |Photo: Manisha Mondal | TePrint
खरीददार, बुनकरों को साधी पेमेंट कर सकते हैं । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट
There are products from Madhubani, Tikuli, Sujni and more art forms |Photo: Manisha Mondal | ThePrint
इन उत्पादों को मधुबनी, सिक्की और सुजानी जैसे कलाकृतियों में बनाया गया है | फोटोः मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Magazine holders at the store | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
स्टोर में मैगज़ीन होल्डर्स । | फोटोः मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

इस पहल ने पिछले साल कोविड लॉकडाउन के बाद आकार लेना शुरू किया, जिसका मक़सद ऐसे कारीगरों की सहायता करना था, जिन्हें अचानक आमदनी रुक जाने से झटका लगा था.

मधुबनी में महारत रखने मुज़फ्फ़रपुर-स्थित कलाकार प्रफुल्ल कुमार लाल ने, स्टोर में पेपर मेशे वस्तुओं की नुमाइश की है. लाल ने, जो 15 साल से अपनी पत्नी के साथ इस पेशे में लगे हुए हैं, कहा कि लॉकडाउन में उनके घर में बिना बिकी चीज़ों का ढेर लग गया था. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि लॉकडाउन के दौरान, उनके पास खाने को कुछ नहीं था, और पिछले एक साल से वो किराया अदा नहीं कर पाए हैं.

Coaster sets with Sujni art | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
टिकुली वर्क के साथ कोस्टर सेट । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट
Sujni art at display |Photo: Manisha Mondal | ThePrint
प्रदर्शनी में लगी हुई मधुबनी आर्ट । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी चीज़ों की बिहारिका में प्रदर्शनी लगाई है, इस उम्मीद में कि इससे उस नुक़सान की भरपाई हो जाएगी, जो हमने लॉकडाउन में उठाया है. बिहारिका एक डूबते हुए को तिनके का एक सहारा है’.

टिकूली का काम करने वाली पटना की सोनी कुमारी ने कहा, कि उन्हें पहले ही दुकान से कुछ ऑर्डर मिल गए हैं. ‘थोड़ा टाइम देना होगा तो बड़ा ऑर्डर भी आएगा.’

Sarees are also at display at the store | Photo: Manisha Mondal | ThePrint
बिहारिका में बेचे जाने वाले अन्य सामानों में साड़ियां । फोटोः मनीषा मोंडल । दिप्रिंट

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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