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Saturday, 9 August, 2025
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इश्क में पड़ी लड़कियां आज की डेटिंग की ट्रैजिक जोकर हैं — वही हैं जिनके कारण रोमांस अब भी ज़िंदा है

ऐसा नहीं है कि इन लड़कियों के पास आत्म-सम्मान नहीं है. उन्होंने बस थोड़ा-सा डिस्काउंट दे दिया है उस लड़के के लिए जो इस वक्त उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहा है.

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क्या आप उन लड़कियों में से हैं जो डेटिंग ऐप Hinge पर किसी लड़के के बेमन से आए ‘what’s up?’ का लंबा सा जवाब लिख देती हैं? क्या आपको इस बात की परवाह नहीं कि कोई रिप्लाई नहीं कर रहा और आप फिर भी दो-तीन बार मैसेज कर देती हैं? और क्या आप सड़कों पर प्यारे कपल्स की तस्वीरें खींचकर उन्हें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती हैं और कैप्शन में लिखती हैं – ‘Me and who?’ बधाई हो, आप मॉडर्न डेटिंग की ‘ट्रैजिक जोकर’ हैं — एक ‘सर्टिफाइड लवर गर्ल’. इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. सिंगर ‘Laufey’ ने तो खासतौर पर आपके लिए एक गाना भी रिलीज़ किया है.

अर्बन डिक्शनरी में इस टर्म का मतलब है: “वो लड़की जिसे प्यार में रहना पसंद है या जो प्यार और रिश्तों के आइडिया से ही बहुत जुड़ी हुई है.” यहां ‘ऑब्सेस्ड’ यानी दीवानी होना, अहम शब्द है. दुनिया भले ही धीरे-धीरे युद्ध और तबाही की ओर बढ़ रही हो, लेकिन ये हिम्मती, सीधे-सादे प्यार में यकीन रखने वाली लड़कियां अब भी डेटिंग ऐप्स पर दुपट्टा लहराते हुए अपने स्लो-मो वीडियो डाल रही हैं.

इन्हें तब तक चैन नहीं मिलेगा जब तक इन्हें अपना ‘Mr. Right’ नहीं मिल जाता. हां, इन पर हंसी आ सकती है और मैं हंसूंगी भी, लेकिन साफ कर दूं: लवर गर्ल्स इसलिए मज़ाक की पात्र नहीं हैं क्योंकि वो ऑनलाइन प्यार ढूंढ रही हैं. बात सिर्फ इतनी है कि उनका तरीका थोड़ा अलग है.


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एकतरफा मोहब्बत की देवी

हम उस दौर में जी रहे हैं जिसे कई लोग “हेटेरोफैटलिज़्म” कहते हैं — मतलब, स्ट्रेट रिश्तों से थकावट. वजह? ज़्यादातर मर्द इमोशनली अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा रहे. उनके प्रति आकर्षण होना मानो एक श्राप हो गया है.

ऐसे में ‘लवर गर्ल’ जैसी कोई लड़की अब भी हमारे बीच मौजूद है — ये अपने आप में चौंकाने वाली बात है. वो बेहद ज़्यादा उम्मीद रखती है — और कभी-कभी तो हदें पार कर देती है, जैसे अगर जवाब देर से मिले तो एक साथ 20 कॉल कर डालना.

इन लड़कियों के ड्रीम बोर्ड पर अक्सर मिस्टर डार्सी होता है, लेकिन ये एलिज़ाबेथ जैसी बिंदास नहीं होतीं. जेन ऑस्टन की नायिका जहां तीखी ज़ुबान और आत्मसम्मान के साथ रहती है, वहीं लवर गर्ल्स प्यार के चंद टुकड़ों के लिए चूहों की तरह फुसफुसाती फिरती हैं. ऐसा नहीं कि इनकी सेल्फ-रेस्पेक्ट नहीं है, बस फिलहाल उन्होंने उसे थोड़ा छूट पर रखा हुआ है, उस इमोशनली-अनअवेलेबल लड़के के लिए, जिस पर वो फिदा हैं. ये लड़कियां किसी मॉडर्न डेटिंग स्ट्रैटजी का इस्तेमाल नहीं करतीं — वो तो बस उसे पूजा की चीज़ बना देती हैं.

दिल्ली में एक 26 साल की चिल्ड्रन बुक एडिटर खुद को ‘बेशर्म लवर गर्ल’ मानती हैं. उन्हें ऐसे लड़कों के लिए सरप्राइज गिफ्ट्स खरीदते देखा गया है जो बॉयफ्रेंड मटेरियल लगते हैं. उनका कहना है, “मैं गिफ्ट देने में यकीन रखती हूं.” हाल ही में उन्होंने Bumble पर मिले एक लड़के की भूरी आंखों से मैच करने के लिए Snitch से हरा शर्ट खरीदा. क्यों? क्योंकि उसके रिप्लाई देर से आने लगे थे. उनका तर्क था — “लोगों को ये जताना ज़रूरी है कि उन्हें चाहा जा रहा है.”

हालांकि, इससे कुछ फायदा नहीं हुआ, अब वो इससे भी बड़ा गिफ्ट सोच रही हैं. क्या कोई किडनी काम आ सकती है? उन जैसी लड़कियां पोएट्री बुक्स लिखती हैं, दीवारों पर लव म्यूरल्स बनाती हैं, बनाना ब्रेड बेक करती हैं और तो और लड़कों की थैरेपी के पैसे तक देने को तैयार रहती हैं — चाहे सामने वाला इन जज़्बातों को समझे या नहीं. ऐसी रोमांटिक लड़कियों को आजकल सोशल मीडिया पर हर रोज़ ‘anxious attachment’ से जुड़े रील्स और पोस्ट मिलते रहते हैं.

हर सौ ब्लॉग और हज़ारों एक्स थ्रेड्स इन्हें ये समझाने की कोशिश करते हैं कि प्यार के पागलपन से बाहर निकलो, खुद पर ध्यान दो, हील करो, लेकिन उसी के साथ लाखों लोग उन्हें चीयर भी कर रहे होते हैं — “You do you, queen.” यही इनका नारा है. अगर polyamory (एक से ज़्यादा पार्टनर वाला प्यार) ने मोनोगैमी (एक ही पार्टनर से प्यार) को आईसीयू में पहुंचा दिया है — तो ये लवर गर्ल्स दिल से सीपीआर दे रही हैं ताकि प्यार जिंदा रह सके. देखना थोड़ा शर्मनाक ज़रूर है, लेकिन उनका प्यार अब भी ज़िंदा है.

हाई-फंक्शनिंग एडिक्ट्स

इंस्टाग्राम पर डेटिंग के जो ‘गुरु’ हैं—जो अब तक लवर गर्ल्स को बेवकूफ या ‘पिक मी’ टाइप की लड़की कहकर खारिज नहीं कर चुके हैं—वो अब थक चुके हैं ये समझाते-समझाते कि लवर गर्ल ट्रेंड का मतलब कभी भी नेगलेक्ट (अनदेखी) को रोमांटिक बनाना नहीं था. असल में, एक सच्ची लवर गर्ल की ज़िंदगी जीना और भी मुश्किल है. इसका मतलब है अपनी कमज़ोरियों और भावनात्मक ज़रूरतों को स्वीकार करते हुए (कांपते हुए ही सही), फिर भी वो प्यार मांगना जो दिल से चाहिए और अफसोस की बात ये है कि चाहे जितना भी स्टॉकिंग कर लो, मेनिफेस्ट कर लो या “वो मैसेज करेगा या नहीं” वाला टैरो कार्ड खींच लो — अगर सामने वाला इंसान सच्चा प्यार नहीं देना चाहता, तो कुछ नहीं होने वाला.

ज्यादातर औरतें जो खुद को डेटिंग बायो में ‘रिकवरिंग लवर गर्ल’ बताती हैं, उन्होंने अब इस सच्चाई से समझौता कर लिया है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इनमें से कई सिर्फ ‘हाई-फंक्शनिंग एडिक्ट्स’ हैं — जो अब भी उम्मीद की लत में हैं, बस थोड़ी ज़्यादा समझदारी से और छोटे-छोटे डोज़ में.

उदाहरण के लिए दिल्ली की एक डेटिंग कॉलमनिस्ट की बात करें — चर्चा है कि वो अक्सर अपने ‘हेल्दी टॉकिंग स्टेज रोस्टर’ को रीसेट करती रहती हैं, ताकि ध्यान उस एक लड़के पर ना चला जाए जो अब भी उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट में किसी कोने में पड़ा है.

और हां, वो मैं नहीं हूं.

(यह लेख भारत में मॉडर्न डेटिंग पर एक सीरीज़ का हिस्सा है, जिसमें प्यार की अच्छी, बुरी और क्यूट कहानियां शामिल हैं)

(यह लेखिका के निजी विचार हैं. उनका एक्स हैंडल @ratanpriya4 है.)

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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