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Friday, 22 November, 2024
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विदेशी दिलरुबा, स्टाईल आइकन, जवां दिलों की धड़कन- कई दिलचस्प पन्ने हैं मर्लिन मुनरो की कहानी में

मर्लिन के कहानी को हर लेखक ने अपने हिसाब से लिखा, ऐसे जैसे मर्लिन वो शख़्स हो जिसकी कहानी वो अपने तरीके से सुनाना चाहते हो. मर्लिन वो बगीचा है जिसे लोग अपनी पसंद के फूल लगाकर देखना चाहते हैं.

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उर्दू के मशहूर शायर अहमद फ़राज़ लिखते हैं –

                                    रुके तो गर्दिशें उसका तवाफ़ करती हैं,
                                    चले तो उसको ज़माने ठहर के देखते हैं…

चमकदार दस्ताने पहने जब वो अपना बायां हाथ हवा में लहराती हुई किसी मोरनी की लचक को कमर में कैद किए रेड कार्पेट पर वॉक किया करती थीं, तब करीने से खड़े लोगों के दिलों में सैकड़ों तलातुम उठ बैठते थे. उस समय लोगों में उनके चेहरे पर उभरे हुए तिल, उनकी कमान सरीखी भौएं, लबाबदार होंठ, और उनके नज़र के लशकारों की बहुत डिमांड थी.

मर्लिन का जन्म 1 जून 1926 में लॉस ऐंजलस में हुआ था. वो अपनी अविवाहित मां की पहली संतान थी. उनका बचपन पिता के वात्सल्य से वंचित, एक अनाथालय में गुज़रा. मर्लिन ने सोलह साल की उम्र में फ़ोटोग्राफ़र जेम्स डॉगर्टी से विवाह कर लिया. धीरे धीरे वो मॉडलिंग की दुनियां में छाने लगीं. उनकी शोखियों के लोग दीवाने थे. 1953 आते आते मर्लिन हॉलीवुड में बुलंदियां छूने लगीं. हॉलिवुड के लेखक क्रिस्टोफ़र निकेन्स अपनी किताब ‘मर्लिन इन फ़ैशन : द इनड्योरिंग इनफ़्लूएन्स ऑफ़ मर्लिन’ में लिखते हैं-

“जैसे वो पूरी तरह से धुली हुई चमकदार मॉडल से बदलकर हॉलिवुड की जीती जागती कामिनी बनी हों…..
उन्होंने अपने व्यक्तित्व को निखारा और एसे खबसूरती के मापदंड स्थापित किए जो उनकी मृत्यु के इतने समय बाद तक भी जिवंत हैं.”

डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर डैविड कोनोवर ने जब मर्लिन को पहली बार देखा तो कहा- “मैं आकर्षित था उसकी चहरे की चमकती हुई कलाओं से, जैसे नज़ाकत और स्तब्ध कर देने वाली कोई ऊर्जा का बेजोड़ मिश्रण हो.”

अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए मर्लिन ने 1948 के आस पास एक माइनर कॉस्मेटिक सर्जरी भी करवाई जिससे उनकी नाक और ठोडी और भी ज़्यादा तराशी हुइ नज़र आने लगी.

लोग उनकी स्टाइल के आज तक दीवाने हैं. तकरीबन साल भर पहले किम कारडैशियन गाला मीट फैस्टीवल में उसी
ज़रकन-ज़रदार गाउन में नज़र आईं जो मर्लिन ने 19 मई 1962 को मेडिसन स्क्वायर गार्डन में जॉन कैनेडी के 45वें जन्मदिन पर पहना था.

1953 में आई ड्रेस फ़ौर मेन शीर्षक के साथ एक आर्टिकल अखबार में छपा था जिसका ज़िक्र क्रिस्टोफर निकेन्स अपनी किताब “मर्लिन इन फैशन : द इनड्योरिंग इनफ़्लूएन्स ऑफ मर्लिन ” में भी करते हैं जहां अपनी फैशन फिलॉस्फी साझा करते हुए मर्लिन बोलीं- “मैं मानती हूं कि आपके शरीर के कारण पहने हुए कपड़े आप पर अच्छे लगने चाहिए ना कि आप किसी विशेष फैशन नियम को तूल दें जो भले ही आप पर अच्छे ना लग रहे हों. इसलिए मैं ऐसे कपड़ों की परवाह नहीं करती जिसका मेरे शरीर से कोई मेल न हो. मेरे माईने में कपड़ों का शरीर के साथ एक संबंध होना चाहिए ना कि शरीर से कुछ अलग.”

मर्लिन की वो तस्वीर अब तलक दिलों पर राज करती है जिसमें उनका सर पिछे की ओर ढला हुआ है, जिसमें झुकी आंखें लबरेज़ होंठ और कामुक मुस्कान से भरी हुई मर्लिन नज़र आती हैं.


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मर्लिन और उनके गुमनाम पिता

मर्लिन का बचपन काफी तल्ख़ियों भरा था. ना तो उन्हें कभी पर्याप्त रूप से मां की ममता मिली और ना ही कभी पिता का प्यार मिला. वो अपनी मां कि एक नाजायज़ औलाद थीं. उन्होंने कभी अपने पिता की शक्ल तक नहीं देखी थी. मर्लिन की एक बड़ी करीबी दोस्त – हैनरी रोजनफैल्ड, जो कि हॉलिवुड की एक ड्रैस मैन्यूफैक्चर्र थीं, उन्होंने एक अखबार को बताया कि मर्लिन अपने असली पिता से मिलना चाहती थीं. हेनरी ने ये भी बताया कि मर्लिन ने एक बार हैनरी से कहा कि वो भेस बदलकर अपने पिता से शारिरीक संबंध बनाना चाहती हैं, और बाद में उनसे ये पूछना चाहती हैं कि कैसा लगा अपनी बेटी के साथ….

हैनरी बताती हैं कि मर्लिन के बचपन में कई लोगों ने उनके अकेले होने का नाजायज़ फ़ायदा उठाया जिसके सदमे से मर्लिन शायद उस समय तक भी उबर नहीं पाईं. उनके मन में शायद कहीं न कहीं ये बात होगी कि उनके बालपन में जो भी बदसुलूकी उनके साथ हुई उसके ज़िम्मेदार उनके पिता थे, जो अगर उस समय मौजूद होते तो शायद इतना कुछ मर्लिन को नहीं झेलना पड़ता. संभवतः इसलिए उन्होंने अपने पिता के लिए ऐसी बात कही होगी.

ब्लौंड भी और बोल्ड भी

बात 1955 की है जब मर्लिन रौमकौम (रोमैंटीक और कौमेडी) “द सेवेन ईयर इच” शूट कर रही थीं. उस मूवी में मर्लिन की उड़ती स्कर्ट ने तो जैसे हॉलिवुड में उत्तेजना का माहोल बना दिया हो.

न्यू यॉर्क के लेगजिंगटन एवेन्यू के सब-वे पर खड़ी होकर, लमसम 2000 लोग और बाकी फोटोग्राफर्स के सामने, दोनों पैरों को कुछ दूरी पर ताने, रीड़ को झुकाए, और हवा में अपनी उड़ती हुई ड्रेस को दोनों हाथों से बार बार घुटनों तक ले जाती हुई एकदम बोल्ड अंदाज़ में वो नज़र आयीं.

मर्लिन मुनरो | फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स

उन्होंने अपनी उस शौर्ट ड्रैस के नीचे कोई स्टॉकिंग्स नहीं बल्कि डबल लेयर्ड हाई ब्रीफ पहनी थी. जब जब उनकी स्कर्ट उड़ती हुई उनके सीने पर लगती तब तब वहां खड़े हज़ारों लोग उनके इस बोल्ड-ब्लौंड पोज़ को देख कर उत्साहित हो उठते थे. उनका ये पोज़ ऐतिहासिक बन गया. इस पोज़ के कारण मर्लिन गज़ब ढंग से सुर्खियों में आई थीं.

मर्लिन ने जिस ड्रैस को पहनकर ये पोज़ दिया था वो ड्रैस बाद में 4.6 मिलीयन डॉलर में बिकी, जबकी उसे केवल 200 डॉलर में ख़रीदा गया था. सब मर्लिन की इस बोल्ड-ब्लौंड अदा से काफी खुश थे मगर एकमात्र उनके पति जो डिमैजिओ को ये हरकत बिल्कुल भी रास नहीं आई. कहा जाता है कि इस शूट के बाद मर्लिन पर जो अकेले में बहुत गुस्साए थे. इस घटना को लेकर उनका गुस्सा कुछ इतना ज़्यादा था कि वो मर्लिन पर हाथ उठा बैठे. इसके कुछ ही दिनों बाद मर्लिन ने कोर्ट में अपने दूसरे पति यानि जो डिमैजिओ से तलाक की अर्ज़ी लगा दी और उन दोनों का महज़ 9 महीने बाद ही तलाक हो गया. माना जाता है कि इन दोनों के तलाक कि ज़मीनी वजह – मर्लिन का बेतहाशा बोल्ड होना था.


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पुलित्ज़र एवार्डी अर्थर मिलर और मर्लिन मोनरो

अमेरिका के जाने माने पत्रकार माईक वैलेस से स्क्रीनप्ले राईटर और मर्लिन के पूर्व पति अर्थर मिलर ने एक बार औन रेकॉर्ड उनके और मर्लिन के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा – “मर्लिन मासूम थीं, खासकर तब जब वो एक बीवी और मां होती थीं. मगर अंततः उन्हें स्टार ही बनना था. और यही वो वजह थी जिसने उन्हें मार दिया.”

अर्थर ने ये भी कहा कि – “साथ में बिताए हुए साल काफी मुश्किल भरे थे. ये दर्दनाक रहा उनके लिए भी और मेरे लिए भी. ये हमारी हार है.”

हॉलीवुड की किताब “मर्लिन लिटिल ब्लैक बुक” में उल्लेखित है कि उनकी और अर्थर की शादी को अभी कुछ ही वक़्त बीता था कि वो लोग लंडन एक फ़िल्म –“द प्रिंस एंड द शोगर्ल” – की प्रोडक्शन के लिए गए थे. संयोग से उस समय अर्थर के रैंडम नोट्स वहीं मेज़ पर बिखरी हालत में मर्लिन के हाथ लग गए. मर्लिन वो पढ़ कर स्तब्ध रह गईं. मर्लिन ने बताया कि उसमें लिखा था – “उन्होंने एक वैसी ही गलत महिला से फिर विवाह कर लिया है जैसी उनकी पहली पत्नी थीं.“ ये बात अर्थर ने मर्लिन के लिए लिखा था. मर्लिन ने बताया कि अपने उस नोट्स में अर्थर ने उन्हें वैश्या भी कहा.

परिणाम स्वरूप 1960 में मर्लिन का अपने तीसरे पति अर्थर मिलर के साथ भी तलाक हो गया.

मर्लिन की स्वभाविकता

तलाक होना शायद स्वभाविक था क्योंकि मर्लिन की स्वभाविकता थी – आज़ाद रूह.

यूं तो सबके लिए जीवन का सबसे मुश्किल काम होता है स्वभाविक रहना. और वो भी वर्कप्लेस पर. मगर जब मर्लिन की बात आती है तो यूं जानिए उनकी बुलंदी के वो अफसाने पढ़ कर हमने ये जाना कि जहां लोग कैमरे को देखकर बदहवास हो जाते थे वहीं वो कैमरे को चिढ़ाती थीं. वो बिजली की तरह तुरंत-तुरंत पोज़ बदल दिया करती थीं . उनका कैमरा कभी अपनी मर्ज़ी से यानि फोटोग्राफर की मर्ज़ी से नहीं घूमता था बल्कि जो-जैसे मर्लिन कहती थीं वही होता था. और ये पोजिंग तब तक चलती थी जब तक वो खुद थक कर बैठ न जाएं.

उनकी बोल्डनेस केवल दैहिक परिधी तक सीमित नहीं थी बल्कि वो दिमागी रूप से भी स्ट्रॉग लेडि बौस थीं. उनके नायाब किस्सों में से एक किस्सा ये भी था कि जैसे-जैसै मर्लिन का सूरज चढ़ता गया वैसे-वैसे वो खुद अपनी स्टार, डायरेक्टर, और एडिटर बनने लगीं. यानि उस दौर में किसी की मजाल नहीं थी कि मर्लिन से पूछे बगैर कोई भी अपनी पसंद की फोटो लगा दे. यूं मानिए कि कोई एडिटर अगर उनसे पोज़ करवाना चाहता था तो वो केवल मर्लिन के हिसाब से करवाता था, क्योंकि मर्लिन केवल दूसरों के ही नहीं बल्की अपनी भी मन की मल्लिका थीं.

जैसे चमकदार हीरे अलग-अलग आकार से छांटे हुए होते हैं, ठीक वैसे ही मर्लिन के भी कई रूप थे. शायद इसलिए उनकी भी चमक हीरे सी थी. एंथनी समर्स अपनी किताब “गॉडेस : द सिक्रेट लाईफ ऑफ मर्लिन मोनरो” में मर्लिन के प्रेस एसिस्टेंट पैट न्यूकॉम के नाम को दर्शाते हुए मर्लिन के साथ अनुभव के अनुसार मर्लिन ने कभी किसी को सबकुछ नहीं बताया. गहन तौर पर अगर मर्लिन को देखा जाए तो उनका चरित्रिकरण हर लेखक ने अपने हिसाब से किया है ऐसे जैसे मर्लिन वो शख़्स हो जिसकी कहानी वो अपने तरीके से सुनाना चाहते हो. मर्लिन वो बगीचा है जिसे लोग अपनी पसंद के फूल लगाकर देखना चाहते हैं.

ड्रग ओवरडोज़ से मौत

4 अगस्त, 1962 को मर्लिन अपने घर में मृत पाई गई. उन्होंने कथित रूप से ड्रग ओवरडोज़ लिया था. 4 अगस्त को आधी रात से पहले हॉलिवुड बोल के ऑडीटोरियम में लोग हेनरी मेनसिनी ऑर्केस्ट्रा को सुन रहे थे. अचानक थोड़ा सा व्यवधान हुआ और एक सहायक ने सबसे महंगी सीट पर बैठे हुए एक शख़्स के कान में फुसफुसा कर एक जरूरी संदेश दिया. वो शख़्स अपनी जगह से उठा. पास रखे एक टेलिफोन के पास गया और एक आवाज़ सुनी. फिर उसने धीमे धीमे फोन पर बात की. उसने अपनी पत्नी को बुलाया और तेज़ तेज़ कदमों से अपनी कार की तरफ बढ़ा.

थोड़ी देर में पूरे शहर में कई जगहों पर पलंग के बगल में रखे टेलिफोन बजने लगे जिसने डाक्टरों, मशहूर वकीलों, शो बिज़नेस के महत्वपूर्ण लोगों और प्राइवेट जासूसों को गहरी नींद से उठा दिया. राष्ट्रपति कैनेडी के बहनोई पीटर लॉफोर्ड ने वाइट हाउस फोन मिलाया. अभिनेत्री के घर के पास रहने वाले लोग हेलीकॉप्टर के गड़गड़ाने की आवाज़ सुनकर जाग गए. तुरंत ही एक एंबुलेस को शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक घर में बुला लिया गया. आम जनता को इस घटनाक्रम का कोई अंदाज़ा नहीं था. लेकिन ये साल की सबसे बड़ी खबर बन गई थी.


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