scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमसमाज-संस्कृतिपेपरफ्राई के को-फाउंडर अंबरीश मूर्ति का दिल का दौरा पड़ने से निधन, वीडियो में क्यों याद किया था भगवान को

पेपरफ्राई के को-फाउंडर अंबरीश मूर्ति का दिल का दौरा पड़ने से निधन, वीडियो में क्यों याद किया था भगवान को

मूर्ति ने 2012 में मुंबई में आशीष शाह के साथ पेपरफ्राई की स्थापना की थी और आठ फंडिंग राउंड में 244 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ, पेपरफ्राई की कीमत $500 मिलियन है.

Text Size:

नई दिल्ली: अगर भगवान ने बाइकर्स के लिए स्वर्ग बनाया होता, तो स्वर्ग की वो सड़कें इस तरह दिखतीं…फ्लैट, ब्लैक टरमैक, बीच से गुजरती सीधी सड़क…शायद भगवान ने मेरे लिए कुछ और ही प्लान किया…ये आखरी शब्द हैं सफल उद्यमी और ट्रेवल और बाइक लवर अंबरीश मूर्ति के. आप जितना उनके इंस्टाग्राम हैंडल को स्क्रॉल करेंगे उतना ही उनके बाइक और पहाड़ों के प्रति प्यार का पता चलता जाएगा.

पेपरफ्राई के सह-संस्थापक और सीईओ अंबरीश मूर्ति का लेह में दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को निधन हो गया. अंबरीश 51 वर्ष के थे और उनके निधन की जानकारी उनके दोस्त और कंपनी के को-फाउंडर आशीष शाह ने दी.

पेपरफ्राई के दूसरे को-फाउंडर और सीओओ आशीष शाह ने सोशल मीडिया पर मूर्ति के निधन की जानकारी देते हुए लिखा, “यह बताते हुए बहुत ही दुख हो रहा है कि मेरे दोस्त, गुरू, भाई, जीवनसाथी अंबरीश मूर्ति अब नहीं रहे.”

उन्होंने आगे लिखा कि कल रात लेह में दिल का दौरा पड़ने से हमने उन्हें खो दिया.

बाइक के शौकीन थे मूर्ति 

मूर्ति बाइक के बहुत बड़े शौकीन थे और मुंबई से लेह तक वो अपनी मोटरसाइकिल पर ही गए थे. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी लद्दाख यात्रा की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए थे. अगर उनके इंस्टाग्राम तो थोड़ा नीचे तक स्क्रॉल किया जाये तो ये साफ़ नज़र आता है कि उन्हें बाइक राइड्स कितनी पसंद थी.

“मोटरसाइकिल डायरीज़ (मैं ही क्यों?”) ये लाइन अंबरीश ने अपने आखरी इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में लिखा था.

फोटो: इंस्टाग्राम, ambareeshmurty

अपनी मृत्यु के दो दिन पहले मूर्ति ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया था. अपने इस आखरी वीडियो में ट्रिप के दौरान मनाली-लेह हाईवे पर एक वीडियो बनाकर उन्होंने सफर के दौरान आई कुछ परेशानियों के बारे में बताया.

उन्होंने अपने वीडियो में आगे कहा, “मुझे अपनी मोटरसाइकिल के गियर से जुड़ी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा. मैं अपनी बाइक का तीसरा, चौथा और पांचवां गियर नहीं लगा पा रहा था. जिसके बाद मैंने पहले और दूसरे गियर के साथ ही सफर किया.”

मूर्ति ने आगे कहा कि फिर मैंने इसे ठीक करने के लिए वही किया जो शायद आइंस्टाइन ऐसी स्थिति में करते. मैंने एक पत्थर उठाया और अपने गियर पेडल पर जोर से मारा जिसके बाद सब कुछ बिलकुल ठीक सा हो गया.

पेपरफ्राई

बता दें कि 2012 में, अंबरीश मूर्ति और आशीष शाह ने फर्नीचर और घरेलू सामानों में विशेषज्ञता वाला एक ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पेपरफ्राई की स्थापना की थी. पिछले एक दशक में, पेपरफ्राई ने ऑनलाइन वर्चुअल कैटलॉग, इन-हाउस सप्लाई चेन और 100 से अधिक भारतीय शहरों में एक अपने व्यापार को एक बढ़ाया है और व्यापक रूप दिया है.

अंबरीश ने 2012 में मुंबई में होम डेकोर कंपनी पेपरफ्राई की स्थापना से पहले ईबे से जुड़कर काम किया था. इससे पहले, अंबरीश लेवी स्ट्रॉस इंडिया के ब्रांड लीडर थे, जो ब्रांड के लिए उत्पाद विकास, विपणन और खुदरा रणनीतियों के लिए मुख्य रूप से काम करती है.

मूर्ति मल्टी-टैलेंटेड थे. उन्हें काम के अलावा अलग अलग चीज़ें करना भी बहुत पसंद था, और इस बात का अंदाज़ा उनके ट्विटर के बायो (जो इन दिनों एक्स के चिन्ह में तब्दील हो गया है) से पता चलता है. उन्होंने आपने बायो में खुद को एक सोशिओपैथ कहा है जिसका मतलब एक ऐसा व्यक्ति है जो लोगो के साथ अच्छी तरह और आसानी से घुल-मिल सकता है लेकिन उसे ऐसा करना पसंद नहीं है, अर्थात जिसे अकेले और अपनी दुनिया में रहना ज्यादा पसंद है.

मूर्ति के पास एफएमसीजी, वित्तीय सेवाओं और इंटरनेट उद्योगों में सामान्य प्रबंधन का 27 साल का अनुभव था. और उनके ट्विटर बायो के मुताबिक उन्हें काल्पनिक महाकाव्यों को पढ़ना भी बहुत पसंद था.

मूर्ति ने पिछले दिनों अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपनी लद्दाख यात्रा की तस्वीरें और वीडियो को भी पोस्ट किया है.

करियर की शुरुआत

अंबरीश मूर्ति ने सेल्स और मार्केटिंग में कैडबरी के साथ अपना करियर शुरू किया, उनके बाद उन्होंने  आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में मार्केटिंग और ग्राहक सेवा के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया.

मूर्ति का बिजनेस से जुड़ाव उनके ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही शुरू हो गया था. उन्होंने ट्यूटर्स ब्यूरो नामक एक छोटा व्यवसाय स्थापित किया जो टूशन पढ़ने वालों और स्कूली छात्रों को एक साथ जुड़ने और एक दूसरे को ढूंढने में मदद करता था. 1990 के दशक की शुरुआत उन्होंने दो साल तक यही काम किया था.

पेपरफ्राई के को-फाउंडर ने अपने आखरी वीडियो में कहा, “यह मनाली-लेह हाईवे के बीच का मूर प्लेन है. मूर प्लेन ऐसी जगह को कहते है जहां घास और पहाड़ियों का एक खुला मैदान जैसी जगह होती है.”

उन्होंने आगे कहा कि भगवान इन मूर प्लेन्स में शायद बाइक चलाने वाले एंजल्स को पार्टी करने का एक मौका देते हैं, इसलिए मैंने भी आज एक एंजल बनने की कोशिश की, लेकिन लगता है भगवान का मेरे लिए कोई और ही प्लान है. उन्होंने शायद मुझे एक एंजल के रूप में स्वीकार ही नहीं किया.

अंबरीश ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बी.ई.) और प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान, कलकत्ता से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किया हुआ हैं.

उनकी विविध शैक्षिक नींव और हमेशा कुछ नया और अलग करने की उनकी उद्यमशीलता की सफलता और नेतृत्व उपलब्धियों के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम किया.

बता दें कि मूर्ति ने 1996 में कैडबरी इंडिया के साथ एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में अपना कॉर्पोरेट करियर शुरू किया था. उन्होंने 2001 तक अपने पांच साल कंपनी के मार्केटिंग डिवीजन में बिताए और ब्रांड मैनेजर के पद तक पहुंचे और 2001 तक कैडबरी के दिल्ली, राजस्थान और मुंबई कार्यालयों में काम किया.

मूर्ति ने 2012 में मुंबई में आशीष शाह के साथ पेपरफ्राई की स्थापना की थी और आठ फंडिंग राउंड में 244 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ, पेपरफ्राई की कीमत $500 मिलियन है.


यह भी पढ़ें: कर्ज के बोझ से दब गए थे कला निर्देशक नितिन देसाई, पीएम मोदी के साथ था उनका खास रिश्ता


share & View comments