scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमसमाज-संस्कृतिहस्तिनापुर, राखीगढ़ी सहित पुरातात्विक स्थल पर्यटकों के लिए होंगे विकसित, क्या है इनका ऐतिहासिक महत्व

हस्तिनापुर, राखीगढ़ी सहित पुरातात्विक स्थल पर्यटकों के लिए होंगे विकसित, क्या है इनका ऐतिहासिक महत्व

मोदी सरकार ने बजट 2020 में संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपए तथा पर्यटन विकास हेतु 2500 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: मोदी सरकार देश के बड़े पुरातात्विक स्थलों को पर्यटन की शक्ल देने की तैयारी के तहत संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपए और पर्यटन विकास हेतु 2500 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव रखा है. जिससे पुरातात्विक स्थलों को विकसित किया जायेगा.

2020-21 के लिए केंद्र सरकार का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल देश के बड़े पुरातात्विक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. सीतारमण ने बजट भाषण में संस्कृति, पुरातत्व और पर्यटन को भी अलग महत्व दिया था. इन पुरातात्विक स्थलों में हरियाणा का राखीगढ़ी, महाभारत काल का हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धोलावीरा (गुजरात) तथा आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) शामिल हैं.

वित्तमंत्री ने पांच राज्यों में स्थित पुरातात्विक स्थलों को संग्रहालयों के साथ विकसित करने पर जोर दिया था.

हस्तिनापुर

हिन्दू धर्म में चार युग माने जाते हैं- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग. हस्तिनापुर का जिक्र द्वापरयुग में आता है. यानी महाभारत काल का समय. हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित माना जाता है. महाभारत के अनुसार हस्तिनापुर पर कौरवों के अधीन था. यह उनकी राजधानी थी. यहां का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण भीष्म, पांडव, धृतराष्ट्र, दुर्योधन, और युधिष्ठिर व अन्य पांडवों से जुड़ा हुआ है. 1952 में हुई खुदाई में यहां 3200 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष मिलते हैं.

सरकार की योजना यहां राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की है और इसके पुरातात्विक महत्व को उभारेगी.

हरियाणा स्थित राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है

दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के हिसार जिले का एक गांव राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक है. राखीगढ़ी दिल्ली से करीब 150 किमी दूर है. यह सिंधु घाटी सभ्यता का भारतीय क्षेत्रों में धोलावीरा के बाद दूसरा सबसे बड़ा ऐतिहासिक नगर है. ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार राखीगढ़ी 6500 ईसा पूर्व की सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है. राखीगढ़ी हिसार के पास 300 हेक्टेयर में स्थित है. भारतीय पुरातत्वविदों और डीएनए विशेषज्ञों के रिसर्च के अनुसार खुदाई में मिले कंकालों की कार्बन डेटिंग से मालूम हुआ है कि ये प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित हैं. राखीगढ़ी में हड़प्पा काल से जुड़ी निशानियों से पता चलता यह जगह 2800-2300 ईसा पूर्व की है.

राखीगढ़ी में बजट में नेशनल म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव है.

हरियाणा के राखीगढ़ी में मिले कंकालों के डीएनए सैंपलों से पता चला है कि इनका आर्यन के जीन से कोई संबंद्ध नहीं है. हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता की जगहों में शामिल है. गौरतलब है आर्यन थ्यौरी का विवाद देश में लंबे समय से बना हुआ है. इस खोज के बाद शायद अब नये सिरे से इस थ्यौरी पर सोचना पड़े.

शिवसागर

असम के शिवसागर जिले का एक शहर है. ऐसा मन जाता है कि अहोम राजा शिव सिंह ने बनाई थी शिवसागर नगरी. अहोम राजा का काल 1699 से 1788 के बीच का है. यहां पर अहोम वंश ने असम पर लंबे समय तक शासन किया था. शिवसागर में शिवजी और विष्णुजी की प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित हैं. यह असम की राजधानी गुवाहाटी के उत्तर पूर्व में 360 किलोमीटर की दूरी पर है. शिवसागर एक धरोहर स्थल है. यहां पूर्ववर्ती अहोम राष्ट्र के बहुत से स्मारक स्थित हैं. सरकार इसे भी संवारेगी.

धौलावीरा

गुजराज के कच्छ जिले में भचाऊ क्षेत्र में धौलावीरा स्थित है गुजरात का धौलावीरा गांव के पास पांच हजार साल पहले विश्व का यह प्राचीन महानगर था. धौलावीरा का स्थान कर्क रेखा पर है पुरातत्वविदों द्वारा की गई रिसर्च में मालूम हुआ है कि ये जगह पांच सबसे बड़े हड़प्पा स्थलों में से एक है. गुजरात के धौलावीरा को भारत में स्थित दो हड़प्पा शहरों में से दूसरा शहर माना जाता है. इस पुरातात्विक जगह का सबसे पहली बार साल 1967 में पता चला था. बजट के प्रस्ताव के अनुसार सरकार यहां नेशनल म्यूजियम और साइट को विकसित करेगी.

आदिचनल्लूर

तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में स्थित आदिचनल्लूर भी एक पुरातात्विक स्थल है. ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार आदिचनल्लूर पांडियन साम्राज्य से संबंधित है. वैज्ञानिकों के अनुसार, 905 ईसा पूर्व और 696 ईसा पूर्व के बीच की अवधि में यहां जीवन संभव था और तमिल सभ्यता के साथ लोग यहां रहा करते थे मानव कंकालों की रिसर्च करने पर मालूम हुआ कि ये 2500-2200 ईसा पूर्व के हो सकते हैं.

इस पुरातात्विक स्थल को विकसित करने के साथ सरकार यहां नेशनल म्यूजियम बनाएगी.

share & View comments