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Sunday, 3 November, 2024
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आजादी के 75 साल के जश्न और भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद की डोर बनेगा BBC पॉडकास्ट ‘बात सरहद पार’

बीबीसी इस साल अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहा है, इसी क्रम में इस पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की गई है जिसमें भारत-पाकिस्तान के संगीत से लेकर सिनेमा जगत की हस्तियां बातचीत करेंगी.

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नई दिल्ली: भारत इस साल अपनी आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है. ऐसा ही जश्न सरहद पार पाकिस्तान में भी मनाया जा रहा है क्योंकि ये उनकी आजादी को भी 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस खुशी के मौके पर बीबीसी हिंदी ने बीबीसी उर्दू के साथ मिलकर एक नई पॉडकास्ट सीरीज 15 जुलाई से शुरू करने जा रहा है. इसमें आज़ादी और बंटवारे के 75 साल के दास्तां से लेकर दोनों देशों के लोगों ने बहुत कुछ झेला है.

भारत और पाकिस्तान का इतिहास तो साझा है लेकिन सरहदों की लड़ाई ने लोगों के बीच खाई पैदा कर दी है और दोनों देशों के बीच जो एक जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज है वही सबसे कम है और वो है आपसी संवाद और इसी संवाद को साथ ला रहा है बीबीसी हिंदी. जिसमें सीमा पार दो नामी-गिरामी शख़्सियत अपने अपने अनुभव शेयर करेंगे.

इस पॉडकास्ट में दोनों देशों के बीच की बातचीत को बेहतर करने की कोशिश की जाएगी.

बीबीसी इस साल अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहा है, इसी क्रम में इस पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की गई है जिसे भारत और पाकिस्तान की टीमें मिलकर बनाएंगी. पॉडकास्ट में दोनों देशों से साहित्य, सिनेमा, संगीत समेत कई क्षेत्रों के दिग्गजों को बुलाया जाएगा, इनमें आम लोग भी शामिल होंगे और बीते 7 दशकों में हुए बदलावों पर बातचीत होगी.

बीबसी के नई दिल्ली दफ्तर में एक मंगलवार दोपहर 12 बजे एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें इस पॉडकास्ट से जुड़ी जानकारी साझा की गई. इस दौरान पॉडकास्ट बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पाकिस्तान के लोग भी जूम के जरिए जुड़े और इस पॉडकास्ट के बनने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की. इस पॉडकास्ट का एक अपना अलग संगीत है, जिसे बीबीसी के चिंतन कालरा और अजित सारथी ने कंपोज किया है.

यह पॉडकास्ट सीरीज इस शुक्रवार (15 जुलाई) को लॉन्च होगी. इसमें हर बार एक नया एपिसोड जारी किया जाएगा. शुक्रवार को बीबीसी न्यूज़ हिंदी और बीबीसी न्यूज़ उर्दू वेबसाइट पर और संबंधित YouTube चैनल, और Gaana, JioSaavn, और Spotify सहित सभी प्रमुख पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म पर सुना जा सकेगा.

बीबीसी इंडिया की हेड रूपा झ कहती हैं, ‘भारत की आजादी के 75वें वर्ष और विभाजन को चिह्नित करने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है कि हम सीमा पार लोगों को एक साथ लाएं, साझा सांस्कृतिक अतीत का पता लगाने, एक-दूसरे की व्यक्तिगत यात्राओं का जश्न मनाने का मौका मिले. पॉडकास्ट के रूप में ये आकर्षक कहानियां हमारे लिए एक व्यावहारिक और अंतरंग अनुभव है.’

पॉडकास्ट के लिए आयोजित प्रोग्राम में मशहूर कवियत्री अनामिका भी मौजूद रहीं, उन्होंने इस शुरुआत को सराहते हुए कहा, ‘पॉडकास्ट परिंदों की तरह सरहद की दूरी को कम करने में मदद करेगा.’

उन्होंने पॉडकास्ट में साहित्य की भूमिका पर बात करते हुए कहा कि साहित्य स्मृति और हकीकत के बीच का झूला है.

बीबीसी हिंदी के एडिटर राजेश प्रियदर्शी ने पॉडकास्ट बनाने की प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा, ‘जब हम दोनों तरफ से लोगों को इसमें बोलने के लिए राजी कर रहे थे तो मुझे 400 शब्द का डॉक्यूमेंट तैयार करके उन्हें आश्वस्त करना पड़ा कि इसमें कोई विवाद नहीं होगा. लोगों को डर था कि कहीं वे किसी विवाद का हिस्सा न बन जाएं.’

प्रसिद्ध भारतीय गायिका सुनिधि चौहान और पाकिस्तान के प्रसिद्ध गायक, जेब बंगश, इस पॉडकास्ट ‘बात सरहद पार’ के पहले एपिसोड के मेहमान हैं. ऐसा कहा जा सकता है कि यह पॉडकास्ट सीरीज दोनों देशों के लोगों की साझा सामाजिक और सांस्कृतिक यादों की विरासत के आधार पर संवाद और गहरे संबंधों का जश्न मनाने के लिए की जा रही एक अनूठी पहल है.


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