scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमसमाज-संस्कृतिएपीजे कोलकाता साहित्य उत्सव 21-23 जनवरी तक ऑनलाइन आयोजित होगा

एपीजे कोलकाता साहित्य उत्सव 21-23 जनवरी तक ऑनलाइन आयोजित होगा

इससे पहले टाटा स्टील साहित्य भेंट को इस हफ्ते के शुरू में कोविड की वजह से स्थगित कर दिया गया है. यह 25 जनवरी से आयोजित किया जाना था.

Text Size:

कोलकाता: एपीजे कोलकाता साहित्य उत्सव (एकेएलएफ) के 13वें संस्करण का आयोजन कोविड-19 की स्थिति की वजह से 21-23 जनवरी तक ऑनलाइन होगा और इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों का डिजिटल मीडिया पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.

आयोजन समिति के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि एकेएलएफ 2022 में 24 संवादात्मक सत्र होंगे जिनके माध्यम से गल्प और गैर-गल्प, पाक-कला, महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान मानसिक और शारीरिक सेहत, कविता, राजनीति, समसामयिक विषय, अनुवाद, इतिहास, बाल एवं वयस्क साहित्य समेत अन्य विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि एकेएलएफ 2022 का साहित्य उत्सव के आधिकारिक फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के साथ- साथ ‘ऑक्सफॉर्ड बुक्सस्टोर’ पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.

13वें एकेएलएफ में हिस्सा लेने वाले प्रमुख वक्ताओं में लेखक, विलियम डेलरिम्पल, बाल लेखक एंडी ग्रिफिथ्स, कवि, उपन्यासकार और पत्रकार जीत थाइल, फिल्मकार और लेखिका वंदना कोहली शामिल हैं.

अन्य वक्ताओं में, लेखक, वक्ता और पौराणिक विज्ञानी देवदत्त पटनायक, स्तंभकार और उपन्यासकार शोभा डे, फ्रांसीसी राजनयिक एमैनुएल लेब्रूं-दामिएन्स व डॉ क्रिस्टीन कॉर्नेट, पत्रकार एवं फिल्म आलोचक अनुपमा चोपड़ा, पत्रकार सीमा गोस्वामी, निर्देशिका और अभिनेत्री अपर्णा सेन, पत्रकार वीर सांघवी, बॉलीवुड अभिनेता कबीर बेदी, तुषार कपूर व जुगल हंसराज के साथ-साथ जाने माने खानसामा संजीव कपूर व विकास खन्ना शामिल हैं.

इससे पहले टाटा स्टील साहित्य भेंट को इस हफ्ते के शुरू में कोविड की वजह से स्थगित कर दिया गया है. यह 25 जनवरी से आयोजित किया जाना था.

साहित्य उत्सव के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि हालात जब नियंत्रण में आ जाएंगे तो इसका आयोजन किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि निर्धारित तारीख पर कुछ सत्रों का ऑनलाइन आयोजन किया जाएगा.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ें: ‘अब समझ में आवत.. केतनी बुरी बेमारी बा’- कोरोना काल में ग्रामीण भारत की सच्चाई बयां करती ‘पुद्दन कथा’


share & View comments