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Friday, 15 November, 2024
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‘चार बिंदुओं पर फोकस’, Budget के बाद PC में बोली वित्तमंत्री- डिजिटल अर्थव्यवस्था को खोलने की कोशिश

वित्तमंत्री ने कहा, ‘नई कराधान व्यवस्था को अब अधिक प्रोत्साहन और आकर्षण मिला है ताकि लोग बिना किसी हिचकिचाहट के पुराने से नए की ओर जा सकें. हम किसी को बाध्य नहीं कर रहे हैं.'

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नई दिल्ली: साल 2023 का बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस बजट में चार बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है जो है महिलाओं को सशक्त बनाना, पर्यटन के लिए कार्य योजना, विश्वकर्मा (कारीगरों) के लिए पहल और हरित विकास.

उन्होंने आगे कहा, ‘बजट में नई कराधान व्यवस्था को अब अधिक प्रोत्साहन और आकर्षण मिला है ताकि लोग बिना किसी हिचकिचाहट के पुराने से नए की ओर जा सकें. हम किसी को बाध्य नहीं कर रहे हैं. लेकिन नया अब आकर्षक है क्योंकि यह अधिक छूट देता है.’

वित्तमंत्री ने कहा, ‘कृषि ऋण उपलब्धता में बहुत वृद्धि हुई है. कृषि ऋण के लिए 20 लाख रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं. साथ ही, पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत एक उप-योजना यह सुनिश्चित करती है कि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग इससे लाभान्वित होने जा रहे हैं.’

उन्होंने कहा,  ‘हम एक भविष्यवादी फिनटेक क्षेत्र की ओर देख रहे हैं, लोगों को औद्योगिक क्रांति 4.0 के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा, हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था को खोलने की कोशिश कर रहे हैं.’

पूंजी निवेश को एक बड़ा कदम 

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘बजट 2023 पूंजी निवेश को एक बड़ा कदम देता है, यह एमएसएमई में भी भाग लेता है क्योंकि वे विकास के इंजन हैं, यह पूंजी निवेश को बनाए रखता है और व्यक्तियों और मध्यम वर्ग को कर राहत देते हुए निजी क्षेत्र को भी बढ़ावा देता है.’

उन्होंने कहा, ‘हम किसी को बाध्य नहीं कर रहे हैं. जो पुराने में रहना चाहते हैं वे अभी भी वहां रह सकते हैं. लेकिन नया आकर्षक है क्योंकि यह अधिक छूट देता है. यह सरलीकृत और छोटे स्लैब, कराधान की छोटी कम दरों और स्लैब भी प्रदान करता है जो अच्छी तरह से टूट गए हैं.’

वित्तमंत्री ने आगे कहा, ‘यह देश प्रत्यक्ष कराधान के सरल होने की प्रतीक्षा कर रहा है. इसलिए दो, तीन साल पहले प्रत्यक्ष कराधान के लिए हमने जो नई कराधान व्यवस्था लाई थी, उसमें अब अधिक प्रोत्साहन और अधिक आकर्षण है, ताकि लोग बिना किसी हिचकिचाहट के पुराने से नए की ओर जा सकें.’


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