नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2023 पेश किया. वित्तमंत्री ने बजट में कई सारी नई घोषणाएं की. इस साल के बजट में वित्तमंत्री ने टैक्स को लेकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है. अब 7 लाख तक आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. वित्तमंत्री की घोषणा के बाद से मध्यम वर्ग के लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. वहीं वित्तमंत्री ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है. साथ ही बजट 2023 के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाओं में, छात्रों के लिए लाइब्रेरी, युवाओं के लिए कौशल विकास और महिलाओं के लिए बचत पत्र जैसी घोषणाएं की गईं. आम चुनाव 2024 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के अंतिम पूर्ण बजट को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करेगी.
वित्तमंत्री के भाषण के बाद बजट को लेकर सत्ता और विपक्षी दलों के नेताओं के बयान आने लगे. सत्ता से जुड़ी पार्टियां और नेताओं ने बजट का स्वागत किया तो विपक्षियों पार्टियों ने इसे नकार दिया.
कांग्रेस ने कहा, ‘कॉर्पोरेट समर्थक बजट’
कांग्रेस नेता डी के सुरेश ने कहा, ‘बजट 2023 एक कॉर्पोरेट समर्थक बजट है. इस बजट में अडानी के सारे हित जुड़े हैं, लेकिन आम आदमी की उपेक्षा की गई है. यह बजट अडानी, अंबानी और गुजरात के लिए है.’
उनके अलावा कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘महंगाई, बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं. बेचारे को सिर्फ शब्द और लफ्फाजी मिली. बजट का फायदा बड़े उद्योगपतियों को ही होता है. महंगाई को देखते हुए 7 लाख रुपये तक की टैक्स छूट नगण्य है, यह मध्यम वर्ग के लिए समुद्र में बूंद की तरह है.’
वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा, ‘बजट 2023 में कुछ भी नहीं है. यह ‘सपनों का सौदागर’ जैसा है – जब आप सपने के बाद जागते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता है. साथ ही महंगाई और बेरोजगारी पर कैसे काबू पाया जाए, इस बारे में भी कुछ नहीं बताया गया.’
टीएमसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘बजट पूरी तरह हम दो- हमारे दो पर आधारित है. बजट में टैक्सपेयर का मजाक बनाया गया है.’
समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने कहा, ‘यह चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया बजट है, जबकि मध्यम वर्ग को कुछ छूट दी गई है. सरकार ने किसानों, रोजगार और युवाओं के लिए एमएसपी के बारे में कुछ नहीं कहा है. इस बजट में रेलवे की भी अनदेखी की गई. यह निराशाजनक बजट रहा है.’
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘यह बजट वही है जो पिछले 8-9 साल से आ रहा था. टैक्स बढ़ाए गए, कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी पर पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है. कुछ सांठगांठ वाले पूंजीपतियों और बड़े कारोबारियों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है. टैक्स से जनता को फायदा हो लेकिन इससे कमर टूट रही है’
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बीजेपी नेताओं ने गिनाए फायदे
विपक्ष द्वारा बजट को नकारने के बाद बीजेपी नेताओं ने बजट को जमकर सराहा. बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मैं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करना चाहती हूं. आज की घोषणाओं के अनुसार मैं मानती हूं कि बजट में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है. मैं बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा का भी स्वागत करती हूं.’
वहीं बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘मैं कर्नाटक के ऊपरी भादरा क्षेत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की सिंचाई परियोजना की घोषणा के लिए पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह परियोजना राज्य के लिए गेम चेंजर साबित होगी.’
नहीं सुना बजट भाषण
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने बजट भाषण नहीं सुना. नीतीश कुमार ने कहा, ‘हर बार हम बजट भाषण देखते थे. लेकिन इस बार दौरा में हैं. इसलिए नहीं सुन पाए हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम लौट कर जाएंगे तो सब हम देखेंगे. बजट में क्या हुआ है.’
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?’
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘यह एक क्रांतिकारी बजट था जो समाज के हर वर्ग को राहत देगा. इनकम टैक्स की नई दरें लोगों को राहत देती हैं. इस बजट में पीएम आवास योजना के परिव्यय में 66 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, मैं इसका स्वागत करता हूं.’
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