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Sunday, 17 November, 2024
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महाराष्ट्र की सत्ता की लड़ाई : सुप्रीम कोर्ट में पार्टियों ने दी अपनी-अपनी दलीलें, फैसला कल

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि फडणवीस को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले ऑरजिनल पत्र को अदालत में पेश किया है.

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नई दिल्ली : महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के सीएम और अजित पवार के डेप्युटी सीएम बनने की चुनौती देने वाली शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में सोमवार को पार्टियों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि फडणवीस को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले ऑरजिनल पत्र को अदालत में पेश किया है.

वहीं शीर्ष अदालत ने पूरी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है जिसे कल सुनाएगा.

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे अपना आदेश पारित करेगा.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ विश्वास मत कराने पर आदेश पारित कर सकती है.

शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस यह मांग कर रहे थे कि विश्वास मत आज कराने का आदेश दिया जाए, जिसका फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विरोध किया.

इससे पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि फडणवीस को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले ऑरजिनल पत्र को अदालत में पेश किया है. मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि राज्यपाल ने अजीत पवार की तरफ से 54 विधायकों के समर्थन का पत्र 22 नवंबर को हासिल किया. पत्र में लिखा है कि अजित पवार पार्टी प्रमुख हैं और उस प 54 विधायकों के समर्थन का साइन हैं.

तुषार मेहता ने कहा वर्तमान स्थिति यह है कि बहुमत वाले गठबंधन को सरकार ने बनाने के लिए राज्यपाल ने बुलाया है. फडणवीस ने अजीत पवार के समर्थन वाले पत्र और 11 निर्दलीय व अन्य विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा किया है. मेहता ने कहा कि इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राष्ट्रपति शासन हटाने की मांग की. गर्वनर को यह तय करना होता है कि वह बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाए. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को 170 विधायकों का समर्थन है.

मेहता ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को लेकर जवाब के लिए कोर्ट से 2-3 दिन का समय मांगा है.

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनके पास असली दस्तावेज हैं. मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि शिवसेान के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीट हैं. हार्स ट्रेडिंग की बात की जा रही थी लेकिन राज्यपाल ने महसूस किया कि पूरे स्थायित्व को ही चुरा लिया गया है. वह सवालों के जवाब देने का इंतजार कर रहे हैं जो कि जरूरी हैं.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बिना किसी मतलब के इस बात की जांच नहीं कर सकते कि सरकार बनाने के लिए किस पार्टी के पास संख्या बल है.

मेहता ने कहा कि राज्यपाल चुनाव नतीजों के बाद के तथ्यों और स्थिति से अवगत हैं जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया.

उच्चतम न्यायालय ने फडणवीस को आमंत्रित करने के कोश्यारी के पत्र पर विचार करने के बाद कहा कि फैसला इस पर होगा कि मुख्यमंत्री सदन में बहुमत साबित कर पाते हैं या नहीं.

सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल ने शिवसेना, भाजपा और राकांपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और उनके सरकार बनाने में नाकाम होने के बाद ही राष्ट्रपति शासन लगाया गया.

जैसे ही सोमवार को सुबह सुनवाई शुरू हुई तो मेहता ने राज्यपाल और फडणवीस के पत्र सौंपे. पीठ ने रविवार को ये पत्र सौंपने के लिए कहा था.

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के उस अनुरोध पर विचार नहीं कर रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.

वहीं उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के उस अनुरोध पर विचार नहीं कर रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.

वहीं शिवसेना की तरफ से सिब्बल ने अपनी दलील में फ्लोर टेस्ट की मांग की. कांग्रेस-एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी 154 विधायकों के समर्थन पत्र कोर्ट में पेश किया. सिब्बल ने भी कहा उनके पास 154 विधायकों के समर्थन का पत्र है.

बता दें कि एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की संयुक्त याचिका पर कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से और अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस-एनसीपी की तरफ से पेश हुए हैं. वहीं मुकुल रोहतगी देवेंद्र फडणवीस की तरफ से अपने तर्क पेश किए.

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