scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिशरद पवार बोले- विधायक हमारे साथ, भाजपा सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी

शरद पवार बोले- विधायक हमारे साथ, भाजपा सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी

पवार ने कहा, 'अजित पवार पर फैसला अनुशासनात्मक समिति करेगी. उद्धव ठाकरे बोले हम जो भी करते हैं वो दिन के उजाले में करते हैं.भाजपा को न तो मित्र चाहिए और न ही विपक्ष, इन लोगों ने हरियाणा और बिहार में भी यही किया है. '

Text Size:

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह से बड़ा राजनीतिक उठापटक जारी है. भाजपा ने एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली. राज्यपाल भगत भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई. इसके बाद ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. शिवसेना और कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ये फैसला पार्टी का नहीं है.

राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद दोपहर में वाईबी चव्हाण सेंटर मुंबई में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के दिग्गज नेता एक साथ बैठक करने पहुंचे.

अजित पवार पर अनुशासनात्मक समिति फैसला करेगी

शरद पवार ने प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि अजित का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है. इस पर अनुशासनात्मक समिति फैसला लेगी. एनसीपी का कोई भी नेता और न ही कोई कार्यकर्ता एनसीपी-भाजपा गठबंधन के पक्ष में है.

पवार ने कहा, ‘आज सुबह ही मुझे पता लगा कि अजित पवार राजभवन शपथ लेने गए हैं. उनके साथ कुछ विधायक भी गए थे.’

पवार ने कहा, ‘बतौर विधायक दल का नेता अजित पवार के पास सभी विधायकों के हस्ताक्षर वाली लिस्ट थी. मुझे लग रहा है कि उन्होंने उसी लिस्ट को राज्यपाल के सामने पेश किया है. मैं इसके बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूं कि यही मामला है. हम इसके बारे में राज्याल से बात करेंगे.’

पवार ने कहा, ‘नियम के अनुसार अजित पवार पर फैसला लिया जाएगा. आज शाम 4 बजे एनसीपी का नया विधायक दल का नेता चुना जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘जो भी विधायक अजित पवार के साथ गए हैं उन्हें पता है कि दल-बदल कानून क्या है और संभावना है कि वो विधानसभा की अपनी सदस्यता खो दें.’

पवार ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि अजित ये सब जांच एजेंसियों के डर से कर रहे हैं. मेरी जानकारी के अनुसार राजभवन में 10-11 विधायक मौजूद थे जिसमें से चार यहां पहुंच चुके हैं.’

पवार ने कहा, ‘शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने साथ आने का फैसला किया था. हमारे पास सरकार बनाने की संख्या थी. हमारे पास आधिकारिक संख्या है. जिसे मिलाकार सरकार चलाई जा सकती थी. कुछ इंडिपेंडेंट विधायक भी हमारे संपर्क में थे. हमारे पास 170 से ज्यादा की संख्या थी.’

पवार ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि राज्यपाल ने जो उन्हें सरकार बनाने का समय दिया है उसमें वो बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. इसके बाद हम तीनों साथ में आकर सरकार बनाएंगे जैसा कि पहले तय किया था.’

भाजपा को न तो मित्र चाहिए और न ही विपक्ष

वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘पहले ईवीएम का खेल होता था और अब नया खेल हो रहा है. इसके आगे मुझे नहीं लगता कि चुनावों की कोई जरूरत है. हर कोई जानता है कि छत्रपति शिवाजी को जब धोखा मिला तो उन्होंने क्या किया था.’

ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गए थी ऐसी जानकारी मिली है. संविधान के अनुसार काम होना चाहिए. अपने विधायकों के तोड़ने के सवाल पर उद्धव ने कहा, कोशिश कर के देखें महाराष्ट्र सोने वाला नहीं है.

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘शिवसेना जो करती है वो दिन के उजाले में करती है. हम लोग जोड़ने की कोशिश करते हैं और वो लोग तोड़ने की कोशिश करते हैं. ये जो खेल चल रहा है उसे पूरा देश देख रहा है. भाजपा को न तो मित्र चाहिए और न ही विपक्ष, इन लोगों ने हरियाणा और बिहार में भी यही किया है.’

पार्टी और परिवार का बंटवारा: सु​प्रिया सुले

महाराष्ट्र में हुए सियासी उठापटक के बाद एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने अपने वॉट्सएप पर स्टेटस लगया. जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘पार्टी एंड फैमिली स्पिल्टस’ मततलब पार्टी और परिवार टूट गया. इसके पहले उन्होंने यह भी लिखा था कि ‘पार्टी और परिवार का बंटवारा’.


यह भी पढ़ें : देवेंद्र फडणवीस ने ली महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ, एनसीपी के अजीत पवार बने उपमुख्यमंत्री


इधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शाम साढे चार बजे विधायकों की बैठक बुलाई है. एनसीपी का कहना है कि विधायकों के समर्थन वाले पत्र का गलत इस्तेमाल किया गया. एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ‘पार्टी और विधायकों को गलत जानकारी दी गई. ये धोखे से बनाई गई सरकार है. यह विधानसभा के फ्लोर टेस्ट पर हारेगी. सारे विधायक हमारे साथ है.’

अजित का निजी फैसला: शरद पवार

अजित पवार के फैसले पर शरद पवार ने कहा कि भाजपा को समर्थन का फैसला अजित पवार का निजी फैसला है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ‘अजीत पवार ने कहा कि इस मामले में शरद पवार को सबकुछ बता दिया था. मैंने पहले ही सबकुछ बता दिया था. तीन दल मिलकर स्थिर सरकार नहीं बना सकते हैं.

शपथ लेने के बद अजीत पवार ने कहा, ‘नतीजे आने के बाद कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी. राज्य में कई समस्याएं हैं जिसमें किसानों की समस्या भी है. इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया है.’

राज्य के सीएम पद की शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा, ‘राज्य के लोगों ने हमें जनादेश दिया था. लेकिन नतीजों के आने के बाद शिवसेना ने दूसरी पार्टियों के साथ जाने का फैसला किया. जिस कारण राष्ट्रपति शासन लग गया. राज्य को स्थायी सरकार चाहिए न की खिचड़ी सरकार.


यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में एनसीपी-भाजपा की सरकार बनने पर शिवसेना ने कहा- अजीत पवार ने जनता की पीठ में छूरा घोंपा


गौरतलब है कि शुक्रवार शाम को मुंबई में शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई थी. इसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को सीएम के लिए चुना गया था. इधर, शुक्रवार और शनिवार रात के बीच राज्य की सियासी तस्वीर बदल गई. शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के सीएम और एनसीपी नेता ​अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

share & View comments

1 टिप्पणी

Comments are closed.