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Friday, 22 November, 2024
होमदेशहिरासत में चल रहे अब्दुल्ला, मुफ्ती और अन्य कश्मीरी नेताओं को कड़कड़ाती ठंड में जम्मू ले जाया जा सकता है

हिरासत में चल रहे अब्दुल्ला, मुफ्ती और अन्य कश्मीरी नेताओं को कड़कड़ाती ठंड में जम्मू ले जाया जा सकता है

जम्मू-कश्मीर प्रशासन हिरासत में चल रहे नेताओं का कड़ाके की ठंड के कारण 40 दिन जम्मू के लिए स्थानांतरण चाहता है, इसे चिल्ला-ए-कलां कहा जाता है जो 21 दिसंबर से शुरू होने वाला है.

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श्रीनगर : कश्मीर के प्रसिद्ध और प्रभावी नेताओं में शामिल फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को सर्दी के मौसम में कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जा सकता है. दि प्रिंट को यह जानकारी मिली है.

प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वो उन उपायों को देख रहे हैं जिसके तहत उन्हें जम्मू शिफ्ट किया जा सकता है. जो कि यहां की सर्दियों की राजधानी है. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली लाने पर भी विचार किया जा रहा है लेकिन दिल्ली लाने से इन नेताओं को विशेष तवज्जो मिलेगी.

प्रशासन इस क्षेत्र की 40 दिनों की कड़कड़ाती ठंड के दौरान इन नेताओं को स्थानांतरित करने के बारे में सोच रहा है. ठंड के मौसम को चिल्ला-ए-कलां कहा जाता है जो 21 दिसंबर को शुरू होने वाला है.

राज्य सरकार में सूत्रों के अनुसार अभी तक कुछ भी फैसला नहीं लिया गया है लेकिन इस पर बात हो रही है कि शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर और दूसरे जेलों में बंद लोगों को कहीं और शिफ्ट किया जाए.

सूत्रों ने कहा कि दोनों दलों के नेतृत्वकर्ताओं को जम्मू में सरकारी सुविधाएं मिलेंगी.


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माहौल में अपर्याप्त गरमी

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटे जाने और 5 अगस्त को राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से 6500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

सूत्रों के अनुसार 1200 लोग अभी भी हिरासत में हैं जिनमें से 50-60 लोग राजनीतिक बंदी हैं.

शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर जिसे जेल में बदल दिया गया है उसमें 34 से ज्यादा राजनीतिक बंदी हिरासत में हैं.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला गुपकर रोड स्थित हरि निवास में बंद हैं. जबकि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती चेश्मासाही के सरकारी गेस्ट हाउस में बंद हैं.

दोनों नेताओं के परिवार वालों का कहना है कि इन जगहों पर हीटिंग की ठीक व्यवस्था नहीं है.

पीडीपी नेता के एक रिश्तेदार ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आग की ठीक व्यवस्था नहीं है.

हमने इस बात को प्रशासन के सामने उठाया है. लेकिन अभी तक इस पर क्या हुआ है ये जानकारी नहीं मिल पाई है कि इन्हें जम्मू शिफ्ट किया जाएगा या नहीं.

पीडीपी प्रवक्ता फिरदौस टाक ने कहा कि हीटिंग की ठीक व्यवस्था न ही शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में है और न ही चेश्मासाही में.

उन्होंने कहा, राजनीतिक बंदियों को साधारण होटलों में रखा गया है जहां सर्दियों से निपटने के लिए अच्छे इंतजाम नहीं हैं. चेश्मासाही जहां पर महबूबा मुफ्ती जी को रखा गया है वो गर्मियों के मौसम में भी सर्द रहता है. कल्पना भी नहीं कर सकते कि दिसंबर में ये कितना बुरा होने वाला है.

टाक ने कहा कि हमें पता चला है कि जो लोग बंद हैं उन्हें ठंड से बचने के लिए हीटर दिए गए हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि उन लोगों के शिफ्ट किए जाने को लेकर भी कुछ जानकारी नहीं मिल रही है.

नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और अनंतनाग से सांसद जस्टिस हसनैन मसूदी (रिटायर्ड) ने भी कहा कि उनकी पार्टी को अभी तक शिफ्ट किए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हीटिंग की पर्याप्त सुविधा है लेकिन शिफ्ट करने में हिरासत में रह रहे लोगों के बारे में सोचना है और मौसम का ध्यान रखना है.

हालांकि, हिरासत में लिए गए राजनेताओं को कब या कहां स्थानांतरित किया जाएगा, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है.

दिल्ली में पुनर्वास

प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि जो इस मामले से संबंधित विभाग हैं वो इन लोगों की स्थानांतरण के बारे में विचार कर रहे हैं. जम्मू शिफ्ट किए जाने पर विचार किया जा रहा है जहां श्रीनगर से गर्म वातावरण होता है.

सूत्रों ने कहा, दिल्ली पर भी विचार किया जा रहा है लेकिन इस विकल्प में कई मुश्किलात हैं.

श्रीनगर में उप-जेलों के रखरखाव में शामिल राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को नई दिल्ली में समकक्षों के लिए अपने नियंत्रण को त्यागना होगा, जो एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है. जम्मू में बंदियों का स्थानांतरण कम जटिल होगा.


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जल्द चुनाव

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मूर्मू के सलाहकारों की नियुक्ति हो चुकी है. रिटार्ड आईपीएस अधिकारी फारूख खान और पूर्व आईएएस अधिकारी केके शर्मा को नियुक्त किया गया है.

खान और शर्मा जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के भी सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं.

उपराज्यपाल मूर्मू ने गुरुवार को हुए एक कार्यक्रम में कहा कि जम्मू-कश्मीर जो कि विधानसभा वाली एक केंद्र शासित प्रदेश है वहां जल्द ही चुनाव होंगे.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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