नई दिल्ली: ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं’ नारे ने 2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में सूबे कीमुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राज्य की भाजपा सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया था. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान में क्लीन स्वीप किया था. ऐसा कई सालों बाद हुआ जब विधानसभा में जिस पार्टी (कांग्रेस) को राज्य की जनता ने सिर माथे बिठाया उसे लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा हो. राजनीतिक उधल-पुथल के बीच सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक ऐसी शख़्सियत हैं जिनको लेकर तमाम तरह की अफवाहें उड़ती रही हैं और आलोचनाओं से भी उनका लगातार सामना होता रहा है.
सूबे में हुई बड़ी हार के बाद वसुंधरा वैसे तो पूरी तरह से पिक्चर से गायब हैं लेकिन मंगलवार 12 नवंबर की शाम उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और अपने आलोचकों पर निशाना साधा. उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे ने कल जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित एक समारोह ‘अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा’ में शिरकत की थी, इसमें उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी मौजूद थीं.
पिछले कुछ दिनों से लोगों ने मिलने की आलोचना झेल रहीं वसुंधरा समारोह की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर करते हुए राजे ने रात 10 बजे के बाद लोगों से ना मिलने कारण बताया, ‘मेरे आलोचकों ने लोगों में यह धारणा बना दी है कि मैं रात को 10 बजे के बाद किसी से नहीं मिलती. उनको समझना चाहिए कि पुरुष व महिला नेता के काम में अंतर होता है. पुरुष रात को लुंगी में भी किसी से मिल सकता है, लेकिन महिलाएं रात को लोगों से नहीं मिल सकतीं क्योंकि उन्हें मर्यादाओं में रहना पड़ता है.’
मेरे आलोचकों ने लोगों में धारणा बना दी कि मैं रात को 10 बजे बाद नहीं मिलती। उनको समझना चाहिए कि पुरुष व महिला नेता के काम में अंतर होता है। पुरुष रात को लुंगी में भी किसी से मिल सकता है, लेकिन महिलाएं रात को लोगों से नहीं मिल सकतीं क्योंकि उन्हें मर्यादाओं में रहना पड़ता है। pic.twitter.com/HWYQCwIrA9
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) November 12, 2019
इसके साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण पर भी अपनी बात रखते हुए कहा, ‘हमारे समाज में महिलाओं को सेवा के लिए भी कई तरह के संघर्षों से गुजरना पड़ता है. पिछली सरकार के समय जब मैंने पंचायती राज चुनाव में महिलाओं के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित किए तो सभी ने मेजें थपथपाई थीं लेकिन बाद में कई पुरुषों ने कहा कि आप महिलाओं को हमारे सिर पर क्यों बैठा रही हो?’
आज जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित क्षत्राणियों के शपथ ग्रहण व प्रशिक्षण समारोह में हिस्सा लिया। जहां भारत की पूर्व राष्ट्रपति मा. प्रतिभा देवीसिंह पाटिल जी की गौरवमयी उपस्थिति में तीन हजार से अधिक देवी स्वरूपा माताओं-बहनों को संबोधित करने का अवसर प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/eEAaXqfS76
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) November 12, 2019
अपने कार्यकाल की महिला केंद्रित योजनाओं का बखान करते हुए वो कहती हैं, ‘सरकार में रहते हुए जब भामाशाह योजना व महिलाओं के नाम संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करवाने पर फीस में कमी का निर्णय लिया, तब भी कई पुरुषों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. लेकिन इन सब आपत्तियों के बावजूद मैंने संघर्ष कर महिला सशक्तिकरण का कार्य जारी रखा.’
वसुंधरा राजे ने जो बात कहीं वो एक तरह से न केवल बाहर वालों पर पार्टी में उनके विरोधियों के लिए भी संदेश छिपा था. उनपर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि वे सत्ता पाने के बाद किसी भी आम और खास के लिए समय नहीं देती है. जनता का उनसे मिलना और अपनी बात कहना लगभग असंभव था. उनकी इस छवि को उनके पार्टी में विरोधी भी बढ़ा चढ़ा कर पेश करते रहे हैं.