नई दिल्ली/ इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर गलियारा खोले जाने के दिन अयोध्या मामले में आए फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इस तरह के खुशी के मौके पर दिखाए गई ‘असंवेदनशीलता’ से ‘बेहद दुखी’ हैं. करतारपुर गलियारे के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपको इससे ध्यान भटकाने की बजाय इस खुशी के मौके का हिस्सा बनना चाहिए था. यह विवाद संवेदनशील था और उसे इस शुभ दिन का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए था.’ पाकिस्तानी विदेशमंत्री के इस बयान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खंडन करते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है.
रवीश कुमार ने बयान जारी कर कहा, ‘हम पाकिस्तान द्वारा भारत के एक आंतरिक मामले पर हमारे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणी की भर्त्सना करते हैं, और यह बताना चाहते हैं कि अयोध्या फैसला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. यह कानून , शासन और सभी धर्मों, अवधारणाओं के लिए समान सम्मान से संबंधित है.
रवीश कुमार ने अपने बयान में कहा, ‘पाकिस्तान की समझ में कमी कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन हमारे आंतरिक मामलों पर उनका विवादास्पद और नफरत फैलाने के इरादे से की गई टिप्पणी पूरी तरह से निंदनीय है.’
गौरतलब है कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुये केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड’ को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आबंटित की जाये.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया. इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था.
‘डॉन न्यूज टीवी’ ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘क्या इसको थोड़े दिन टाला नहीं जा सकता था? मैं इस खुशी के मौके पर दिखाए गई ‘असंवेदनशीलता’ से ‘बेहद दुखी’ हूं. ’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि मुस्लिम ‘भारत में पहले ही काफी दबाव में है और भारतीय अदालत का यह फैसला उन पर और दबाव बढ़ाएगा.’कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान फैसले को विस्तार से पढ़ने के बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया देगा.
इस बीच, पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद हुसैन ने फैसले को ‘ शर्मनाक, बेहुदा, अवैध और अनैतिक’करार दिया.
सरकारी पाकिस्तानी रेडियो की एक खबर के अनुसार सूचना और प्रसारण मामलों में प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस एवान ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय शीर्ष अदालत ने बता दिया कि वह स्वतंत्र नहीं है.
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां करतारपुर गलियारा खोल पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित कर रहा है वहीं दूसरी ओर भारत मुसलमानां सहित अल्पसंख्यकों पर जुल्म कर रहा है.