नई दिल्ली: वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, जोकि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में एक अभियुक्त है ने शनिवार को अयोध्या के फैसले के बाद अपना अंदाज़ नर्म करते हुए कहा कि ये हर भारतीय की जीत है. केवल हिंदुओं की जीत है.
जोशी ने दिप्रिंट से कहा ‘ये हर भारतीय की जीत है. राम केवल हिंदुओं के नहीं सभी के हैं.’ उनका कहना था कि अदालत ने जो सरकार की निगरानी में ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है उसका स्वरूप ‘भारतीय’ होना चाहिए यानी कि उसमें सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए.
राम जन्मभूमि मूवमेंट के एक मुख्य पुरोधा, जोशी नरेंद्र मोदी- अमित शाह के शासन काल में नेपथ्य में चले गए थे. उनको भाजपा के संसदीय दल से भी हटा दिया गया था, जोकि पार्टी की निर्णय लेने वाली संस्था है. जोशी लखनऊ की अदालत में 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक मामला झेल रहे है.
अपने सर्वसम्मति वाले फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर के लिए रास्ता साफ किया और कहा कि केंद्र सरकार को तीन महीने में एक ट्रस्ट बना कर इसपर काम शुरू करना चाहिए.
अदालत ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ ज़मीन दी जायेगी जहां वे अपनी मस्जिद बना सकेंगे. रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजो वाली बेंच ने ये भी संकेत दिया कि विवादित स्थल हिंदु पक्ष के लिए है.
पहचान का संकट
राम जन्मभूमि आंदोलन के मुख्य नायकों में केवल जोशी ही नहीं है जिन्होंने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ओबीसी नेता विनय कटियार, जोकि फैजाबाद से सांसद थे जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था ने भी कहा की ‘हम फैसला का नम्रता से स्वागत करते हैं.’
उनका कहना था, ‘मैं पिछले दो दशकों से कह रहा हूं कि ये राम की जन्मभूमि है पर कई राजनीतिक दल जिनकी वामपंथी सोच थी, उन्होंने इस मामले में राजनीति की. अब उनपर पहचान का संकट है.’
कटियार जो कि एक समय में भाजपा के उत्तर प्रदेश में मुखिया थे का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण शीघ्र शुरू होना चाहिए.
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