नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर मुख्यमंत्री पद पर भाजपा-शिवसेना के बीच चल रही खींचतान के बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर अपने इस्तीफे का पत्र सौंपा. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और कहा वह कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
सीएम फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वह फिर से साफ करना चाहते हैं कि ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद बांटने की बात नहीं हुई थी. इस मसले पर कभी भी कोई फैसला नहीं किया गया. यहां तक कि अमित शाह और नितिन गडकरी ने भी कहा है कि इस पर कभी भी निर्णय नहीं लिया गया.
Devendra Fadnavis: I have tendered my resignation to the Governor and he has accepted it https://t.co/js247DintG pic.twitter.com/eV0C38Z1Nf
— ANI (@ANI) November 8, 2019
फडणवीस ने कहा, ‘सेना कांग्रेस और एनसीपी से बात कर रही है लेकिन हमसे नहीं. उन्होंने कहा वह उद्धव ठाकरे के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने हमारे फोन का जवाब नहीं दिया. वह अपना बयान बदलते रहे. उन्होंने कहा था, ‘सरकार बनाने के सारे रास्ते खुले हैं. हम किसी के साथ भी जा सकते हैं. इस बयान से हमें एक झटका लगा. लोगों बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को वोट दिया है. हमें इससे मानसिक दुख हुआ और प्रताड़ना हुई.’
फडणवीस ने कहा बालासाहेब हम सबके सम्मानित थे, फिलहाल हमने कभी भी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा, लेकिन पिछले पांच सालों में खासतौर पर पिछले 10 दिनों में मोदी सहित हमारे टॉप नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजियां की गईं जो कि स्वीकार्य नहीं हैं.
Devendra Fadnavis: I have a very close relationship with Uddhav ji Thackeray and it will continue, I called him up many times but he has not responded yet. pic.twitter.com/JQ8uatY745
— ANI (@ANI) November 8, 2019
वहीं शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए फडणवीस के बयानों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा अढ़ाई-अढ़ाई साल के फार्मूले की बात उद्धव ठाकरे से हुई थी. उस समय नितिन गडकरी नहीं मौजूद थे लेकिन फडणवीस इस बात को नकार रहे हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार गठन पर कोई सहमति नहीं बनी है.
विधायकों के साथ बहुमत से अधिक का आंकड़ा होने के बावजूद सरकार गठन पर गतिरोध बना हुआ है. महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा 145 है. भाजपा-शिवसेना के विधायकों की संख्या 161 की है.
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीट, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट जीती है.