लखनऊ : लाॅ छात्रा के साथ रेप के आरोप में फंसे पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से वसूली के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में बीजेपी के नेता और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर और स्थानीय बीजेपा नेता अजीत सिंह का नाम भी एसआईटी ने चार्जशीट में शामिल किया है. एसआईटी बुधवार को चार्जशीट कोर्ट में पेश करेगी. एसआईटी की माने तो बीजेपी नेता डीपीएस राठौर के पास भी पेन ड्राइव में अश्लील वीडियो उन्हें दिए गए थे.
एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से उसके दोस्त के साथ बरामद किया था. भाजपा नेता डीपी सिंह ने छात्रा की वहां पहुंचने में मदद की. अरोड़ा ने बताया कि डीपी सिंह और अजीत सिंह पर धारा 385, 506, 201 की के तहत कार्रवाई होगी. जिसके तहत वसूली की कोशिश, आपराधिक धमकी और अपराध के साक्ष्य छुपाना शामिल हैं.
एसआईटी के मुताबिक, उन्हीं अश्लील वीडियो के आधार पर बीजेपी नेता डीपीएस राठौर ने चिन्मयानंद से सवा करोड़ रुपये मांगे थे. इसके अलावा डीपीएस राठौर के एक और साथी अजीत सिंह का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया गया है. एसआईटी का कहना है कि दो महीने में 4700 पन्नों चार्जशीट पूरी की गई है. बता दें कि चिन्मयानंद द्वारा दर्ज वसूली मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए राठौर से एसआईटी ने रविवार को 12 घंटों तक पूछताछ की थी.
मीडिया से बातचीत में मंगलवार को एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा ने कहा है कि पूरी विवेचना में सारे वीडियो और ऑडियो की एफएसएल से जांच कराई गई थी जो सही पाए गए हैं और धारा 67 ए भी सही पाई गई. एसआईटी का यह भी कहना है कि चिन्मयानंद यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले और आरोप लगाने वाली छात्रा द्वारा 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में स्थानीय पुलिस और कॉलेज की स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है जिसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जा रही है.
कौन हैं रंगदारी मांगने वाले डीपीएस राठौर
डीपीएस राठौर बीजेपी के यूपी उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई हैं. डीपीएस को शाजहांपुर में बीजेपी के सक्रीय नेता के तौर पर जाने जाते हैं. वह शाहजहांपुर में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी हैं. इसके अलावा बीजेपी के कार्यक्रमों में अक्सर मंच पर देखे जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक वह राजस्थान के दौसा में भी मौजूद थे जहां एसआईटी की टीम ने 30 अगस्त को मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के निकट आरोप लगाने वाली छात्रा को बरामद किया था. वहीं उनके करीबी माने जाने वाले एक अन्य नेता अजीत सिंह से भी एसआईटी पूछताछ कर सकती है.
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दरअसल अजीत वसूली मामले के आरोपी विक्रम का साला है. डीपीएस सिंह ने मीडिया को बताया कि वह दौसा कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आग्रह पर लापता छात्रा की तलाश में सहायता करने गया थे. उन्होंने ये भी कहा कि उस समय उनके साथ एक अन्य बीजेपी नेता अजीत सिंह थे. उनके मुताबिक, ‘मैं प्रशासन का सहयोग करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लग रहा है कि एसआईटी को कुछ गलतफहमी हो गई थी.’
कुछ अन्य भाजपा नेताओं से भी हो सकती है पूछताछ
एसआईटी ने दो दिन पूछताछ के बाद भाजपा नेता को छोड़ दिया. हालांकि, उनका लैपटॉप और पेन ड्राइव सील करके फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है. एसआईटी को आशंका है कि भाजपा नेता के लैपटॉप व पेन ड्राइव में चिन्मयानंद प्रकरण से जुड़े कुछ सबूत मिल सकते हैं. सूत्रों की मानें तो इस मामले के तार एक बड़े भाजपा नेता से भी जुड़े हो सकते हैं जिनके चिन्मयानंद से संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी खटास आई है.
छात्रा से पूछताछ के बाद सबूत खंगालने में जुटी एसआईटी
चिन्मयानंद से वसूली के मामले में पीड़िता समेत उसके दोस्त संजय सिंह, सचिन और विक्रम जेल में हैं. चारों पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर 5 करोड़ रुपए मांगने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक जेल में छात्रा से पूछताछ के दौरान कुछ अहम सामान विक्रम के रिश्तेदार के घर रखने की बात बताई. इसके बाद एसआईटी ने विक्रम के रिश्तेदार के घर जाकर तलाशी ली. तलाशी के दौरान एसआईटी को सबूत के तौर पर कुछ सामान और दस्तावेज भी मिले हैं, जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है.
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जानकारी के मुताबिक मुमुक्षु आश्रम और बरेली मोड़ के बीच चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगने के आरोपी विक्रम के नजदीकी रिश्तेदार का घर है, जो विक्रम और छात्रा का खासा जाना आना था. पता चला कि छात्रा ने एसएस लॉ कॉलेज का हॉस्टल खाली करने पर अपना सामान विक्रम के रिश्तेदार के घर ही रखा था. चिन्मयानंद प्रकरण सामने आने पर कुछ सामान और दस्तावेज नाले में फेंक दिए गए थे. बीते शनिवार को एसआईटी ने कोतवाली पुलिस और नगर निगम कर्मियों के जरिए नाले के अंदर से सामान और दस्तावेज निकाले थे. विक्रम की रिश्तेदार महिला से पूछताछ भी की गई थी.
क्या हुआ मामले में अब तक
बता दें कि 24 अगस्त को पीड़िता ने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया. इसके बाद वह गायब हो गई. पीड़िता के पिता की तहरीर पर मीडिया में खबरें आने के बाद एफआईआर दर्ज हुई. इस एफआईआर में चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगी. बीती 20 सितंबर को एसआईटी जांच के बाद चिन्मयानंद पर धारा 376(सी) के तहत कार्रवाई की गई.इसके बाद तुरंत चिन्मयानंद अस्पताल में भर्ती हो गए पीड़ित छात्रा को वसूली के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. डिस्चार्ज होने के बाद चिन्मयानंद को भी जेल भेज दिया गया. दोनों फिलहाल जेल में हैं.