नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन राज्य की सत्ता में दोबारा वापसी करती नजर आ रही है. शुरुआती रुझानों में गठबंधन पूर्ण बहुमत मिल रहा है. रुझानों में भाजपा व शिवसेना गठबंधन को 166 सीट, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 96 सीट और अन्य को 26 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
राज्य में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी ने 288 सीटों में से 105 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. जबकि शिवसेना को 60 सीटे पर आगे चल रही है.
भाजपा ने यह चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चेहरे के नाम पर लड़ा गया. कई बार भाजपा के नेता चुनावी सभाओं यह कहते हुए नजर आए कि दिल्ली में नरेंद्र और मुंबई में देवेंद्र. अगर शिवसेना बीच में कोई पेंच नहीं फंसाती है तो देवेंद्र फडणवीस फिर से राज्य की सत्ता की कमान संभालेंगे. अगर ऐसा होता है तो वे कांग्रेस के वसंत राव नाइक के 47 वर्ष पुराने रिकार्ड तोड़कर नया इतिहास लिखेंगे. क्योंकि राज्य में 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कोई भी सीएम फिर से सत्ता में नहीं लौटा है.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सिर्फ नाइक ही ऐसे सीएम रहे. जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता में वापसी की थी.
सीएम शिवसेना का होगा तो बेहतर होगा: संजय राउत
इधर, चुनावी नतीजे आने के बाद राज्य में सियासत शुरु भी हो गई है. शिवसेना नेता संजय राउत चुनावी नतीजे आने के बाद कहा कि महाराष्ट्र में अगली सरकार शिवसेना और भाजपा की होगी. चुनाव पूर्व निर्धारित ’50-50′ के फॉर्मूले पर काम होगा. उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना द्वारा अन्य विपक्षी दलों के साथ हाथ मिलाए जाने की संभावनाओं को खारिज किया.
उन्होंने कहा कि राज्य में शिवसेना और भाजपा मिलकर सरकार बनाएगी. हमने साथ में चुनाव लड़ा था. हम उन्हीं के साथ ही चलेंगे. पहले से तय 50-50 के फॉर्मूले में कोई परिवर्तन नहीं होगा. राउत ने आगे कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और सीएम देवेंद्र फडणवीस फॉर्मूला क्रियान्वित करने पर चर्चा करेंगे. राज्य में एनसीपी के अच्छे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष के भी मजबूत रहने की आवश्यकता है.