दिल्ली में 1,800 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय एक अदूरदर्शी और पीछे ले जानेवाला कदम है. यह विडंबना ही है कि जो सरकार भारत में स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रही है वह वोट बैंक की राजनीति के लिए अनधिकृत कॉलोनियों को वैधता प्रदान करने जा रही है. सरकार का यह कदम सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को बढ़ाने का काम करेगा.
एमटीएनएल-बीएसएनएल विलय में 20,000 करोड़ रुपये के माध्यम से वित्त पोषण मंदी के बीच करदाताओं के पैसों की बर्बादी है
एमटीएनएल और बीएसएनएल में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि के माध्यम से वित्त पोषण करने का मोदी सरकार का फैसला समझदारी भरा नहीं है. एयर इंडिया की तरह एमटीएनएल और बीएसएनएल ने दर्शाया है कि वे कुशल निजी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं. मंदी के दौर में वित्त पोषण करने का फैसला करदाताओं के धन की बर्बादी है. सार्वजनिक उपक्रमों केनिजीकरण करने की पेशकश नहीं की जानी चाहिए.