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Friday, 12 December, 2025
होमरिपोर्टनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पश्चिमी यूपी की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार, हजारों नौकरियों का रास्ता खुला

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पश्चिमी यूपी की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार, हजारों नौकरियों का रास्ता खुला

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट नेट-जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य पर विकसित किया जा रहा है. यहां स्विस दक्षता और भारतीय आतिथ्य का आधुनिक संयोजन देखने को मिलेगा.

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नई दिल्ली: जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और मजबूत नेतृत्व का बड़ा उदाहरण बनकर उभर रहा है. यह ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की वैश्विक कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला नया विकास इंजन साबित होगा. सीएम योगी परियोजना की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और इसके समयबद्ध निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं. उनका स्पष्ट निर्देश है कि जिन किसानों और परिवारों ने अपनी जमीन देकर इस सपने को आकार दिया है, उन्हें अधिकतम लाभ मिलना चाहिए.

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ राकेश कुमार सिंह के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए विशेष कार्यक्रम लागू किए गए हैं. पीपीपी मॉडल पर चल रही इस परियोजना में टाटा प्रोजेक्ट्स, इंडियन ऑयल और बर्ड ग्रुप सहित 30 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों ने सहभागिता की है. एयरपोर्ट निर्माण और संचालन से जुड़े लगभग 5,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इनमें न्यूनतम मजदूरी, पीएफ, ईएसआई और ग्रेच्युटी जैसे सभी सरकारी लाभ शामिल हैं.

पीएएफ युवाओं को नौकरी से जोड़ने के लिए ऑनलाइन करियर पोर्टल पर 180 से अधिक युवाओं का पंजीकरण किया गया है. अब तक तीन विशेष भर्ती शिविरों में 300 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से 24 को ऑफर लेटर दिए जा चुके हैं. इसी के साथ ITI जेवर को आधुनिकीकृत कर पैसेंजर हैंडलिंग और रैंप ऑपरेशंस जैसे विशेष कोर्स शुरू किए गए हैं. यहां प्रशिक्षित 28 युवाओं में से 24 को रोजगार मिल चुका है. लगभग 100 युवाओं को इंग्लिश कम्युनिकेशन और सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया गया है. इन सभी कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग NIAL, जिला प्रशासन और YIAPL की संयुक्त समिति कर रही है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट नेट-जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य पर विकसित किया जा रहा है. यहां स्विस दक्षता और भारतीय आतिथ्य का आधुनिक संयोजन देखने को मिलेगा. शुरुआती चरण में इसकी क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों प्रतिवर्ष होगी. यह एयरपोर्ट पश्चिमी यूपी में उद्योग, निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि यह एयरपोर्ट न सिर्फ बुनियादी ढांचे को आधुनिक रूप देगा, बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी के युवाओं के लिए अनगिनत संभावनाओं के दरवाजे खोलेगा.

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