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Friday, 22 November, 2024
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जापान में 60 साल के सबसे ताकतवर तूफान हैजीबिस से 10 की मौत

हैजीबिस के कहर से अधिकतर भागों में मूसलाधार बारिश और चक्रवाती हवाएं चल रही हैं.

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टोक्यो: जापान में प्रलयकारी तूफान हैजीबिस के कहर के चलते रविवार तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 140 लोग घायल हो चुके हैं. यहां कई नदियां उफनकर आवासीय क्षेत्रों में बह रही हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने क्योडो न्यूज़ के हवाले से बताया कि बचावकर्मियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इस बीच 14 लोगों के लापता होने की ख़बर है.

रिपोर्ट्स की मानें तो हैजीबिस पिछले 60 सालों में जापान में आया सबसे भयानक तूफान है. जिस दिन ये तूफान आया उसी दिन जापान में के पूर्वोत्तर के किनारे पर 5.7 की तीव्रता वाला भूकंप भी आया था.

पुलिस और दमकल विभाग के कर्मियों के अनुसार ओप्पे नदी अपने किनारे तोड़कर कावागोए शहर में शिमो-ओसाका ज़िले में बाढ़ ले आई है. प्रशासन ने कहा कि टोक्यो के उत्तर में साईतामा प्रांत में बाढ़ के कारण लगभग 260 लोग एक नर्सिग होम में फंसे हुए हैं, जहां वे वरिष्ठ लोगों और स्टाफ कर्मियों को बचाने के लिए नावों का प्रयोग कर रहे हैं. आठ प्रांतों में लगभग 14,000 घरों में पानी की सप्लाई बाधित हो गई है.

रविवार सुबह पांच बजे तक मियागी प्रांत के मारूमोरी में 4,540 घर पानी को तरसते रहे. इस बीच, इबाराकी प्रांत के सुकुबामिराई में 4,200 घरों, गुनमा प्रांत के कानरा में 1,200 घरों और कानागावा प्रांत के यामाकिता में जलापूर्ति बाधित हो गई थी.

प्रलयकारी तूफान के कहर के कारण अधिकतर भागों में मूसलाधार बारिश और चक्रवाती हवाएं कहर बरपा रही हैं. हैजिबिस यहां टोक्यो के दक्षिण-पश्चिम में इजु प्रायद्वीप पर शनिवार शाम सात बजे से कुछ देर पहले आया.

हैजीबिस ने जापान के तटीय हिस्सों में जल स्तर को एक मीटर तक बढ़ा दिया है. तूफान की वजह से कम से कम 60 लाख़ लोग प्रभावित हुए हैं. दिन की समाप्ति तक समुद्र से एक बार फिर से तूफान उठने की आशंका है. सोशल मीडिया पर इस तूफान की जैसी तस्वीरें आई हैं वो सकते में डालने वाली हैं. ऐसी ही एक तस्वीर में आसमान बैंगनी रंग का दिखाई दे रहा है.

वैसे वो इस तस्वीर के धार्मिक मायने निकाले जा रहे हैं. लेकिन इसे समझने का वैज्ञानिक तरीका भी है. दरअसल, तूफान आने के पहले आसमान का रंग ऐसा हो जाता है. आकाश के रंग को अपवर्तन (रिफ्रैक्शन) के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, लेकिन यह उतना आसन नहीं है.

(दिप्रिंट की संध्या रमेश और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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