तिरुवनंतपुरम, तीन दिसंबर (भाषा) केरल की एक अदालत ने बुधवार को कांग्रेस के निलंबित विधायक राहुल ममकूटथिल की अग्रिम जमानत याचिका पर दलीलें सुनीं। विधायक ने दावा किया है कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित है।
तिरुवनंतपुरम जिला एवं प्रधान सत्र अदालत ने बंद कमरे में दलीलें सुनने के बाद मामले को बृहस्पतिवार को आगे विचार के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
इसने ममकूटाथिल को गिरफ्तारी से कोई अंतरिम संरक्षण नहीं दिया।
पिछले सप्ताह पलक्कड़ विधायक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64(2)(एफ) (विश्वास या प्राधिकार की स्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा बलात्कार), 64(2)(एच) (महिला के गर्भवती होने के बारे में जानते हुए बलात्कार), 64(2)(एम) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 89 (सहमति के बिना गर्भपात कराना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और 3(5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने कथित रिकॉर्डिंग और निजी तस्वीरों के दुरुपयोग की धमकी देने के आरोप में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (ई) भी लगाई है।
शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को शिकायत सौंपी थी जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसके बाद से ममकूटाथिल फरार हैं।
इसके बाद, एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और ममकूटाथिल को देश छोड़ने से रोकने के लिए एक ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किया गया।
जब एसआईटी मामले की जांच कर रही थी, उसी दौरान एक अन्य महिला ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की नई शिकायत दर्ज कराई।
केरल से बाहर रहने वाली 23 वर्षीय महिला ने पार्टी अलाकमान और प्रदेश कांग्रेस को अपनी शिकायत भेजी।
कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को बताया कि प्रदेश कांग्रेस को भेजी गई शिकायत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भेज दी गई है। ममकूटाथिल को 25 अगस्त को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था।
भाषा नोमान नरेश
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