नई दिल्ली: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को केंद्र सरकार की आलोचना की कि उसने चुनावी सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) पर संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी. उन्होंने इस कदम को “देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के लिए हानिकारक” बताया.
ऊपरी सदन में नए चेयरपर्सन सी.पी. राधाकृष्णन और खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जबकि विपक्षी सांसद लगातार SIR पर बहस की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे.
संसद भवन के बाहर खड़गे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सांसद SIR प्रक्रिया के खिलाफ अपनी “लड़ाई” जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा, “विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है और SIR मामले पर गंभीर चर्चा चाहता है. लेकिन चेयरमैन ने अनुमति नहीं दी, और सरकार चर्चा को तैयार नहीं है. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. हम आज भी लड़ेंगे और कल भी. वे हमें बोलने नहीं देते. वे यह भी नहीं बताते कि किन सदस्यों ने नोटिस दिया और विषय क्या था.”
आज सुबह, विपक्ष की नारेबाजी के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित होने से पहले, खड़गे ने चेयर को संबोधित करते हुए कहा कि नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस देने वाले सांसदों के नाम सदन में स्वीकार नहीं किए जाते.
उन्होंने कहा, “नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का उद्देश्य सदन में बताया जाना चाहिए. लेकिन अचानक यह होने लगा है कि नोटिस देने वाले सदस्यों के न तो नाम पढ़े जाते हैं और न ही नोटिस का विषय. मैं आपको असहज नहीं करना चाहता. लेकिन पहले के चेयर केवल नड्डा जी को देखते थे और अब आप सिर्फ हमें देखते हैं.”
इन टिप्पणियों से खड़गे और चेयरमैन राधाकृष्णन के बीच गर्म बहस हो गई, जिससे संसदीय प्रक्रिया और पारदर्शिता को लेकर तनाव साफ दिखा.
विपक्षी सांसद लगातार SIR मुद्दा उठा रहे हैं. इंडिया ब्लॉक ने संसद के मकर द्वार पर भी विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने “स्टॉप SIR-स्टॉप वोट चोरी” लिखी तख्तियां और बैनर पकड़े हुए थे.
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