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Tuesday, 25 November, 2025
होमदेश'दिल्ली पुलिस पर चिली स्प्रे, हिडमा समर्थन में नारे' के लिए 22 छात्र न्यायिक हिरासत में

‘दिल्ली पुलिस पर चिली स्प्रे, हिडमा समर्थन में नारे’ के लिए 22 छात्र न्यायिक हिरासत में

पुलिस का आरोप है कि इंडिया गेट के पास दिल्ली कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर के बैनर तले हुआ प्रोटेस्ट बिना इजाज़त के था, और प्रोटेस्ट करने वालों पर पार्लियामेंट स्ट्रीट स्टेशन को घेरने का आरोप लगाया.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को 22 छात्रों को गिरफ्तार किया और उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस का आरोप है कि छात्रों ने “अनधिकृत” जगह पर प्रदर्शन किया, पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे से हमला किया और मारे गए माओवादी कमांडर मदवी हिड़मा के समर्थन में नारे लगाए.

ये गिरफ्तारी दो एफआईआर दर्ज होने के बाद की गई, एक कर्तव्य पथ थाने में और दूसरी पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में. शुरुआत में, पुलिस ने इंडिया गेट के पास सी-हेक्सागन से छह छात्रों को गिरफ्तार किया, जहां वे कथित तौर पर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में जब पुलिस ने इलाके को खाली कराने की कोशिश की, तो स्थिति हिंसक हो गई और प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे किया.

गिरफ्तार छात्रों को पटियाला हाउस कोर्ट में दो न्यायिक मजिस्ट्रेटों के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत में, दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल के वीडियो पेश किए जिनमें प्रदर्शनकारियों द्वारा नारे लगाते हुए दिखाया गया.

जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ले जाने लगी, तो प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कथित तौर पर थाने को घेर लिया और नारेबाजी की. इसके बाद पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई.

पहली एफआईआर में कर्तव्य पथ थाने ने आठ प्रदर्शनकारियों को नामजद किया, जबकि दूसरी एफआईआर में अज्ञात आरोपियों को शामिल किया गया, जो ज्यादातर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र बताए जाते हैं और भगत सिंह छात्र एकता मंच, हिमखंड दिशा और आइसा, एसएफआई जैसी छात्र यूनियनों के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे.

22 आरोपियों में से 14 की पहचान आकाश, अहान, अक्षय, विष्णु, प्रकाश, समीर, प्रीति, सत्यम्, आयशा, मेहुल, वगीशा, नोय, क्रांति और करीना के रूप में हुई है.

दोनों मामलों में गिरफ्तार कुल 22 में से 14 छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता दीक्षा और अहमद इब्राहिम ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया और दावा किया कि छात्रों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, मजिस्ट्रेटों ने जांच में छात्रों के सहयोग न करने और जांच की शुरुआती अवस्था का हवाला देते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

‘हिडमा समर्थक नारे’

दो एफआईआर में से पहली, जिसे दिप्रिंट ने देखा है, में इंडिया गेट सर्कल पर तैनात एक दिल्ली पुलिस कर्मी ने बताया कि रविवार शाम 4 बजे तक कर्तव्य पथ पर पुलिस बल की बड़ी तैनाती कर दी गई थी क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि उसी समय से वहां धरना शुरू होना है.

अधिकारी ने आगे बताया कि यह विरोध एआईएसए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) के कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली को-ऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर के बैनर तले आयोजित किया जाना था.

करीब 4.15 बजे पुलिस ने देखा कि कुछ छात्र इंडिया गेट पर इकट्ठा हो गए थे. वे बैनर लिए हुए थे और नारे लगा रहे थे.

इसके बाद उन्हें BNSS की धारा 163 के बारे में बताया गया, जो अधिकारियों को आपात स्थिति में आदेश जारी करने का अधिकार देती है और जो CrPC की धारा 144 की जगह लेती है. साथ ही उन्हें कहा गया कि इंडिया गेट एक पर्यटन स्थल है, इसलिए यहां विरोध प्रदर्शन “बंद” है.

अगले 15–20 मिनट में, एफआईआर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने नारे तेज कर दिए और इंडिया गेट स्मारक के और करीब जाने लगे. इसमें कहा गया कि वे बैरिकेड्स कूदकर सड़क रोककर विरोध करने की कोशिश कर सकते थे.

कर्मी ने आगे बताया कि छात्रों ने चेतावनियों को अनदेखा कर दिया और बैरिकेड्स पार करते हुए हिडमा के समर्थन में नारे लगाने लगे.

मौके पर तैनात अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने “हिडमा अमर रहे”, “कितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा”, “हिडमा जी को लाल सलाम” जैसे नारे लगाए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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