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Tuesday, 25 November, 2025
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पार्थ पवार की कंपनी ने 21 करोड़ रुपये के स्टाम्प शुल्क नोटिस पर और समय मांगा

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पुणे, 25 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी ने भूमि सौदे के एक मामले में स्टाम्प शुल्क के तौर पर 21 करोड़ रुपये का भुगतान करने के निर्देश वाले नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है।

पार्थ पवार की बहुलांश भागीदारी वाली अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी ने सोमवार को नोटिस की समाप्ति के अंतिम दिन निबंधन महानिरीक्षक (आईजीआर) कार्यालय से संपर्क किया, जिसने फर्म को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया था।

आईजीआर कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘फर्म और उसके हिस्सेदार, दिग्विजय पाटिल का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकीलों का एक दल अधिकृत पत्र के साथ आईजीआर कार्यालय पहुंचा। उन्होंने नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगने वाला एक आवेदन जमा किया। इस नोटिस में फर्म को स्टाम्प शुल्क के रूप में 21 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।’

उन्होंने कहा कि आवेदन स्वीकार कर लिया गया है और समय बढ़ाने का निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।

मुंढवा के प्रमुख इलाके में 40 एकड़ का भूखंड फर्म को बेचने का 300 करोड़ रुपये का यह सौदा, जमीन सरकार की होने और खरीद पर फर्म को स्टाम्प शुल्क से छूट दिए जाने की बात सामने आने के बाद जांच के दायरे में आ गया था।

विवाद के बाद दिग्विजय पाटिल और एक सरकारी अधिकारी समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी में पार्थ पवार का नाम नहीं था।

राजनीतिक विवाद के बीच अजित पवार ने घोषणा की कि यह सौदा रद्द कर दिया जाएगा।

आईजीआर कार्यालय द्वारा की गई जांच में पाटिल, शीतल तेजवानी (जिनके पास पॉवर ऑफ अटॉर्नी थी) तथा उप-निबंधक रवींद्र तरू (जिन्होंने जमीन का बैनामा कराया था) को अनियमितताओं के लिए अभ्यारोपित किया गया था।

भाषा सुमित वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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