नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का शपथ समारोह बेहद खास और ऐसा आयोजन था, जिसमें वे सभी लोग शामिल हुए जिन्होंने उनकी ज़िंदगी और करियर को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई.
सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सोमवार सुबह हुए इस कार्यक्रम में न सिर्फ स्कूल और कॉलेज के उनके पुराने दोस्त शामिल थे, बल्कि उनके कॉलेज और लॉ के वो प्रोफेसर भी आए जिन्होंने पहले वकील और बाद में जज के तौर पर उनके करियर को आकार दिया.
सूत्रों के अनुसार, 235 मेहमानों की सूची जस्टिस सूर्यकांत ने खुद तैयार की थी. वह चाहते थे कि न्यायपालिका के शीर्ष पद तक पहुंचने की उनकी यात्रा में जिन्होंने उनका साथ दिया, वे इस ऐतिहासिक पल को खुद देखें.
हालांकि, कार्यक्रम में करीब 1,000 लोग मौजूद थे, लेकिन राष्ट्रपति भवन के अंदर उन्हीं 235 मेहमानों को बैठने दिया गया जिन्हें उन्होंने चुना था. बाकी लोग सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में बैठे, जहां समारोह का लाइव प्रसारण हो रहा था.
उनके परिवार के सदस्य हिसार से आए थे. इसके अलावा, हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की उनकी टीचर उषा दहिया और महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के उनके प्रोफेसर रणबीर सिंह और के.पी.एस मेहलवाल भी कार्यक्रम में शामिल रहे.
जस्टिस सूर्यकांत ने अपने गांव के हर समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों को भी बुलाया. एक सूत्र ने बताया, “क्योंकि वह हिसार के पहले निवासी हैं जो इस पद तक पहुंचे हैं, इसलिए वह बहुत इच्छुक थे कि उनके गांव के लोग इस पल का हिस्सा बनें.”
उन्होंने अपनी मेहमान सूची सिर्फ अपने बैचमेट या समकालीनों तक सीमित नहीं रखी. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कठिन दिनों के दौरान जिन्होंने उन्हें मार्गदर्शन दिया, उन वरिष्ठ वकीलों को भी उन्होंने आमंत्रित किया—भले ही वे अब प्रैक्टिस में सक्रिय न हों.
जस्टिस सूर्यकांत चाहते थे कि उनके शुरुआती संघर्ष के दिनों में मिले समर्थन के लिए वह सार्वजनिक रूप से उनका आभार जता सकें.
हिसार जिला अदालत में 1984 में जब उन्होंने वकालत शुरू की, उस समय के उनके करीबी दोस्त भी मौजूद थे, ताकि वे अपने साथी को देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचते देख सकें.
सूची में अन्य राज्यों के वकील भी शामिल थे, जैसे श्रीनगर, केरल और गुवाहाटी से. एक अन्य सूत्र ने कहा, “आमतौर पर सीजेआई बनने वाले जज के अपने राज्य के वकील ही अधिक संख्या में आते हैं. आज पंजाब और हरियाणा से भी बहुत वकील आए थे, लेकिन उनमें से ज़्यादातर (कुछ वरिष्ठों को छोड़कर) ऑडिटोरियम में बैठे थे. सीजेआई चाहते थे कि राष्ट्रपति भवन में क्षेत्रीय विविधता अधिक दिखाई दे, इसलिए अन्य राज्यों के वकीलों को भी निमंत्रण भेजा गया.”
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की पूरी न्यायिक टीम भी ऑडिटोरियम में मौजूद थी. दिल्ली आए एक हाईकोर्ट के जज ने कहा, “वे हरियाणा से पहले जज हैं जो सीजेआई बने हैं, हम सबके लिए बहुत गर्व का मौका है.”
पहली बार, कई विदेशी देशों के मुख्य न्यायाधीश और जज भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इनमें भूटान, श्रीलंका, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस और नेपाल शामिल थे. मीडिया से बातचीत में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये आमंत्रण अन्य देशों की न्यायिक प्रणालियों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है.
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