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Sunday, 23 November, 2025
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मुथुसामी और यानसन की पारियों से दक्षिण अफ्रीका का बड़ा स्कोर

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गुवाहाटी, 23 नवंबर (भाषा) सेनुरन मुथुसामी ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया जबकि मार्को यानसन केवल सात रन से यह उपलब्धि हासिल करने से चूक गए लेकिन इन दोनों की शानदार पारियों की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ दूसरे एवं अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन रविवार को यहां अपनी पहली पारी में 489 रन का विशाल स्कोर बनाया।

मुथुसामी ने 206 गेंद पर 109 रन बनाए जिसमें 10 चौके और दो छक्के शामिल हैं। यानसन ने भारतीय स्पिनरों को निशाने पर रखकर 91 गेंद पर छह चौकों और सात छक्कों की मदद से 93 रन की तूफानी पारी खेली। इन दोनों ने आठवें विकेट के लिए 97 रन जोड़कर दक्षिण अफ्रीका का बड़ा स्कोर सुनिश्चित किया।

भारत ने इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी पहली पारी में 6.1 ओवर में बिना किसी नुकसान के नौ रन बनाए हैं। यशस्वी जायसवाल (नाबाद सात) और केएल राहुल (नाबाद दो) ने दिन के आखिर में मौका मिलने पर किसी तरह का जोखिम उठाना उचित नहीं समझा लेकिन पिच अब भी सपाट है और इस पर भारतीय बल्लेबाजों से बड़ी पारियों की उम्मीद की जा सकती है।

दक्षिण अफ्रीका ने सुबह अपनी पारी छह विकेट पर 247 रन से आगे बढ़ाई और मुथुसामी की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों की एक नहीं चलने दी। भारत को पहले दो सत्र में एकमात्र सफलता काइल वेरिन (45) के रूप में मिली जिन्हें रविंद्र जडेजा ने स्टंप आउट कराया लेकिन इससे पहले उन्होंने दो घंटे तक टिककर अपना काम पूरा कर दिया था। मुथुसामी और वेरिन ने सातवें विकेट के लिए 88 रन की साझेदारी की।

भारतीय गेंदबाजों में केवल जसप्रीत बुमराह ही कुछ प्रभावशाली दिखे लेकिन बाद में वह भी थके हुए नजर आए। तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और तीनों स्पिनर दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के सामने बेअसर दिखे।

मुथुसामी सुबह के सत्र में सतर्क नजर आए। उन्होंने तब बीच-बीच में चौके लगाए लेकिन यानसन के आने के बाद वह भी आक्रामक हो गए जिससे भारतीय गेंदबाजों की मुश्किल बढ़ गई।

मुथुसामी ने कुलदीप यादव पर छक्का जड़कर अपनी रन संख्या 90 रन के पार पहुंचाई। इसके बाद उन्होंने इसी गेंदबाज पर चौका लगाया और फिर सिराज की गेंद पर दो रन लेकर अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया।

यह पता नहीं है कि भारतीय टीम प्रबंधन और उनके डेटा विश्लेषक ने मुथुसामी पर कोई होमवर्क किया था या नहीं, जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे टेस्ट में नाबाद 89 रन बनाकर अपनी टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही नहीं टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 46 से अधिक है।

रिकार्ड के लिए बता दें कि यह उनका 10वां प्रथम श्रेणी शतक है और इससे पहले उन्होंने घरेलू क्रिकेट में 5000 से अधिक रन बनाए थे।

जब जडेजा की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट करार दिया गया तो उन्होंने डीआरएस लेकर अपना विकेट बचा लिया, क्योंकि टीवी रिप्ले में दिख रहा था कि गेंद उनके दस्तानों को छूकर गई थी। मुथुसामी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुथुसामी का विकेट आखिर में सिराज को मिला। गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरा गई जहां जायसवाल ने उसे कैच में तब्दील करने में कोई गलती नहीं की। यानसन ने हालांकि गेंदबाजों पर अपना दबदबा बनाए रखा। विशेषकर कुलदीप उनके निशाने पर थे लेकिन आखिर में इसी स्पिनर ने उन्हें बोल्ड करके केवल सात रन से पहले टेस्ट शतक से वंचित कर दिया।

कुलदीप भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 115 रन देकर चार विकेट लिए। बुमराह, सिराज और जडेजा ने दो-दो विकेट हासिल किया जबकि वाशिंगटन सुंदर और नीतीश कुमार रेड्डी को एक भी विकेट नहीं मिला। भारत ने कुल 151.1 ओवर डालें जिसमें नीतीश ने केवल छह ओवर किए।

भाषा

पंत नमिता

नमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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