नई दिल्ली: कांग्रेस ने उन सेवानिवृत्त सिविल सेवकों, जजों, सेना अधिकारियों और राजनयिकों पर तीखा हमला बोला है जिन्होंने राहुल गांधी पर चुनाव आयोग (ईसी) की छवि खराब करने का आरोप लगाया था.
मुख्य विपक्षी पार्टी का आरोप है कि जिन लोगों ने राहुल को निशाना बनाया, उनमें से कई या तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य हैं या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं, जबकि कुछ पर “गंभीर भ्रष्टाचार के मामले” भी चल रहे हैं.
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर 272 हस्ताक्षरकर्ताओं पर कई तरह के आरोप लगाए.
कांग्रेस के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट ने भी इन हस्ताक्षरकर्ताओं,16 पूर्व जज, 123 पूर्व सिविल सेवक और 133 पूर्व सैन्य अधिकारी, पर सवाल उठाते हुए कई पोस्ट किए.
आइए, 272 'Eminent छिछोरों' से मिलवाते हैं 👇 pic.twitter.com/BItF5ZQllU
— Congress (@INCIndia) November 21, 2025
श्रीनेत ने आरोप लगाया कि इन सभी ने राहुल द्वारा दिखाए गए “मतदाता धोखाधड़ी के साफ सबूत” को इसलिए अनदेखा किया क्योंकि वह खुद ही किसी न किसी तरह से समझौता किए हुए हैं.
उन्होंने पोस्ट किया, “क्या यह इसलिए है क्योंकि इन 272 लोगों में से ज़्यादातर BJP के सदस्य हैं या फिर आरएसएस, विवेकानंद फाउंडेशन, इंडिया फाउंडेशन से जुड़े हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोगों पर गंभीर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं?
उन्होंने एक्स पर लिखा, “ये लोग लोकतंत्र की परवाह करने वाले नहीं हैं. राहुल गांधी पर हमला करना दरअसल उनके खुद के मामलों में बचाव पाने के लिए ‘क्विड प्रो क्वो’ है.”
कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की प्रमुख श्रीनेत ने कहा कि जो हस्ताक्षरकर्ता खुद को प्रतिष्ठित नागरिक बता रहे हैं, उनमें से कई वास्तव में बीजेपी के सदस्य हैं.
उन्होंने जिन लोगों के नाम लिए, उनमें शामिल हैं: जस्टिस (रिटायर्ड) पी.एम. रविंद्रन, पूर्व R&AW प्रमुख संजीव त्रिपाठी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव I.Y.R. कृष्णा राव, पूर्व राजदूत भास्वती मुखर्जी, केरल के पूर्व DGP टी.पी. सेनकुमार, झारखंड की पूर्व DGP निर्मल कौर, कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव बी.एच. अनिल कुमार, पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव, लेफ्टिनेंट जनरल डी.पी. वत्स (रिटायर्ड) और मेजर जनरल पी.सी. खर्बंदा (रिटायर्ड).
272 ‘EMINENT’ people have criticised Leader of the Opposition @RahulGandhi for exposing Vote Chori and raising pertinent questions before the Election Commission.
So who are these eminent people? Why are they not worried about glaring proof of voter fraud that Rahul Gandhi has… pic.twitter.com/zPUe6ZnWYs
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 21, 2025
उन्होंने पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्ता, सेवानिवृत्त जज आदर्श कुमार गोयल और हेमंत गुप्ता के नाम भी लिए, जिन्हें क्रमशः आरएसएस से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा बताया गया.
इसके अलावा, उन्होंने पांच ऐसे हस्ताक्षरकर्ताओं के नाम भी गिनाए जो या तो इंडिया फाउंडेशन या विवेकानंद फाउंडेशन से जुड़े हैं, दोनों को आम तौर पर सत्ता-समर्थक थिंक टैंक माना जाता है. उन्होंने सात ऐसे लोगों की भी सूची दी जिन पर कथित रूप से भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं.
श्रीनेत ने आरोप लगाया, “ये लोग लोकतंत्र की परवाह करने वाले नहीं हैं. राहुल गांधी पर हमला करना उनके अपने मामलों से बचने का तरीका है, लेकिन भारत सब जानता है कि क्या हो रहा है और राहुल जी को बदनाम करने की कोई कोशिश सफल नहीं होगी.”
राहुल को निशाना बनाने वाले पत्र में कहा गया था कि उनकी “वोट चोरी” वाली बात एक “सुविधाजनक बहाना” है, जिससे यह धारणा बनाई जा सके कि चुनावी हार रणनीति की वजह से नहीं, बल्कि साज़िश की वजह से हुई.
पत्र में यह भी कहा गया था, “भारत का लोकतंत्र उन संस्थानों पर टिका है जिन्हें हमारे संस्थापक नेताओं ने बनाया था, जिन्होंने गंभीर मतभेदों के बावजूद सिद्धांतों और अनुशासन के साथ राजनीति की. उन्होंने लोकतांत्रिक ढाँचों की पवित्रता की रक्षा की, भले ही उनके पास उन्हें चुनौती देने के पर्याप्त कारण हों. वे उन्हें कमजोर नहीं करना चाहते थे, बल्कि मज़बूत करना चाहते थे.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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