लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बिजनौर की जिला मजिस्ट्रेट जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, क्योंकि उन्होंने नोटिस मिलने के बावजूद मुख्य स्थायी अधिवक्ता के कार्यालय से संपर्क करके जवाब दाखिल नहीं किया।
अदालत ने बिजनौर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को वारंट तामील करने और अगली सुनवाई में कौर की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई पांच जनवरी को निर्धारित की गई है।
न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल पीठ ने विक्रम सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को उच्च न्यायालय ने बिजनौर जिला स्तरीय जाति जांच समिति को आदेश दिया था कि वह जाति निर्धारण के अनुरोध से जुड़े उनके आवेदन पर तीन महीने में निर्णय ले।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि आदेश की एक प्रति समिति की अध्यक्ष व जिला मजिस्ट्रेट को भी दी गई थी। इसके बावजूद, तीन महीने बीत जाने के बाद भी उनके आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया गया। याचिकाकर्ता ने अदालती आदेश की इस अवमानना के लिए जिला मजिस्ट्रेट को दंडित करने का अनुरोध किया।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जिला मजिस्ट्रेट ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए मुख्य स्थायी अधिवक्ता के कार्यालय से संपर्क नहीं किया, जिसके कारण कार्यालय जवाब दाखिल नहीं कर सका।
जिला मजिस्ट्रेट के इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।
भाषा सं जफर जोहेब
जोहेब
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